इमरजेंसी में या ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल जाने पर न करें लापरवाही, कोरोना से बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां

कोरोना से बचाव के लिए सावधानियां बरतना ही सबसे कारगर उपायों में से एक है। ऐसे में जब हॉस्पिटल जाएं, तो बिलकुल भी लापरवाही न करें।
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इमरजेंसी में या ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल जाने पर न करें लापरवाही, कोरोना से बचाव के लिए बरतें ये सावधानियां

कोरोनावायरस महामारी के कारण दुनिया की स्थिति धीमे-धीमे खराब हो रही है। इसने हर किसी को प्रभावित किया है, खास कर उन लोगों को और ज्यादा परेशानी हो रही है, जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी है और अब उनका सही से इलाज नहीं हो रहा है। जैसे कि कैंसर के मरीज, जिनकी कीमोथेरेपी रूक गई है या वो लोग जिन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है या वो हृदय रोगी, जिनका चेकअप लंबे समय से स्थगित हो रखा है। ऐसे में ऐसे लोगों की मेडिकल कंडीशन ऐसी है ति उन्हें सीधे अस्पताल आना ही पड़ेगा। पर ऐसे में अस्पताल आने पर उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा भी है। जहां उन्हें संक्रमित व्यक्ति से सामना होने की अधिक संभावना है। ऐसे में जरूरी है कि इमरजेंसी में या ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल जाने कुछ सावधानियां रखी जाएं और कुछ नियमों का पालन किया जाए।

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पहले डॉक्टर से टेली कंसल्टेशन करें

  • - अगर आपको मेडिकल इमरजेंसी नहीं है, लेकिन डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता है, तो डॉक्टर से टेली कंसल्टेशन करें।
  • -इसके लिए एक अस्पताल के साथ एक टेलीकॉन्स्लेशन अपॉइंटमेंट बुक करें और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेहतर और सुरक्षित सुझाव ले लें।
  • - मरीज अगर कंटेंट ज़ोन में रह रहें हैं, तो अस्पताल की वेबसाइट पर अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए जा सकते हैं।

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अस्पताल में भर्ती होने से पहले ध्यान में रखें ये बातें

  • -किसी प्रक्रिया के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने से पहले, अपने स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर या अस्पताल के कर्मचारियों को सूचित करें। साथ ही COVID-19 परीक्षण करवा कर जाना ही ज्यादा सही होगा।
  • - अस्पताल में प्रवेश करने से पहले सभी रोगियों को मास्क पहनना जरूरी है। अगर आप भूल जाते हैं तो कृपया अस्पताल से लेकर पहन लें।
  • - आने से पहले अस्पताल से संपर्क करें और अपॉइंटमेंट ले लें। फिर सुरक्षा प्रक्रियाओं के बारे में अच्छे से पूंछ लें।
  • -सुनिश्चित करें कि अस्पताल ने कोरोना से बचाव के लिए सफाई और सुरक्षा के सारे कदम उठाए जा रहे हों।
  •  -सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक रोगी की जांच के बाद पूरी तरह से सफाई और सुरक्षा का ख्याल रखा जाता हो।
  • -जांचें कि क्या प्रत्येक रोगी के देखभाल उपकरण को उपयोग के बाद अच्छी तरह से डिसइंफेक्टेंट किया जाता है या नहीं।
  • -सुनिश्चित करें कि COVID-19 से पीड़ित रोगी अस्पताल के एक अलग हिस्से में हों, ऐसे कि गैर-संक्रमित लोगों के उनके संपर्क में आने की कम संभावना हो।
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क्रॉनिक इलनेस के मरीजों के लिए सावधानियां

  • - लिवर की बीमारी, हृदय रोग, और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों वाले लोगों को कोरोना से संक्रमित होने पर परेशानियां बढ़ सकती हैं।
  • -ऐसी बीमारियों वाले लोगों लगातार हाथ धोने और सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए।
  • - हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी या अन्य दवाओं को लेने वाले मरीजों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास स्वास्थ्य देखभाल या फार्मेसियों की अनावश्यक यात्राओं से बचने के लिए घर पर बहुत सारी दवाएं हैं।

याद रखें कि ये सावधानियां आपके लिए बेहद ही जरूरी है। वहीं अपने पुराने रोग के साथ आपको कोई असामान्य लक्षण दिखाई देता है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। अपने इलाज के दौरान या किसी भी वक्त आपको ऐसा लेग कि आपकी तबियत ठीक नहीं है, तो डॉक्टर से बात करें। भले ही आपको हॉस्पिटल जाने में डर लग रहा हो, पर इसका मतलब ये नहीं कि आप अपना इलाज न करवाएं। डॉक्टर से पूछें शायद वो घर आकर आपका इलाज कर दें या वीडियो कॉल पर ही प्राथमिक इलाज बता दें।

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