बदलती जीवनशैली और गलत खानपान में किसी को भी सिरदर्द होना एक आम बात है। सिरदर्द का अर्थ है सिर के एक या एक से अधिक हिस्सों के साथ गर्दन के पिछले भाग और (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के झिल्लीदार कवरिंग) में हल्के से लेकर तेज दर्द का एहसास होना। सिर दर्द के कई कारण होते हैं, हालांकि ज्यादातर सिरदर्द किसी गंभीर बीमारी की वजह से नहीं होते। आमतौर पर सिरदर्द अनिद्रा, दांतों में दर्द, थकान, गलत दवाओं, चश्मे का नंबर बढ़ने, मौसम बदलने पर हो सकता है।
यह समस्या किसी को भी हो सकती है। लगभग 45 लाख अमेरिकी (छह में लगभग एक) प्रत्येक वर्ष तीव्र सिरदर्द से पीड़ित होते हैं। सिर में तेज दर्द होने के कारण काम करना भी मुश्किल हो जाता है इसलिए सिरदर्द आपको मानसिक और शारीरिक रूप से भी प्रभावित करता है।
सिरदर्द के प्रकार
आमतौर पर दो कारणों से लोगों को सिरदर्द की समस्या होती है, इसलिए डॉक्टर ने सिरदर्द को दो श्रेणियों में बांटा है - प्राथमिक और द्वितीयक सिरदर्द। प्राथमिक सिर दर्द किसी भी व्यक्ति की आंतरिक समस्या से नहीं जुड़ा है। जबकि सेकेंडरी सिरदर्द संक्रमण, बुखार, सिर पर चोट, हाइपोग्लाइसीमिया, ट्यूमर, दांतों की समस्या या सिर पर दबाव और साइनस के कारण होता है।
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प्राथमिक सिरदर्द
प्राथमिक सिरदर्द बहुत ज्यादा रक्त के प्रवाह के कारण होता है। अगर आप कैफीन का सेवन करते हैं, तो इससे मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम होता है, लेकिन जैसे ही आपने कैफीन का सेवन बंद कर दिया तो इसके कारण रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और यही सिरदर्द का कारण भी बनता है। प्राथमिक सिरदर्द के तीन मुख्य कारण हैं: क्लस्ट सिरदर्द, तनाव से सिरदर्द और माइग्रेन।
क्लस्टर सिरदर्द
क्लस्टर सिरदर्द में चेहरे, सिर और गर्दन के एक हिस्से में ही दर्द होता है। यह दर्द दोनों हिस्सों को प्रभावित नहीं करता है। जब इस तरह का सिर दर्द हो तो नीचे बिल्कुल ना झुकें। इससे दर्द और बढ़ सकता है। ऐसे में आपको एल्कोहल और धूम्रपान की आदत को छोड़ देना चाहिए।
तनाव से होने वाला सिरदर्द
तनाव से होने वाले सिरदर्द में सिर का पूरा हिस्सा या दोनों साइड प्रभावित होती हैं। इस दौरान शारिरीक गतिविधि का सिरदर्द पर कोई असर नहीं होता है। ये मांसपेशियों में सिकुड़न के कारण होता है। ये सिरदर्द लंबे समय तक तनाव के रहने के कारण होता है। 90 प्रतिशत सिरदर्द इसी कारण होते हैं और आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।
माइग्रेन
यह दर्द सिर के एक हिस्से में और आंखों के पीछे होता है। अगर आप इस दौरान सामान्य शारीरिक गतिविधि करते हैं तो दर्द बढ़ सकता है। माइग्रेन की समस्या ज्यादातर आनुवंशिक होती है। यह सिरदर्द हर किसी में अलग-अलग होती है। माइग्रेन में दर्द कई बार धीरे तो कई बार तेज होता है। इसका कारण किसी भोज्य पदार्थ से एलर्जी भी हो सकती है।
सेकेंडरी सिरदर्द
इस तरह का सिरदर्द आपके शरीर में अन्य समस्याओं का परिणाम है। उदाहरण के लिए, फ्लू की समस्या होने पर आपको सिरदर्द की समस्या होती है। लेकिन बीमारी के ठीक होते ही इस तरह का सिरदर्द भी अपने आप ठीक हो जाता है।
अधिकांश सिरदर्द दर्द एस्पिरिन जैसी दवाओं अधिक सेवन के कारण भी हो सकता है, एसिटामिनोफेन (Tylenol), इबुप्रोफेन (Motrin) और अन्य गैर स्टेरायडल एंटी-इफ्लेमेंटरी दवाएं भी सिरदर्द का कारण बन सकती हैं। लेकिन क्रोनिक, लगातार और बार-बार सिरदर्द का अनुभव होने पर आपको चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
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