
नासिक के रहने वाले 41 वर्षीय मकरंद तायड़े ने 2 साल के अंदर 21 किलो वजन घटाया। हालांकि उनके लिए ये वेट लॉस जर्नी इतनी आसान नहीं थी। मकरंद पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि बचपन के दिनों में मेरा वजन काफी ज्यादा बढ़ गया था। कारण था अनहेल्दी लाइफस्टाइल। मैं जब भी मॉल जाता था मुझे खुद से नफरत होती थी।आसपास ऐसे लोग नजर आते जो मुझसे ज्यादा फिट थे। लेकिन मैं खुद को दूसरों से अलग पाता था। मैं खुद को शीशे में देखने से भी घबराता था। मकरंद का वजन बढ़कर 90 किलो हो गया था, जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उनकी शारीरिक क्षमता पहले से कम हो गई है। शरीर में आ रहे बदलावों को बढ़ने से रोकने के लिए मकरंद ने वेट लॉस जर्नी शुरू करने की ठानी। ओनलीमायहेल्थ की 'फैट टू फिट' सीरिज में आज हम जानेंगे मकरंद की कहानी उन्हीं की जुबानी।
ज्यादा वजन के कारण डिप्रेशन का शिकार हो गया था
मकरंद ने बताया, 'वजन बढ़ने के कारण मैं डिप्रेशन का शिकार हो गया था। मेरे दिमाग में नकारात्मक ख्याल आते थे। मैं किसी भी काम को लेकर उत्साहित महसूस नहीं कर पाता था। ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है लेकिन वे कारण नहीं समझ पाते। मोटापे के कारण मेरे दोस्त और साथ में काम करने वाले लोग मेरा मजाक बनाते थे।'
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पोर्शन साइज कंट्रोल किया
मकरंद ने बताया, 'वजन घटाने के लिए मैंने पोर्शन साइज कंट्रोल किया और हर चीज को सही मात्रा में खाने की कोशिश करता हूं। मैं प्रोटीन, कॉर्ब्स और फैट्स की सही मात्रा लेने की कोशिश करता हूं। ऐसी चीजें खाने से बचना हूं जिसमें कैलोरीज ज्यादा हों। प्रोसेस्ड फूड्स जैसे केक, चॉकलेट, पिज्जा और बर्गर आदि का सेवन करने से भी बचता हूं। अपनी डाइट से मैंने तला हुआ खाना और मीठी चीजों का सेवन पूरी तरह से हटा दिया है।'
घर का बना खाना ही खाता हूं
मकरंद ने बताया, 'मेरी डाइट बहुत सिंपल है। मैं घर का बना खाना ही खाता हूं। अपनी दिनचर्या की बात करूं, तो सुबह मैं ब्रेड, चाय और अंडे का सेवन करता हूं। दोपहर के खाने में चावल के साथ सोया चंक्स या दाल खाता हूं। इसके अलावा दही और हरी सब्जियों का सेवन करता हूं। शाम को भूख लगने पर मैं ब्रेड, अंडे या फल खा लेता हूं। वहीं रात के खाने में, मैं हरी सब्जियां, सलाद, दही, चावल, और चिकन का सेवन करता हूं।'
बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में मिली जीत
मकरंद ने बताया, 'वजन घटाने के बाद मेरी ताकत और ऊर्जा पहले से कई गुना बढ़ गई है। मेरा सपना था कि मैं भी कभी किसी फिटनेस प्रतियोगिता का हिस्सा बनूं और मेरा सपना पूरा हुआ। वजन घटाने के बाद मैंने बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता जीती है। मुझे 3 बार गोल्ड मैडल भी मिला है। कोविड आने के बाद ये एहसास हुआ कि शरीर को स्वस्थ्य रखना कितना जरूरी है। उसी दौरान मैंने हेल्दी लाइफस्टाइल के तरीकों पर फोकस बढ़ाया। कोविड के दौरान मैं हर दिन 10 हजार स्टेप काउंट पूरा करता था। इसके अलावा हर दिन कसरत को कम से कम 45 मिनट जरूर देता था।'
मकरंद के मुताबिक, जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उन्हें वजन कम करने के लक्ष्य के पीछे भागने के बजाय हेल्दी लाइफस्टाइल पर फोकल करना चाहिए।