ढलती उम्र में कई बीमारियां वृद्धों को अपना शिकार बनाती हैं। इनमें से स्मृतिदोष ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई भी स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है। लेकिन अगर जवानी में कुछ बातों को ध्यान में रखा जाये तो बढ़ती उम्र के कारण घटने वाली दिमागी क्षमता पर काबू पाया जा सकता है। एक अध्ययन से पता चला है कि नियमित वॉक करने वालों की याद्दाश्त समय के साथ कम नहीं होती है, बल्कि यह समय के साथ टलती जाती है। इसके अलावा नियमित वॉक के कई दूसरे फायदे भी हैं। इस लेख में विस्तार से जानिये किस तरह से नियमित वॉक याद्दाश्त को बढ़ाने में मदद करती है।
शोध के अनुसार
अमेरिका के कंसास यूनिवर्सिटी में क्लीनिकल साइकोलॉजी द्वारा किये गये शोध में इस बाता का खुलासा हुआ है। इस शोध की मानें तो व्यक्तियों को हमेशा टहलने के बहाने निकालने चाहिए, जिसका फायदा उनको हमेशा होता है। इस अध्ययन में अल्जाइमर रोग से पीड़ित 25 लोग तथा 39 स्वस्थ उम्रदराज लोगों को शामिल किया गया। अध्ययन में यह बात सामने आई कि टहलने से इन सबको लाभ हुआ।
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स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
'चलो कुछ दूर टहल आएं' अपने किसी परिचित का ऐसा आग्रह हम अक्सर स्वीकार कर लेते हैं। तो टहलने से एक ओर जहां हमारा समाजीकरण होता है तो दूसरी ओर स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। पड़ोसी जो टहलने के लिए प्रेरित करते हैं, यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसा हमें पेड़ की छाया में प्रतीत होता है।
तनाव कम होता है
वॉकिंग रक्तचाप और जोड़ों पर दबाव को कम करती है, और स्ट्रोक का खतरा कम कर आपको फिट रखती है। लेकिन वॉकिंग के कई प्रकार के मानसिक लाभ भी होते हैं। वॉकिंग तनाव कम करने का एक प्रभावी तरीका है। वॉकिंग मस्तिष्क में नोरेपिनेफ्रिने नामक केमिकल को बढ़ने में मदद करता है। और यह केमिकल तनाव के प्रति मस्तिष्क की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है, इससे तनाव को अच्छे तरीके से निपटने में मदद मिलती है।
एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव
वॉकिंग से खुशी और उत्साह बढ़ाने वाले एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्राव होता है। जो वयस्कों में अवसाद को कम करने में मदद करता है। वॉकिंग के दौरान इस हार्मोंन के स्राव से समग्र मूड में सुधार में मदद मिलती है। अध्ययन से पता चला है कि जो बूढ़ लोग नियमित रूप से वॉक करते हैं उनमें अल्जामर और डिमेंशिया जैसे रोगों के विकास का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में बहुत कम होता है।
ब्रिस्क वॉकिंग से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। और शरीर के तापमान के वापस सामान्य होने के बाद आपको बहुत ज्यादा रिलैक्स और स्लीपी महसूस होता है। इसलिए वॉकिंग अच्छी नींद पाने का भी एक अच्छा तरीका है। इसके अलावा वॉकिंग मेडिटेशन के रूप में भी काम करता है। चलते चलते आप चुप होने पर अपनी सांसों और प्रार्थना के माध्यम से अपने शरीर के साथ एक कनेक्शन बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
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