Gynecological Infection in Hindi: महिलाओं को अपनी सेहत और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। दरअसल, महिलाओं को प्रजनन अंग जैसे वजाइना, ओवरी, सर्विक्स, यूट्रेस औरे फैलोपियन ट्यूब से संबंधित इंफेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है। इस तरह की समस्याओं को गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन (Gynecological Infection) कहा जाता है। इन समस्या की ओर ध्यान न देने से महिलाओं को अन्य गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे में महिलाओं को अपने पीरियड्स के दौरान स्वच्छता पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। लेकिन, कई बार पसीने या अन्य समस्याओं के चलते भी बैक्टीरिया (bacterial infection), वायरस और फंगस की वजह से महिलाओं को गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन हो सकता है। इस लेख में आगे साईं पॉलिक्लीनिक न्यू अशोक नगर की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि महिलाओं को गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन क्यों होता है। साथ ही, गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन के लक्षणों को भी विस्तार से बताया गया है।
गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन के कितने प्रकार हो सकते हैं?
गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन में वजाइनल इंफेक्शन, सर्वाइकल इंफेक्शन, पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज, एंडोमेट्राइटिस और वुल्वोवैजिनल कैंडिडिआसिस (यीस्ट संक्रमण) आदि को शामिल (Gynecological Infection) किया जाता है। यह सभी महिला के प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याएं हैं, जिनका समय पर इलाज किया जाना बेहद आवश्यक होता है।
गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन के क्या कारण होते हैं?
गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन होने के कारण (Causes Of Gynecological Infection) संक्रमण के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। आगे जानते हैं इस इंफेक्शन के कुछ मुख्य कारण के बारे में
बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection)
बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) : बैक्टीरियल वेजिनोसिस तब होता है जब वजाइना (योनि) में बैक्टीरिया का प्राकृतिक संतुलन बाधित होता है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इसके अलाावा, यौन संचारित संक्रमण (STI) जैसे- क्लैमाइडिया, गोनोरिया और सिफलिस आदि बैक्टीरिया के कारण होते हैं और असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से फैलते हैं।
वायरल इंफेक्शन (Viral Infection)
- ह्यूमन पैपिलोमावायरस (Human Papillomavirus- एचपीवी): ह्यूमन पैपिलोमावायरस एक यौन संचारित वायरस है, जो सर्वाइकल कैंसर और जननांग में मस्से होने की समस्या का कारण बन सकता है। यह महिला प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करने वाले सबसे आम वायरल संक्रमणों में से एक है। इसके अलावा, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (Herpes Simplex Virus - एचएसवी) जननांग में दाद का कारण बन सकता है। इसकी वजह से घावों बन सकते हैं।
- एचआईवी (HIV): ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे महिलाओं के प्रजनन अंग इंफेक्शन के प्रति अधिक संवेदनशील बनते हैं।
फंगल इंंफेक्शन (Fungal Infection)
कैंडिडा फंगस (Candida fungus) स्वाभाविक रूप से योनि में रहता है, लेकिन एंटीबायोटिक के उपयोग, गर्भावस्था या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसे कारकों से यह बढ़ सकता है। इससे महिलाओं को यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है।
गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन के कुछ अन्य जोखिम कारक - Factor to increase Gynecological Infection
- हार्मोनल परिवर्तन
- पैरासाइटिक इंफेक्शन
- स्वच्छता पर ध्यान न देना
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, आदि।
गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं? - Symptoms of Gynecological Infection in Hindi
- वजाइनल डिस्चार्ज अधिक होना
- वजाइना में जलन और खुजली होना
- शारीरिक संबंध बनाते समय ज्यादा दर्द होना
- यूरिन पास करते समय जलन
- हल्का बुखार रहना
- पेट के निचले हिस्से या पेल्विक एरिया में दर्द होना, आदि।
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Causes And Symptoms Of Gynecological Infection: गाइनेक्लॉजिकल इंफेक्शन एक आम समस्या है जो महिला के प्रजनन स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। इस दौरान दिखाई देने वाले लक्षणों को अनदेखा न करें। यह आपके लिए गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं। ऐसे में आप तुरंत स्री रोग विशेषज्ञ से संर्पक करें। नियमित जांच से आप इसके लक्षणों को कम कर सकती हैं।