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टीबी के कितने प्रकार होते है? डॉक्टर से जानें इनके बारे में

Types Of Tuberculosis In Hindi: टीबी की बीमारी कितने प्रकार की होती है, यह सवाल लोग अक्सर पूछते हैं। आइए डॉक्टर जानें इसके बारे में..  
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टीबी के कितने प्रकार होते है? डॉक्टर से जानें इनके बारे में

Types Of Tuberculosis In Hindi: टीबी की बीमारी जिसे मेडिकल भाषा में तपेदिक (Tuberculosis) कहते हैं, एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है। टीबी की समस्या माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण देखने को मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वर्ष 2015 में दुनिया भर में टीबी अपना कहर बरपा चुका है। आंकड़ों की मानें तो इस वर्ष टीबी के कारण दुनिया भर में लगभग 1.8 मिलियन से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह लोगों में बहुत आम समस्या है, जो कि एक-दूसरे के संपर्क में आने से भी फैल सकती है। यही कारण है, कि टीबी के मरीज को हमेशा मुंह पर हाथ रखकर खांसने और लोगों से संपर्क या बातचीत के दौरान थोड़ा दूरी बनाने की सलाह दी जाती है। लगातार 3 हफ्ते से अधिक खांसी, खांसी के साथ बलगम या खून आना टीबी के कुछ आम लक्षण हैं, इसलिए ऐसे में हमेशा डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

लेकिन टीबी कितनी तरह या प्रकार की होती है, इस बात को लेकर लोग अक्सर सवाल करते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने  बाबू ईश्वर शरण सिंह हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर एस. के. सिंह से बात की। उनकी मानें तो टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है, जो मुख्य रूप से हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है। हालांकि यह हमारे फेफड़ों के साथ ही शरीर के कई अन्य अंगो को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिनमें हमारी किडनी, हड्डियां, आंत, दिमाग आदि शामिल हैं। टीबी के प्रकार कितने होते हैं, इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे  हैं।

Types Of Tuberculosis In Hindi

टीबी के प्रकार कितने होते हैं- How Many Types Of Tuberculosis In Hindi

डॉ. एस. के. सिंह के अनुसार टीबी को मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं। पहला सक्रिय या एक्टिव टीबी (Active Tuberculosis) और दूसरा लेटेंट टीबी (Latent tuberculosis)।

  1. एक्टिव टीबी (Active Tuberculosis): इस स्थिति में व्यक्ति में टीबी के लक्षण एक्टिव रहते हैं। इसमें दूसरे व्यक्ति में इस संक्रमण फैलने की काफी अधिक संभावना होती है। 
  2. लेटेंट टीबी (Latent tuberculosis): इस स्थिति को इनएक्टिव टीबी भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें व्यक्ति बैक्टीरिया को संचारित तो करता है, लेकिन उसमें टीबी के कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से लड़ने, जिससे काफी हद तक लक्षणों को दबाया जा सकता है। इस स्थिति में रोगी से दूसरे व्यक्ति में बीमारी नहीं फैलती है। हालांकि भविष्य में इसके बैक्टीरिया सक्रिय हो सकते हैं।

एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं

डॉ. एस. के. सलाह देते हैं कि अगर किसी को टीबी है या इसके लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही कुछ जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे मुंह पर मास्क लगाएं, खांसते समय मुंह पर हाथ रखें और सामाजिक संपर्क से दूरी बनाएं। डॉक्टर टीबी की पुष्टि के बाद रोगी को उपचार प्रदान कर सकता है और इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।

All Image Source: Freepik

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