आपको स्वस्थ रहने के लिए अपनी स्किन और बालों पर भी ध्यान देना होता है। ज्यादा धूप, तनाव, प्रदूषण व कैमिकल्स के संपर्क में रहने की वजह से स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसमें सोरायसिस को भी शामिल किया जाता है। सोरायसिस लंबे समय तक चलने वाला (क्रॉनिक) त्वचा रोग है जिसमें त्वचा पर लाल, खुजलीदार, परतदार चकत्ते (patches) बन जाते हैं। यह रोग त्वचा की कोशिकाओं के असामान्य रूप से तेजी से बनने के कारण होता है। हालांकि सोरायसिस एक व्यक्ति से दूसरे तक फैलता नहीं है , लेकिन इसके पीछे कई जोखिम कारक (Risk Factors) होते हैं जो इसकी संभावना को बढ़ा सकते हैं। इस लेख में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजी डॉ विजय सिंघल से जानेंगे कि सोरायसिस के प्रमुख जोखिम कारक कौन-कौन से हैं।
सोरायसिस के जोखिम कारक क्या हो सकते हैं? - What Are the Risk Factors Of Psoriasis In Hindi
आनुवंशिकता (Genetics)
यदि आपके परिवार में किसी सदस्य को सोरायसिस है, तो आपको यह रोग से प्रभावित होने की संभावना अधिक हो जाती है। सोरायसिस के लगभग तीस फीसदी मामले फैमली हिस्ट्री से जुड़े होते हैं। अगर आपके माता-पिता में से किसी एक को सोरायसिस है, तो यह रोग आपको भी हो सकता है।
इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी (Immune System Dysfunction)
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून रोग है, यानी इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) गलती से त्वचा की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। यह आंतरिक गड़बड़ी त्वचा की कोशिकाओं की उत्पादन दर को तेज कर देती है, जिससे चकत्ते और सूजन होने लगती है।
तनाव में रहना (Stress and Mental Pressure)
अत्यधिक तना व या मानसिक दबाव सोरायसिस को बढ़ा सकता है या इसकी शुरुआत कर सकता है। तनाव की स्थिति में शरीर में कोर्टिसोल (Cortisol) नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है और त्वचा की स्थिति को खराब कर सकता है।
संक्रमण (Infections)
कुछ संक्रमण जैसे स्ट्रेप थ्रोट (Streptococcal throat infection), टॉन्सिलाइटिस या स्किन इंफेक्शन सोरायसिस के लक्षणों को उभार सकते हैं, खासकर बच्चों और किशोरों में यह संक्रमण असानी से हो सकते हैं। यह इंफेक्शन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करते हैं, जिससे सोरायसिस की स्थिति और बिगड़ सकती है।
मौसम में बदलाव (Weather and Climate)
ठंडा और शुष्क मौसम सोरायसिस के लक्षणों को खराब कर सकता है। कम नमी और धूप की कमी त्वचा को अधिक शुष्क बना देती है, जिससे खुजली और जलन बढ़ जाती है। वहीं, गर्म और नम मौसम में लक्षणों में सुधार देखा गया है।
धूम्रपान और शराब का सेवन (Smoking and Alcohol)
धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन सोरायसिस के खतरे को कई गुना बढ़ा सकता है। ये आदतें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती हैं और त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। खासकर महिलाएं अगर धूम्रपान करती हैं तो उन्हें सोरायसिस होने का खतरा ज्यादा होता है।
इसे भी पढ़ें: सोरायसिस के कारण हो गई है सूजन, तो राहत पाने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय
सोरायसिस एक त्वचा रोग है जिसकी संभावना कई कारणों से बढ़ सकती है। आनुवंशिकता, प्रतिरक्षा प्रणाली की गड़बड़ी, तनाव, मौसम, जीवनशैली और दवाइयां आदि सोरायसिस के संभावित ट्रिगर हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी त्वचा पर बार-बार चकत्ते या सूजन हो रही है, तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है। साथ ही, जीवनशैली में सुधार, तनाव को कम करने और संतुलित आहार लेने से सोरायसिस को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।