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त्वचा पर सफेद दाग की बीमारी (विटिलिगो) क्यों होती है? आसान भाषा में डॉक्टर से समझें इसके कारण

Causes Of Vitiligo: त्वचा पर सफेद दागों की समस्या क्यों और कैसे होती है? आइए डॉक्टर से इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।  
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त्वचा पर सफेद दाग की बीमारी (विटिलिगो) क्यों होती है? आसान भाषा में डॉक्टर से समझें इसके कारण


Causes Of Vitiligo Disease: आपने देखा होगा कि कुछ लोगों की शरीर के अलग-अलग हिस्सों की त्वचा पर सफेद धब्बे हो जाते हैं। यह धब्बे छोटे से बड़े और चेहरे से लेकर पूरे शरीर पर देखने को मिल सकते हैं। त्वचा पर सफेद धब्बों की इस समस्या को मेडिकल भाषा में विटिलिगो (Vitiligo) कहा जाता है। जो एक दीर्घकालिक स्थिति है। इस स्थिति में त्वचा में मेलेनिन की कमी के कारण हल्के धब्बे देखने को मिलते हैं। हालांकि यह समस्या कई अन्य कारणों से हो सकती है। विटिलिगो के मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, पहला नॉन-सेग्मेंटल विटिलिगो और दूसरा सेग्मेंटल विटिल्गो।  नॉन-सेग्मेंटल विटिलिगो (Non-Segmental Vitiligo) में अक्सर शरीर के दोनों किनारों में पर सफेद पैच दिखाई देते हैं, यह हाथों के पीछे की त्वचा, भुजाओं, आंखों के आसपास, घुटने, कोहनी और पैरों के आसपास देखने को मिल सकता है। वहीं सेगमेंटल विटिलिगो (Segmental Vitiligo) की बात करें तो इस स्थिति में सफेद धब्बे आपके शरीर के सिर्फ एक क्षेत्र को ही प्रभावित करते हैं।

ओनलीमायहेल्थ (OnlymyHealth) की स्पेशल सीरीज 'बीमारी को समझें' में हम डॉक्टर से बातचीत करके आपको आसान भाषा में किसी बीमारी और उसके कारण समझाते हैं। त्वचा पर सफेद दागों की बीमारी यानी विटिलिगो क्यों होती है, इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने डी.वाई पाटिल हॉस्पिटल की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अस्मिता कपूर से बात की। इस लेख में हम आपको विटिलिगो के कारण विस्तार से समझा रहे हैं।

what causes vitiligo skin disease in hindi

सफेद दाग की बीमारी या विटिलिगो क्यों होती है- Causes Of Vitiligo Skin Disease In Hindi 

डॉ. अस्मिता की मानें तो विटिलिगो का मुख्य कारण त्वचा में मे मेलेनिन नामक पिगमेंट की कमी है। क्योंकि यह मेलेनिन ही त्वचा की कोशिकाओं त्वचा को उसका रंग प्रदान करता है। दरअसल, हमारी त्वचा की कोशिकाओं द्वारा मेलेनिन मेलानोसाइट्स निर्मित होती है, जो त्वचा को रंग प्रदान करता है। लेकिन विटिलिगो की स्थिति में मेलेनिन के उत्पादन के लिए पर्याप्त मेलानोसाइट्स निर्मित होते हैं। इसकी कमी से ही त्वचा या बालों पर सफेद धब्बे विकसित होते हैं। 

यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है

नॉन-सेगमेंटल विटिलिगो (Non-Segmental Vitiligo) को एक ऑटोइम्यून स्थिति माना जाता है। ऑटोइम्यून स्थितियों में आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। वह वायरस जैसी बाहरी संक्रमण या कोशिकाओं पर हमला करने के बजाय, शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं और टिश्यू पर हमला करती है। विटिलिगो में  इम्यून सिस्टम मेलेनिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है।

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न्यूरोकेमिकल्स

सेगमेंटल विटिलिगो की स्थिति में त्वचा में नर्व एंडिंग्स से निकलने वाले केमिकल के कारण मेलानोसाइट त्वचा कोशिकाओं के लिए जहरीले हो जाते हैं।

इसके कई जोखिम कारक भी हो सकते हैं

  • अगर परिवार में किसी को कोई ऑटोइम्यून स्थिति रही है, या विटिल्गो रहा है तो इसके होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
  • आप पहले से किसी ऑटोइम्यून स्थिति से जूझ रहे हैं
  • गैर-हॉजकिन लिंफोमा कैंसर है

कुछ तनावपूर्ण घटनाएं भी बढ़ाती हैं संभावना

  • महिलाओं में डिलवरी के बाद
  • स्किन को नुकसान पहुंचने के बाद
  • सनबर्न या त्वचा के कट जाने के बाद
  • कुछ केमिकल के संपर्क में आने के बाद

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अगर आप त्वचा में किसी तरह के सफेद धब्बों की शुरुआत नोटिस करते हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर संपर्क करें। शुरुआती स्टेज में इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। हालांकि भविष्य में भी इसका सफलतापूर्वक उपचार भी मुमकिन है।

All Image Source: Freepik

 

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