Monkeypox Complications: मंकीपॉक्स के नए वेरिएंट को लेकर बहस जारी है। वैज्ञानिक और डॉक्टर, इस नए वेरिएंट के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि भारत में अभी तक एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इस नए वेरिएंट को लेकर चिंता जताई जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को एमपॉक्स को दो साल में दूसरी बार ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। इसके बाद अफ्रीका में इस वायरस के एक नए वेरिएंट का पता चला, जो तेजी से फैल रहा है। दिल्ली के तीन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भारत में एमपॉक्स की स्थिति पर समीक्षा बैठकें की हैं। भारत में, 2022 से 2023 तक, 30 मामले दर्ज किए गए थे। मंकीपॉक्स के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इनके बारे में आगे बात करेंगे और साथ ही आपको बताएंगे मंकीपॉक्स के लक्षणों के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
मंकीपॉक्स के लक्षण- Monkeypox Symptoms in Hindi
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। इसके लक्षण चेचक (Smallpox) से मिलते-जुलते होते हैं। मंकीपॉक्स होने पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
- प्रारंभिक लक्षणों में से एक है बुखार, जो अचानक और तेज हो सकता है।
- गंभीर सिरदर्द मंकीपॉक्स का एक सामान्य लक्षण है।
- संक्रमित व्यक्ति को मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द महसूस हो सकता है।
- सामान्य से अधिक थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- लिम्फ नोड्स सूज सकती हैं। यह एक ऐसा लक्षण है जो मंकीपॉक्स को चेचक से अलग करता है।
- बुखार के 1 से 3 दिन बाद त्वचा पर दाने निकलने लगते हैं। ये दाने आमतौर पर चेहरे से शुरू होते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलते हैं।
- मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर 2 से 4 हफ्तों तक रहते हैं। अगर लक्षण और लंबे समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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मंकीपॉक्स से होने वाली जटिलताएं- Monkeypox Complications
मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो त्वचा पर घावों और बुखार के रूप में नजर है। ज्यादातर मामलों में यह संक्रमण ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है। आइए जानते हैं मंकीपॉक्स से होने वाली प्रमुख जटिलताओं के बारे में-
- मंकीपॉक्स के कारण त्वचा पर घाव होते हैं। अगर इन घावों की सही से देखभाल न की जाए, तो इनमें बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
- वायरस के कारण शरीर के विभिन्न अंगों में सूजन हो सकती है, जिससे आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। यह स्थिति सेप्सिस (Sepsis) में बदल सकती है। सेप्सिस (Sepsis) एक गंभीर स्थिति है, जो तब होती है जब शरीर में किसी संक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया में इम्यून सिस्टम ज्यादा एक्टिव हो जाता है और पूरे शरीर में सूजन फैल जाती है।
- कुछ मामलों में वायरस फेफड़ों तक पहुंच सकता है, जिससे निमोनिया या अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- अगर वायरस आंखों के क्षेत्र को प्रभावित करता है, तो इससे कंजंक्टिवाइटिस और कॉर्नियल इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- कुछ मरीजों में मतली, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस वजह से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है।
- वायरस दिमाग और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे मेनिनजाइटिस और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।
- मंकीपॉक्स के दौरान शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे व्यक्ति को अन्य वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
- कुछ मामलों में, बीमारी के लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं और ठीक होने में समय लग सकता है। त्वचा पर घाव ठीक होने के बाद भी निशान छोड़ सकते हैं।
- मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले गंभीर नहीं होते हैं। लेकिन कुछ मामलों में, खासकर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले मरीजों में, यह संक्रमण जानलेवा हो सकता है और मौत का कारण बन सकता है।
- मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और जल्द से जल्द इलाज करवाएं।
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