WHO ने बताया कोरोना वायरस से कहीं ज्यादा खतरनाक है Disinfodemic "महामारी", संभव है आप भी हो चुके हों शिकार

कोरोना वायरस के साथ ही एक ऐसी "महामारी" दुनिया में फैली हुई है, जिससे पार पाना सरकारों के लिए कोरोना वायरस से बड़ी चुनौती बन रहा है, जानें क्या है ये।
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WHO ने बताया कोरोना वायरस से कहीं ज्यादा खतरनाक है Disinfodemic "महामारी", संभव है आप भी हो चुके हों शिकार


कोरोना वायरस से पूरी दुनिया परेशान है। हर देश इसकी वैक्सीन बनाने और इसे कंट्रोल करने के तरीकों की खोज करने में लगा हुआ है। दुनिया के 210 देशों में फैल चुके इस छोटे से वायरस ने अब तक 21 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है। इसके अलावा ये वायरस 1 लाख 45 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। ऐसे समय में जब इस वायरस के कारण आधी से ज्यादा दुनिया घरों में बंद है और दुनिया भर में आर्थिक मंदी का संकट सामने दिख रहा है, तब एक ऐसी "बीमारी" सामने आ रही है, जिससे निपट पाना सरकारों के लिए कोरोना वायरस से भी बड़ी चुनौती बन रहा है।

WHO के अनुसार Disinfodemic है खतरनाक बीमारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने इस नई "बीमारी" को Disinfodemic नाम दिया है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि ऐसी कौन सी नई बीमारी आ गई है, जिसे WHO ने भी बहुत खतरनाक माना है, तो तनिक रुकिए। Disinfodemic दरअसल कुछ और नहीं बल्कि इंटरनेट पर इस समय फैल रही गलत सूचनाएं, अफवाहें और जानकारियां हैं, जिसके कारण लाखों-करोड़ों लोग अपने प्राण संकट में डाल रहे हैं। कोरोना वायरस जब से दुनिया में आया है, तब से ही तरह-तरह की झूठी जानकारियां और अफवाहें इंटरनेट पर सोशल मीडिया और व्हाट्सअप फॉर्वर्ड के माध्यम से तेजी से फैल रही हैं।

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ये घटनाएं बताती हैं कितनी खतरनाक है Disinfodemic "महामारी"

दुनिया के लगभग सभी देशों से रोजाना ऐसी कुछ खबरें सामने आ रही हैं, जिनमें कोरोना वायरस से जुड़ी अफवाह पर विश्वास करके लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।

  • हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन की चर्चा एक ऐसी दवा के रूप में फैल गई है, जो कोरोना से व्यक्ति को बचा सकती है। इसी अफवाह को सच मानकर अमेरिका में एक वृद्ध दंपत्ति ने तालाब साफ करने वाली क्लोरोक्वीन दवा खा ली और गंभीर रूप से बीमार होने के बाद मृत्यु को प्राप्त हुए।
  • इसी प्रकार कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं ये बात सच मानकर अब तक सैकड़ों लोगों के आत्महत्या करने की खबरें आ चुकी हैं।
  • पिछले दिनों मुरादाबाद में कथित तौर पर कोरोना वायरस का इंजेक्शन लगाने और मरीजों का ध्यान न देने की अफवाह के कारण लोगों ने डॉक्टर्स की टीम पर हमला कर दिया।
  • इसी तरह कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच मुंबई के बांद्रा से ट्रेन शुरू होने की अफवाह से वहां हजारों लोग इकट्ठा हो गए, जबकि मुंबई ही देश का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित शहर है।
  • व्हाट्अप पर भी आपको कोरोना वायरस के आसान इलाज, शर्तिया इलाज, बचाव के उपाय संबंधी कई गलत सूचनाएं रोजाना लाखों की संख्या में इधर-उधर फैल रही हैं।
  • भारत में पिछले दिनों कुछ लोग अफवाहों के कारण मानने लगे थे कि थाली बजाने और दीया जलाने से कोरोना वायरस समाप्त हो जाता है।

इन्हीं कारणों से WHO ने इन गलत सूचनाओं और अफवाहों को Disinfodemic नाम देते हुए कोरोना वायरस से भी खतरनाक बीमारी बताया है।

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आप कैसे बच सकते हैं Disinfodemic "महामारी" से?

  • डिसइंफोडेमिक महामारी से बचने के का एकमात्र उपाय यही है कि आप कोरोना वायरस से जुड़ी हर तरह की सूचनाओं को सही न मानें। सिर्फ उन्हीं बातों को सही मानें जो सरकारों द्वारा बताई जा रही हैं या सरकारी वेबसाइट्स और एप्स पर बताई जा रही हैं।
  • आपको जानकारी के लिए ऐसी विश्वसनीय न्यूज और हेल्थ साइट्स की मदद लेनी चाहिए, जो वर्षों से इसी काम में लगी हुई हैं।
  • भारत में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़ों के लिए सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट https://www.mohfw.gov.in पर जारी किए जा रहे हैं।
  • सरकार ने कोरोना वायरस से जुड़ी टिप्स के लिए आरोग्य सेतु एप लॉन्च किया है, जिसे आप यहां क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं।
  • इसके अलावा आप व्हाट्अप पर आने वाली इलाज या बचाव से जुड़ी किसी भी सूचना पर विश्वास न करें क्योंकि कोरोना वायरस का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं खोजा जा सका है और न ही इसमें कोई घरेलू नुस्खा, आयुर्वेदिक औषधि, होमियोपैथी दवा आदि काम आते हैं। इसलिए लक्षण दिखने पर सिर्फ सरकार द्वारा दिए निर्देशों का पालन करें और सरकारी अस्पताल में जाकर सूचना दें।

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