माइग्रेन और ब्रेन स्‍ट्रोक के बीच के संबंधों को जानें

सिरदर्द की सामान्य को हल्‍के में न लें, क्‍योंकि यह माइग्रेन से भी जुड़ा हो सकता है, और माइग्रेन का बढ़ता रूप आपको ब्रेन स्ट्रोक दे सकता है, इसलिए इसको बिलकुल भी नजरअंदाज न करें।
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माइग्रेन और ब्रेन स्‍ट्रोक के बीच के संबंधों को जानें

क्या आपको माइग्रेन की समस्या है, तो सावधानी बरतें, क्योंकि ये आपको ब्रेन स्ट्रोक भी दे सकता है। कई बार हम माइग्रेन और स्ट्रोक के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं, ये भी एक समस्या है। न्यूरोलॉजी से संबंधित किसी रोग पर अगर समय से ध्यान नहीं दिया जाए तो बाद में ये बड़ी परेशानी का सबब बन जाते हैं। हमारी नसें ना सिर्फ शरीर की सवेंदनाओं की वाहक होती है बल्कि मस्तिष्क का भी महत्वपूर्ण भाग होती है। स्ट्रोक का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। इस बारें में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें यह लेख।


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क्या होता है माइग्रेन

माइग्रेन में सिर के आधे हिस्से में दर्द रहता है, जबकि आधा दर्द से मुक्त होता है। जिस हिस्से में दर्द होता है, उसकी भयावह चुभन भरी पीड़ा से आदमी ऐसा त्रस्त होता है कि सिर क्या बाकी शरीर का होना भी भूल जाता है। माइग्रेन मूल रूप से तो न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। ये कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

क्या होता है ब्रेन स्ट्रोक

ब्रेन स्ट्रोक में मस्तिष्क की कोशिकाएं अचानक मृत हो जाती हैं। ऐसा मस्तिष्क में खून का थक्‍का बनने, ब्लीडिंग होने या रक्त संचरण के सुचारु रूप से न होने के कारण हो सकता है। रक्त संचार में रुकावट आने पर कुछ मिनट में मस्तिष्क की कोशिकाएं मृत होने लगती हैं, क्योंकि उनमें ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है। जब मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली नलिकाएं फट जाती हैं, तो इसे ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं। ब्रेन स्ट्रोक के कारण लकवा, याद्दाश्त जाना, बोलने में असमर्थता जैसी स्थितियां आ सकती हैं।

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माइग्रेन और ब्रेन स्ट्रोक में संबध

माइग्रेन से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक का खतरा अन्य लोगों की तुलना में दोगुना होता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके इस नए शोध से स्ट्रोक के प्रति संवेदनशीलता का अध्ययन करने में मदद मिल सकेगी। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा इसपर शोध किया गया, इसके लिए 21 अलग-अलग अध्ययनों के परिणामों का विश्लेषण किया गया। इन शोधों में लगभग दो लाख लोगों को शामिल किया गया था। वैज्ञानिकों ने इससे पता लगाया कि माइग्रेन के मरीजों में स्ट्रोक का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा होता है।

धूम्रपान के साथ दिनचर्या से जुड़ी अस्‍वस्‍थ आदतें भी माइग्रेन का कारण हो सकती हैं, इसलिए अगर सिर के आधे हिस्‍से में दर्द है तो इसे गंभीरता से लें और चिकित्‍सक से संपर्क करें।

ImageCourtesy@GettyImages

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