
मुंबई के रहने वाले सिद्धेश वोझाला फिटनेस कोच हैं। वो हजारों लोगों की प्रेरणा भी हैं। लोग सिद्धेश की बताई डाइट और कसरत के सहारे वजन घटा रहे हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब खुद सिद्धेश को बढ़ते वजन के लिए चिढ़ाया जाता था। दोस्त उनके वजन को लेकर मजाक बनाया करते थे, जिसके चलते सिद्धेश ने मुश्किल समय बिताया है। बॉडी शेमिंग का शिकार होने के बावजूद सिद्धेश ने खुद को बदलने की ठानी और एक साल के समय में 78 किलो वजन घटा लिया। ओनलीमायहेल्थ की 'फैट टू फिट' सीरीज में आज हम जानेंगे सिद्धेश की कहानी उन्हीं की जुबानी। लेख को अंत तक पढ़ें।
स्कूल में मेरा वजन 100 Kgs हो गया था
सिद्धेश ने बताया, 'मैं बचपन में फिट था। खेल प्रतियोगिता में भाग लेता था। मैं जैसे ही 12वीं में आया, मेरा वजन 100 किलो हो गया था। मैन बूब्स को लेकर मेरा मजाक बनाया जाने लगा। अपने वजन को छुपाने के लिए मैंने बड़े साइज के कपड़े खरीदने शुरू किए। खाना मेरी कमजोरी बन गया था। मैं जरूरत से ज्यादा खा लेता था। मौका चाहे खुशी का हो या गम का मैं हर समय खाने को अपने साथी के रूप में स्वीकार कर चुका था। इस कारण से मेरा वजन बढ़कर 150 किलो तक पहुंच गया।'
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खुद को बदलने का विचार कैसे आया?
सिद्धेश ने बताया, 'मुझे दुर्गम चढ़ाई के दौरान अपने बढ़ते वजन को कम करने का एहसास पहली बार हुआ। मैं अपने दोस्तों के साथ वैष्णो देवी गया था। वहां पहाड़ की चढ़ाई के लिए सभी दोस्तों को घोड़े मिले लेकिन मुझे किसी ने सवारी नहीं बनाया। मुश्किल से एक खच्चर वाला मिला लेकिन उसने मेरे ज्यादा वजन के कारण मुझसे ज्यादा पैसे लिए। लेकिन मैं जैसे ही खच्चर पर बैठा मेरी पैंट फट गई। इतने लोगों के बीच मुझे ये एहसास हुआ कि मैं क्यों दूसरों के बीच अलग हूं और खुद को बदलने का विचार आया।'
कसरत के पहले माह 3 Kgs घटाया
सिद्धेश ने बताया, 'अपने पुराने अनुभव के आधार पर मैंने तय किया कि अब वजन घटाना होगा और मैंने जिम जाना शुरू किया। पहले दिन 15 मिनट वॉक किया और मैं बुरी तरह से थक गया। पहले दिन 2 मिनट से ज्यादा प्लैंक कसरत भी नहीं कर सका। अगले दिन फिर जिम गया और 15 मिनट कसरत करके वापिस आ गया। तीसरे दिन मैंने 15 मिनट फिर से ट्रेडमिल पर वॉक किया और साथ में 10 मिनट साइकिल चलाई। पहला पूरा हफ्ता मैंने सिर्फ कॉर्डियो किया। पहले महीने में मैंने 3 किलो वजन कम कर लिया। मैं इस बात से बेहद खुश था।'
4 माह में 15 Kgs घटा लिया
सिद्धेश ने बताया, 'मैं हर 10 दिन में एक बार वजन चेक करता था ये देखने के लिए कि मैं सही कर रहा हूं या नहीं। कसरत करके मैंने 4 महीने में 15 किलो वजन घटा लिया। उसके बाद मैं एक शादी में गया। वहां दोस्त और रिश्तेदारों ने मुझे पहचाना ही नहीं। उनका रिएक्शन देखकर मुझे अपनी वेट लॉस जर्नी में आगे बढ़ने का मोटिवेशन मिला।'
मानसिक तनाव का शिकार रहा हूं
सिद्धेश ने बताया, 'मेरा वजन कम हो रहा था लेकिन मेरे घुटनें में दर्द शुरू हो गया। जांच करवाने पर पता चला मुझे एसीएल इंजरी हुई है। कई बार चलते या दौड़ते समय अचानक पैर के मुड़ जाने से घुटनों में चोट लग जाती है। घुटने की इस चोट को एसीएल या एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट इंजरी बोलते हैं। इससे मेरी वेट लॉस जर्नी थोड़ी प्रभावित हुई लेकिन मैंने कसरत करना नहीं छोड़ा। मैं थोड़ा संभला ही था कि मेरी बहन ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
अपनी बहन को खोने का असर मेरी मानसिक सेहत पर पड़ा। मेरा वजन बढ़ने लगा। मैं फिर से 90 किलो का हो गया था। लेकिन मैंने अपनी नींद और डाइट पर फोकस बढ़ाया। 6 महीने में मैंने दोबारा वजन घटाया। जो लोग मानसिक समस्या, तनाव से जूझ रहे है, उनमें ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण नजर आ सकते हैं, लेकिन आप उस दौरान कसरत करना न छोड़ें।'
सिद्धेश ने कसरत को अपने रूटीन में शामिल करके खुद को फैट से फिट बनाया है। आप भी अपनी वेट लॉस जर्नी की शुरुआत करें और हमारे साथ अपना अनुभव साझा करना न भूलें।