Menopause Back Pain In Hindi: एक उम्र के बाद पीठ दर्द, बदन दर्द, कंधे में दर्द बहुत कॉमन समस्या हो जाती है। इन्हें बढ़ती उम्र की बीमारी समझा जाता है। इसलिए इसको लेकर ज्यादा लोग परेशान नहीं होते हैं। हां, अपनी लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करते हैं, रेगुलर एक्सरसाइज करके इस तरह की समस्या से डील करते हैं। मगर यहां यह सवाल भी उठता है कि क्या मेनोपॉज के बाद पीठ दर्द की समस्या बढ़ जाती है। आखिर ऐसा क्यों होता है? यह सवाल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कई बार महज 35-40 साल की उम्र की महिलाओं को भी मेनोपॉज हो जाता है। तो फिर मेनोपॉज और पीठ दर्द का आपस में क्या कनेक्शन है? आइए, Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं कि मेनोपॉज के बाद पीठ दर्द होने के अलग-अलग कारणों के बारे में-
मेनोपॉज के बाद पीठ दर्द होने के कारण- Menopause Back Pain Causes In Hindi
हार्मोनल बदलाव
मेनोपॉज के बाद पीठ दर्द होने का एक मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव को कहा जाता है। यह बात हम सभी जानते हैं कि पीरियड्स की वजह से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। वहीं, मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में कमी आती है। हार्मोन के स्तर में गिरावट की वजह से महिलाओं को ज्वाइंट पेन हो जाता है, जिसका नेगेटिव असर हड्डियों पर भी पड़ता है। इसी वजह से मेनोपॉज के बाद पीठ दर्द भी होने लगता है।
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वजन का बढ़ना
मेनोपॉज के बाद अक्सर महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। हालांकि, इसके पीछे तरह-तरह के फैक्टर जिम्मेदार हैं। जैसे बढ़ती उम्र, मेटाबॉलिज्म का धीमा होना और हार्मोन में तेजी से गिरावट। ऐसे में महिलाओं के लिए बढ़े हुए वजन को कम करना मुश्किल हो जाता है, जो उनमें ओबेसिटी का कारण होता है। बढ़ता वजन भी महिलाओं में पीठ दर्द का बड़ा कारण होता है।
मसल्स लॉस
बढ़ती उम्र में मसल लॉस होना भी एक बड़ी समस्या होती है। मेनोपॉज के बाद मसल्स लॉस को सार्कोपेनिया के नाम से जाना जाता है। यह एक तरह की समस्या है, जिसमें एस्ट्रोजन के स्तर में कमी की वजह से महिलाओं में मसल्स वीक हो जाती हैं और मसल लॉस होने लगता है। कमजोर मसल्स भी महिलाओं में पीठ दर्द का एक बड़ा कारण बन जाता है। यही नहीं, हार्मोनल के स्तर में कमी आने की वजह से महिलाओं में फिजिकल एक्टिविटी भी कम हो जाती है, जो पीठ दर्द को ट्रिगर कर सकती है।
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हड्डियों से जुड़ी परेशानी
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डियों से जुड़ी परेशानी भी देखने को मिलती है। इसमें अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं। ये सभी हड्डियों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें जोड़ों में दर्द हो जाता है। जोड़ों में दर्द के कारण मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं के लिए चलना, फिरना, झुकना काफ मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में अगर महिला जबरन फिजिकल वर्क करती हैं, तो भी पीठ का दर्द बढ़ जाता है।
मेडिकल कंडीशन
अगर पहले से किसी महिला को एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रॉएड जैसी समस्या है, तो मेनोपॉज के बाद इस तरह की कंडीशन बिगड़ जाती है। ये कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिसमें कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। इसमें पीठ दर्द भी शामिल है। ध्यान रखें कि मेनोपॉज के बाद इस तरह की मेडिकल कंडीशन बिगड़ती है, तो पीठ दर्द भी बढ़ जाता है।
FAQ
पीठ के पीछे दर्द होने का क्या कारण हो सकता है?
पीठ के पीछे दर्द होने के सामान्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे लाइफस्टाइल से जुड़ी बुरी आदतें, इंजुरी, संक्रमण और ट्यूमर। यहां तक कि कई तरह के कैंसर भी पीठ दर्द का कारण बन सकती है।पीठ की नसों में दर्द के क्या कारण हैं?
मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क की समस्या, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस। ये कुछ ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से पीठ की नसों में दर्द हो सकता है।पीठ में जकड़न क्यों होती है?
पीठ में जकड़न के कारण वैसे ही होते हैं, जैसे पीठ में दर्द के कारण होते हैं। इसमें मांसपेशियों में खिंचाव, गलत पोस्चर, अर्थराइटिस आदि। इसके अलावा, इनएक्टिव लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज की कमी आदि।