Weight Loss Journey: ‘2017 में मेरा वजन 131 किलो हो गया था। अनियमित खानपान और फिजिकल एक्टिविटी न करने की वजह से मेरे बढ़ते वजन ने सिर्फ मुझको ही नहीं मेरे घरवालों को भी चिंता में डाल दिया था। पापा भी बीमार थे, मुझे घर भी संभालना था और पारिवारिक दुकान को भी चलाना था।’ ये कहानी है राजस्थान के कोटा के रामपुरा के रहने वाले अंकित अग्रवाल की। वजन घटाने के लिए अंकित ने साइकिल चलाई। शुरुआत में साइकिलिंग करना एक शौक था, लेकिन बाद में ये जुनून बन गया और उन्होंने इससे एक या दो किलो नहीं बल्कि 32 किलो वजन घटाया। साइकिलिंग चलाने का जुनून अंकित पर कुछ इस तरह हावी हुआ कि उन्होंने 131 किलोग्राम से 99 किलो तक सफर तय किया है। इतना ही नहीं साइकिल चलाकर कई रिकॉर्ड अपने नाम किए।
ओनली माय हेल्थ के साथ खास बातचीत में अंकित अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने साल 2017 में सेहत को ठीक करने और वजन घटाने के लिए साइकिल चलाने की शुरुआत की थी। 2017 में जब उन्होंने साइकिल चलाने की शुरुआत की तो उनका मकसद सिर्फ सेहत में सुधार लाना था। धीरे-धीरे साइकिल चलाने से जब उन्हें सेहत में सुधार होता नजर आया तो उसके बाद साइकिल उनके जीवन का हिस्सा बन गई।
इसे भी पढ़ेंः जेनेलिया देशमुख ने 6 हफ्तों में घटाया वजन, फॉलो किए ये 2 रूल्स
शुरुआत में चलाते थे 3 से 4 किलोमीटर
अंकित का कहना है कि उन्होंने जब साइकिल चलाने की शुरुआत की तब वो सिर्फ 3 से 4 किलोमीटर की चला पाते थे। धीरे-धीरे जब उन्होंने अपने शरीर में इसका असर देखा, तो उन्होंने साइकिलिंग का सफर प्रतिदिन 6 से 10 किलोमीटर किया। अब अंकित एक साथ 40 से 50 किलोमीटर साइकिलिंग आराम से कर लेते हैं। अंकित का कहना है कि साइकिल चलाने से न सिर्फ शारीरिक तौर पर इंसान दुरुस्त महसूस करता है, बल्कि उनकी मानसिक सेहत भी अच्छी रहती है। अंकित ने कहा कि उन्होंने साइकिलिंग के साथ अपने खान-पान और पानी पीने की सीमा को भी नियंत्रित किया, ताकि वजन को तेजी से घटाया जा सके।
इसे भी पढ़ेंः इनडोर vs आउटडोर साइकिलिंग, जानिए सेहत के लिए क्या है बेस्ट?
कोटा में छोटी सी किराने की दुकान चलाने वाले अंकित ने साइकिल चलाकर पहले वजन घटाया और बाद में इसी को प्रोफेशनल तौर पर अपना लिया। उन्होंने 2018 में अब तक 77 भारतीय और अंतरराष्ट्रीय साइकिलिंग इवेंट में हिस्सा लिया है और कई रिकॉर्ड्स को अपने नाम किया है। हालही में अंकित का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज किया गया था। सितंबर 2018 से जून 2022 तक 77 भारतीय अंतरराष्ट्रीय साइकिलिंग इवेंट्स में भाग लेकर उन पर सफलता अर्जित करने का रिकॉर्ड बनाया है। इसके अलावा अंकित अग्रवाल इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं। ओनली माय हेल्थ के साथ खात बातचीत में अंकिल अग्रवाल ने बताया कि उन्हें अब तक साइकिलिंग के लिए 4 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। इतना ही नहीं वो टाइगर ऑफ इंडिया का मेडल भी एक बार अपने नाम कर चुके हैं।
बेटे को भी करते हैं फिटनेस के लिए मोटिवेट
अंकित अग्रवाल ने साइकिल चलाकर सिर्फ अपना वजन कम नहीं किया है बल्कि वो इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। साइकिल चलाकर फिट कैसे रहा जा सकता है इसके लिए उन्होंने अपने बेटे भव्य को ट्रेनिंग भी दी है। अंकित ने कहा कि उनके बेटे ने स्वतंत्रता दिवस के दिन आजादी के अमृत महोत्सव, हर घर तिरंगा के चलते 7.5 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज के साथ 75 मिनट 14 सेकंड में 20.22 किलोमीटर साइकिल चलाई थी।