फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया (fibromuscular dysplasia) ह्रदय से जुड़ी बीमारी है जिसे एफएमडी के नाम से भी जाना जाता है। हमारे शरीर में रक्त संचार ह्रदय और रक्त वाहिकाओं के माध्यम से होता है। फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया की बीमारी में हमारे रक्त संचार में काम करने वाली धमनियों की परतों पर असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि करती है। ह्रदय (Heart) द्वारा प्रेशर से शरीर के अंगों में रक्त का प्रवाह धमनियों के माध्यम से ही होता है ऐसे में फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया की स्थिति में धमनियों के ब्लाक होने का ख़तरा उत्पन्न होता है। फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया या एफएमडी ह्रदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से अलग है, एफएमडी की स्थिति में हमारी धमनियां संकुचित हो सकती हैं या फिर गंभीर रूप से प्रभावित भी। फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया के कारण धमनियों में सूजन या उभार जिसे 'एन्यूरिज्म' और धमनियों में आंसू विकार जिसे 'विघटन' कहा जाता है पैदा होते हैं। इस बीमारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि ऐसी स्थिति में हमारी धमनियों में असामान्य कोशिका वृद्धि धमनियों से होने वाले रक्त प्रवाह को प्रभावित करती है।
फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया या एफएमडी अधिकतर किडनी, मस्तिष्क और हाथ- पैर की धमनियों को अपनी चपेट में लेता है। कई अध्ययनों में यह पता चलता है कि एफएमडी की स्थिति में शरीर की कोई भी धमनी प्रभावित हो सकती है लेकिन प्रायः ये पेट और आंत, मस्तिष्क और क्द्नी की धमनियों को अधिक प्रभावित करता है। उपलब्ध डेटा के अनुसार अकेले भारत में ही इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या लगभग 10 लाख प्रतिवर्ष के आसपास है। मेडिकल की भाषा में इस बीमारी को एक आम प्रकार का फाइब्रोप्लासिया कहा जाता है जो शरीर की धमनियों को प्रभावित करता है। यह बीमारी हमारे शरीर के इन प्रमुख अंगों की धमनियों को प्रभावित करती है
- -पेट और आंत (मेसेंटेरिक)
- -मस्तिष्क (कैरोटिड और वर्टेब्रल)
- -किडनी
- -हाथ -पैर
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फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया के कारण
यह एक आम प्रकार की होने वाली फाइब्रोप्लासिया है जिसमें हमारे शरीर की धमनियों को नुकसान पहुंचता है और इनके काम में जटिलता आती है। अभी तक किये गए अध्ययन और शोध बताते हैं कि फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया का कोई सटीक कारण निकलकर सामने नही आया है। कई शोध में कहा गया है कि यह बीमारी धूम्रपान और कई अन्य आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। अभी भी इस बीमारी को लेकर तमाम अध्ययन चल रहे हैं और उनसे जो बात निकलकर सामने आई है उसके मुताबिक इस बीमारी के 10 प्रतिशत रोगियों में परिवार का कोई न कोई सदस्य जरुर प्रभावित होता है। फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया या एफएमडी के मुख्य कारण इन्हें कहा जा सकता है :
- -धूम्रपान
- -हाई ब्लड प्रेशर
- -गुर्दे से जुड़ी समस्या
- -आनुवंशिक कारण
- -धमनियों का असामान्य होना

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फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया के लक्षण
फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया के लक्षण अलग-अलग प्रकार के होते हैं। इस बीमारी में प्रभावित अंगों के हिसाब से लक्षण दिखाई देते हैं और यह लक्षण धमनियों पर निर्भर करते हैं। कई बार इससे प्रभावित रोगियों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता और ऐसी स्थिति में धमनियों की जांच के बाद इसका पता लगाया जाता है। इस बीमारी की स्थिति में धमनियों में कई प्रकार की समस्याएं जन्म ले सकती हैं जिनकी वजह से शरीर में अजीब दर्द भी होने लगता है। विशेषज्ञों के म्जुताबिक इस बीमारी की शुरुआत में पेट दर्द, सिरदर्द और गर्दन में जैसी समस्याएं देखी गयी हैं। कैरोटिड धमनी के एफएमडी से ग्रसित होने पर कई बार स्ट्रोक जैसी स्थिति भी उत्पन्न हुई है। फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया की स्थिति में तुरंत इलाज बेहद जरुरी माना जाता है। आमतौर एफएमडी से प्रभावित लोगों में इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं-
- -सिरदर्द (माइग्रेन)
- -गर्दन में दर्द
- -आंखों की पुतलियों या पलकों में असामान्यता
- -उच्च रक्तचाप
- -खाने के बाद पेट में दर्द
- -हाथ-पैर में थकावट के साथ दर्द (क्लैडिकेशन)
फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया का उपचार
इस बीमारी का सटीक उपचार अभी तक नही मिल पाया है उन सभी रोगियों को जिनमें एफएमडी के लक्षण दिखतें है उन्हें धमनियों की जांच और अन्य परीक्षण प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। धमनियों की इमेजिंग के माध्यम से इस बीमारी का पता लगाया जाता है, इसका सबसे सटीक परीक्षण एंजियोग्राफी माना गया है।
कम्प्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी और मैग्नेटिक एंजियोग्राफी के माध्यम से फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया का उपचार किया जाता है। फाइब्रोमस्क्युलर डिसप्लेसिया की स्थिति में कुछ रोगियों को बैलून एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह भी दी जाती है।
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