
लड़कियों में प्यूबर्टी यानी किशोरावस्था की शुरुआत 8 से 13 वर्ष की उम्र में हो जाती है। हर लड़की के लिए यह समय थोड़े साल आगे-पीछे हो सकता है। लेकिन अगर प्यूबर्टी की उम्र शुरू होने के दो-तीन साल बाद भी शरीर में किशोरों वाले बदलाव जैसे ब्रेस्ट बढ़ना या पीरियड्स आना, नहीं देखने को मिलते हैं तो इसका अर्थ है उनमें किशोरावस्था आने में देरी हो रही है। इसके पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं जिनका आपको पता होना आवश्यक है। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर आब्सट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन बताती हैं कि असल में प्यूबर्टी जीवन का वह चरण होता है जिसमें हमारे शरीर में सेक्स हार्मोन का उत्पादन होना शुरू होता है। इस अवस्था में लड़की के शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं। आमतौर पर 8 से 13 साल की उम्र को प्यूबर्टी की उम्र माना जाता है। अगर लड़कियों में 16 साल तक भी पीरियड्स आना या फिर ब्रेस्ट विकास होना शुरू नहीं होता है तो उसे यौवनारंभ में देरी (डिलेड प्यूबर्टी) कहा जाता है। इसकी संभावना उन लड़कियों में ज्यादा होती है जिनके पेरेंट्स में भी इस उम्र में ऐसा ही हुआ हो या बॉडी फैट कम हो या कुछ ईटिंग डिसऑर्डर हो।
किशोरावस्था में देरी होने के लक्षण (Symptoms Of Delayed Puberty In Girls)
- प्राइवेट भागों में बाल न आना
- 13 साल की उम्र होने तक भी ब्रेस्ट का विकास न होना
- 16 साल की उम्र होने के बावजूद भी पीरियड्स न आना
- शारीरिक विकास काफी कम होना और हाइट का भी काफी कम रह जाना
- यूटरिन का विकास रुक जाना या इसमें बाधा आना
प्यूबर्टी में देरी के कारण (Causes For Delayed Puberty In Girls)
आमतौर पर हर लड़की की मैच्योर होने की उम्र अलग होती है। कई लड़कियों में कुछ साल बाद प्यूबर्टी आ सकती है। इसके कुछ कारण निम्न हो सकते हैं :
ईटिंग डिसऑर्डर
अगर लड़की के खाने पीने का ढंग सही नहीं है। वह काफी जंक आदि किसी भी असामान्य समय खा लेती है तो इस वजह से भी उसकी प्यूबर्टी में देरी हो सकती है। इससे उनके शरीर में आवश्यक फैट की मात्रा की कमी हो सकती है जिस कारण शरीर मेंस्ट्रुएशन शुरू कर पाने में असक्षम हो जाता है।
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बॉडी फैट का कम होना
अगर शरीर में औसत फैट से कम फैट मौजूद होता है तो भी लड़की के शरीर में प्यूबर्टी देर से शुरू हो सकती है। उसके शरीर में प्यूबर्टी के हार्मोन्स शुरू होने के लिए फैट की आवश्यकता होती है। इसलिए अधिक स्पोर्ट्स में शामिल लड़कियां प्यूबर्टी में देरी का सामना करती हैं।
कुछ मेडिकल स्थिति में
अगर लड़की के शरीर में हाइपोगोनाडिज्म जैसी मेडिकल स्थितियां हैं तो उनकी ओवरीज बहुत कम हार्मोन बना पाती हैं। जिस कारण उनके पीरियड्स काफी समय बाद आना शुरू होते हैं। इस प्रकार की स्थिति को मेडिकल केयर की आवश्यकता होती है।
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प्यूबर्टी में देरी का पता किस प्रकार लगाया जा सकता है? (How To Diagnose Late Puberty)
अगर यौवनारंभ समय से नहीं है तो इसके पीछे कोई मेडिकल स्थिति भी हो सकती है। इसलिए आपको इसे नजरअंदाज तो नहीं करना चाहिए और डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर इसके पीछे का कारण जानने के लिए अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट, एमआरआई, सीटी स्कैन आदि कर सकते हैं।
क्या किशोरावस्था में देरी का इलाज उपलब्ध है? (Is Delayed Puberty Treatment Possible)
अगर मां के शरीर में भी प्यूबर्टी देर से आई थी तो बेटी के शरीर में भी ऐसा होना संभव है इसलिए इसके उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन अगर कोई अन्य कारण है तो आपको कारण के आधार पर ही इसका उपचार शुरू होता है। आप इसका डॉक्टर से समाधान पूछ सकती हैं।
प्यूबर्टी के लक्षणों का ध्यान देना बहुत आवश्यक है। क्योंकि यह देर से शुरू होना चिंता का विषय हो सकता है।
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