वायरस के संक्रमण के कई प्रकार हो सकते हैं। गर्भावस्था में वायरस का इंफेक्शन बहुत ही आम बात है। यहां वायरल इनफेक्शन के एक प्रकार- वायरल फ्लू के बारे में हम बात कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में रोगी का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। गर्भावस्था में इसलिए भी ध्यान देना जरूरी होता है क्योंकि इसका असर बच्चे पर भी पड़ सकता है। ये समस्या दिखने में बहुत सामान्य होती है लेकिन यह गंभीर भी हो सकता है।
वायरल फ्लू लक्षण
गर्भावस्था में फ्लू होने से आप अस्वस्थ महसूस कर सकती हैं, इसलिए आराम बहुत जरूरी है। फ्लू में कई बार कमजोरी महसूस होती है। शुरुआत में यह सर्दी-जुकाम का मामला लगेगा, जिसकी वजह से आप काफी बीमार सी महसूस कर सकती हैं। मगर, फ्लू के लक्षण बढ़ने पर आपकी स्थिति और बिगड़ने लगेगी। फ्लू के कुछ लक्षण हैं जो निम्न लिखित हैं।
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- बुखार
- थकान
- सिरदर्द
- कंपकंपी होना
- मांसपेशियों में दर्द
- भूख कम लगना
आपको सर्दी-जुकाम के लक्षण जैसे कि खांसी, गले में खराश, नाक बहना और छींक आना भी हो सकते हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकता है।
तीन सप्ताह से ज्यादा तक लगातार खांसी रहना या लगातार हल्का बुखार होना ट्यूबरक्युलोसिस या टीबी के लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर कोई भी चिंता हो, तो हमेशा अपनी डॉक्टर से बात करें।
क्या गर्भावस्था में फ्लू होना खतरनाक है? ऐसा संभव है, मगर आमतौर पर ऐसा होता नहीं। जब आप गर्भवती होती हैं, तो शरीर में होने वाले बदलावों के कारण आपको फ्लू होने का खतरा अधिक होता है। और इस बात की भी पूरी संभावना होती है कि यह फ्लू अन्य जटिलताओं जैसे कि श्वास संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
वायरल फ्लू एक आम बीमारी लग सकती है और अधिकांश गर्भवती महिलाएं बिना किसी समस्या के इससे उबर जाती हैं। हालांकि, कुछ दुर्लभ मामलों में फ्लू गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा भी हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान फ्लू होने से समय से पहले प्रसव और कम जन्म वजन शिशु के होने का खतरा बढ़ जाता है। दुर्भाग्यवश, यह मृत शिशु (स्टिलबोर्न) के जन्म का कारण भी बन सकता है।
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इसलिए जब भी बुखार हो और आपको वायरल फ्लू होने की आशंका हो, तो हमेशा जरुरी है कि आप डॉक्टर से मिलें। हो सकता है डॉक्टर आपको उपचार के लिए केवल दवाएं दे दें या फिर वे फ्लू का टीका लगवाने की सलाह भी दे सकती हैं। फ्लू का टीका आपको फ्लू से सुरक्षा प्रदान करता है, और यदि आपको पहले से ही फ्लू हो, तो टीके के साथ तुरंत उपचार इसे और गंभीर नहीं बनने देता।
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फ्लू का टीका लगवाना है फायदेमंद
विश्व स्वास्थ्य संगठन और फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनाकॉलोजिकल सोसायटिज ऑफ इंडिया गर्भवती महिलाओं को 26 सप्ताह यानी 6 माह बाद फ्लू का टीका लगवाने की सलाह देते हैं। अगर फ्लू का वायरस फैल रहा है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क कर टीका के लिए बात कर सकते हैं। यह टीका लगवाने से आपकी और आपके शिशु की स्वाइन फ्लू और फ्लू के अन्य प्रकारों से सुरक्षा में मदद मिलेगी।
इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि मौसमी फ्लू का टीका आपको या आपको शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। टीके में विषाणु का निष्क्रिय रूप होता है, जिसका मतलब है कि आपको इससे इनफेक्शन नहीं हो सकता। गर्भावस्था में टीका लगाने से गर्भ मे पल रहे शिशु को फ्लू के वायरस से बचाया जा सकता है।
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