
पस्टुलर सोरायसिस एक त्वचा की स्थिति है जो लाल, पपड़ीदार त्वचा पैच का कारण बनती है। यह शरीर पर कहीं भी हो सकता है, लेकिन यह अक्सर घुटनों और कोहनी के आसपास पाया जाता है। सोरायसिस किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन 15 से 35 वर्ष की आयु में लोगों को पस्टुलर सोरायसिस ज्यादा होती है। वहीं 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए यह स्थिति वैसे तो कम है पर जब होती है तो भयानक रूप ले लेती है। इसमें एक बात का ख्याल रखें कि सोरायसिस संक्रामक नहीं है, न ही ये कोई संक्रमण है। ये वास्तव में विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकता है। ज्यादातर लोगों को ये छालरोग के रूप में होता है, जो सफेद, गैर-संक्रामक मवाद से भरे छाले (pustules) पैदा करते हैं। आइए जानते हैं इस रोग और इसके लक्षण और इनसे बचने के उपायों के बारे में।
पस्टुलर सोरायसिस क्या है?
पस्टुलर सोरायसिस अन्य प्रकार के छालरोग के संयोजन के साथ हो सकता है, जैसे कि पट्टिका छालरोग यानी कि पस्टुलर सोरायसिस। ये किसी भी विशेष क्षेत्र में हो सकता है जैसे कि हाथ और पैरों में या शरीर के अन्य हिस्सों जैसे जांघ और कमर। लेकिन चेहरे पर ऐसा कम ही देखने को मिलता है। यह आमतौर पर त्वचा के जिस क्षेत्र में होता है, वहां पहले कुछ छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। फिर कुछ ही घंटों के भीतर, नॉनटीनसियस मवाद के बड़े फफोले का भी रूप ले सकते हैं। अंत में ये फफोले भूरे और क्रस्टी बन जाते हैं। उनके छिल जाने के बाद, त्वचा चमकदार या पपड़ीदार दिखाई दे सकती है।
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क्यों होता है पस्टुलर सोरायसिस?
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है। ये आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इमिन्यून सिस्टम) के कमजोर हो जाने या वाइट ब्लड सेल्स में किसी परेशानी के कारण हो सकती है। वहीं इसके अन्य कारणों में से हैं-
- दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड
- कुछ ऐसा जो आपकी त्वचा को परेशान करता है, जैसे कि सामयिक क्रीम या कोई खराब मेकअप प्रोडक्ट
- बहुत अधिक धूप
- तनाव
- गर्भावस्था
- संक्रमण
- हार्मोन
- बैक्टीरियल इंफेक्शन
- दो विशिष्ट जीन (IL36RN या CARD14) में से एक में एक में जीन म्यूटेशनों जो इसे ट्रिगर करता है।से एक भड़कना बंद कर सकता है।
पस्टुलर सोरायसिस के प्रकार-
वहीं पुस्टुलर सोरायसिस प्रकार का बात करें तो ये तीन प्रकार के होते हैं, जिसके आधार पर छाले होने की गति तेज या धीमी हो जाती है। ये यह भी तय करता है कि वे दाने कितनी तेजी से पॉप अप होंगे।
- - पामोप्लांटार पस्टुलोसिस (पीपीपी): इसमें शरीर के छोटे क्षेत्रों पर फफोले बन जाते हैं, आमतौर पर हथेलियां या पैरों के तलवे पर। मवाद से भरे ये धब्बे भूरे रंग के हो सकते हैं, छील सकते हैं या ऊपर से पपड़ी हो सकती है। ऐसे में त्वचा फट सकती है। ये उन लोगों में ज्यादा होती है, जो बहुत ज्यादा धूम्रपान करते हैं।
- -एकरो सोरायसिस : ये छोटे, बहुत दर्दनाक घाव उंगलियों या पैर की उंगलियों पर पॉप अप होते हैं। दर्द आपकी उंगलियों या पैर की उंगलियों का उपयोग करना कठिन बना सकता है। दुर्लभ मामलों में, यह नाखून या यहां तक कि हड्डी के नुकसान का कारण बन सकता है।
- - सामान्य सोरायसिस: ये लाल और दर्दनाक त्वचा के धब्बे शरीर के एक विस्तृत क्षेत्र पर दिखाई देते हैं और मवाद से भरे छाले के रूप में खत्म हो जाते हैं। इसमें त्वचा में बहुत खुजली हो सकती है बहुत थकान आदि भी इसमें महसूस हो ती है। बुखार, ठंड लगना, निर्जलीकरण, मतली, कमजोर मांसपेशियों, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, एक तेज नाड़ी या वजन कम हो सकता है।
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पस्टुलर सोरायसिस का इलाज
- -पस्टुलर सोरायसिस के इलाज की बात करें, तो इसमें पहले तो इसके कारणों को ध्यान में रख कर उन्हें करने से रोकना होगा। जैसे धूम्रपान बंद करें।
- -घावों के इलाज के लिए सबसे पहले एक स्टेरॉयड क्रीम का इस्तेमाल करें। कोयला टार या सैलिसिलिक एसिड क्रीम त्वचा में मदद कर सकता है।
- -आप लोशन लगा सकते हैं।
- -सूती कपड़े पहनें।
- -पीपीपी और एक्रोपेस्टुलोसिस का प्रकोप जिद्दी हो सकता है, इसलिए इसमें अपने डॉक्टर की मदद लें।
- - वहीं सूजन वाली त्वचा पर यूवा रेज से बच कर रहें।
- - इलाज में कुछ दवाइयां शामिल हैं जैसे- कोर्टिकोस्टीराइडस, रेटिनोइड, एंथ्रालीन,विटामिन डी, सेलसिलिक एसिड आदि।
Source:WebMd
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