शरीर का संपूर्ण विकास तभी होता है, जब आप पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व लेते हैं। स्वस्थ रहने के लिए शरीर को सभी तरह के विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत पड़ती है। लेकिन जब शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है, तो कई तरह की दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं। ऐसे ही जब शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो कई गंभीर रोग होने की संभावना होती है। आपको बता दें कि विटामिन डी शरीर की लिए बहुत जरूरी होता है। विटामिन डी, शरीर के विकास में अहम भूमिका निभाता है। खासकर, जब छोटे बच्चों में विटामिन डी की कमी होती है, तो उनमें रिकेट्स रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। यानी शरीर में विटामिन डी की कमी, रिकेट्स का कारण बन सकता है। इस लेख में फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के डॉक्टर रमन कुमार से रिकेट्स के लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
रिकेट्स की बीमारी क्या होती है?- What is Rickets in Hindi
रिकेट्स एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। रिकेट्स की वजह से हड्डियां नरम हो जाती हैं। विटामिन डी की कमी, रिकेट्स की बीमारी का एक मुख्य कारण होता है। दरअसल, मजबूत हड्डियों के लिए शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस का सही तरीके से अवशोषण होना बहुत जरूरी होता है, जिसके लिए विटामिन डी की जरूरत पड़ती है। वैसे तो रिकेट्स की बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। लेकिन कम उम्र के लोगों में इसके लक्षण ज्यादा देखने को मिलते हैं।
रिकेट्स के लक्षण- Rickets Symptoms in Hindi
- मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द
- हड्डियों में दर्द
- हड्डियां कमजोर होना
- हड्डियां नरम होना
- जोड़ों में सूजन होना
- रीढ़ और पसलियों में फ्रैक्चर की संभावना
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रिकेट्स से बचाव के उपाय- Rickets Prevention Tips in Hindi
- विटामिन डी की कमी, रिकेट्स का एक कारण होता है। ऐसे में रिकेट्स से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का सेवन करें।
- विटामिन डी के लिए आप धूप में बैठें। धूप, विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है।
- इसके अलावा, कुछ खाद्य पदार्थों को भी डाइट में शामिल करके विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है। इसके लिए आप फैटी फिश और अंडे का सेवन करें।
- अगर शरीर में विटामिन डी की कमी ज्यादा है, तो डॉक्टर विटामिन डी सप्लीमेंट लिख सकते हैं।
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विटामिन डी से भरपूर आहार लेने से, रिकेट्स के जोखइम को कम किया जा सकता है।