वैष्णवी बूरा एक फिटनेस कोच और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं। 34 वर्षीय वैष्णवी को उनकी खूबसूरती और फिट बॉडी के लिए ढेरों कमेंट्स मिलते हैं। लेकिन शुरू से ऐसा नहीं था। एक समय ऐसा भी आया जब लोग उनके जिम जाने और मोटापे का मजाक बनाते थे। डिलीवरी के बाद वैष्णवी का वजन 90 किलो हो गया था, जिसके बाद उन्हें खुद को देखने में भी हिचकिचाहट महसूस होती थी। लेकिन आज के समय में वैष्णवी सोशल मीडिया के जरिए लोगों को फिटनेस के गुर सीखा रही हैं। ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल सीरीज ‘फैट टु फिट’ में आज हम जानते हैं वैष्णवी की पूरी कहानी, जिससे हमारे पाठक भी वजन कम करने के तरीके सीख पाएंगे।
तनाव में ज्यादा खा लेती थी
वैष्णवी ने बताया, ''मेरा वजन डिलीवरी के बाद बढ़ने लगा। 31 किलो वजन बढ़ने के कारण मेरा आत्मविश्वास खो गया था। मैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन (postpartum depression) का शिकार थी। लोगों ने भी मुझे मेरी कमजोरी का अहसास दिलाना शुरू कर दिया था। एक समय ऐसा आया जब मैं खुद को शीशे में देखना भी पसंद नहीं करती थी। मैंने लोगों से बात करना, बाहर जाना भी बंद कर दिया था। हर समय थकान होती थी। तनाव के कारण मैं ओवरईटिंग करने लगी थी।''
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90 से 59 किलो वजन कैसे हुआ?
वैष्णवी ने बताया, ''31 किलो वजन घटाने में मुझे 3 साल का समय लगा। शुरुआत के 6 महीनों में मैंने 10 किलो वजन कम (weight loss) किया। मेरी वेट लॉस जर्नी आसान नहीं थी। लोग मेरे वजन कम करने के फैसले को प्रोत्साहन देने के बजाय मुझे कसरत छोड़ने की सलाह देते थे। लेकिन मैंने तय कर लिया था कि अब खुद को फिट बनाऊंगी। पहले मैंने घर पर ही कसरत करना शुरू किया था। शुरुआत में कसरत करना आसान नहीं था। हिम्मत टूट जाती थी। मैं कुछ दिन कसरत करती फिर बंद कर देती थी। लेकिन मैंने पूरी तरह से कसरत करना बंद नहीं किया। जब कसरत करना नहीं आता था तब यूट्यूब के जरिए वीडियो देखकर कसरत करती थी। धीरे-धीरे जिम का भी रुख किया।''
हर मील के साथ सलाद खाती हूं
वैष्णवी ने बताया, ''मैंने वजन कम करने के लिए अपनी डाइट को सेहतमंद बनाया। अब लोग मुझसे पूछते हैं कि आप फिट रहने के लिए क्या खाती हैं। मेरी डाइट सिंपल है। मैंने अपनी डाइट (diet) में प्रोटीन, फाइबर, कॉर्ब्स, फैट और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को शामिल किया है। मैं ओटमील, अंडे, चिकन, ब्राउन राइस और मल्टीग्रेन आटे से बनी रोटी आदि विकल्पों का सेवन करती हूं। मैं अपने हर मील के साथ सलाद (salad) लेती हूं। कोशिश करती हूं कि किसी तरह से सलाद मेरे हर मील का मुख्य आहार बने।''
15 मिनट कॉर्डियो करती हूं
वैष्णवी ने बताया, ''खुद को फिट रखने के लिए अलग-अलग तरह की कसरत करती हूं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मेरी कसरत का अहम हिस्सा है। ट्राइसेप और शोल्डर वर्कआउट को भी समय देती हूं। हर दिन 15 मिनट कॉर्डियो करती हूं। इसके अलावा मैं रनिंग, वॉकिंंग और ब्रिस्क वॉक को रोजाना 15 मिनट देती हूं। मुझे ऐसा लगता है कि जिम जाना जरूरी नहीं है। आप घर पर रहकर भी कसरत कर सकते हैं।''
वेटलिफ्टिंग से शेप खराब नहीं होगा
वैष्णवी ने बताया, ''मैं एक फिटनेस एक्सपर्ट हूं। इस नाते मैं लोगों को फिटनेस के गुर सीखाती हूं। कई बार महिलाओं को ये कहते सुना है कि वेट लिफ्टिंग (weight lifting) हमारे लिए नहीं है। उनके मुताबिक अगर जिम जाकर मशीन या डंबल्स की मदद से वे कसरत करेंगी, तो उनका शरीर पुरुषों की तरह नजर आएगा। जबकि ऐसा नहीं है। वेटलिफ्टिंग करने से पुरुषों की तरह मसल्स नहीं बनतीं बल्कि मांसपेशियां मजबूत होती हैं।''
सोशल मीडिया पर वैष्णवी के दस हजार से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वैष्णवी की कहानी वाकई प्रेरणादायक है। आप भी इससे प्रेरणा लेकर अपनी फिटनेस जर्नी की शुरुआत कर सकते हैं।