गले की खराश, गले में एक तरह का दर्द है, सूखापन और खंरोच महसूस होता है। गले में दर्द का होना गले में खराश का प्रमुख लक्षण है। इस समस्या से ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। गले में खराश का मुख्य कारण संक्रमण, पर्यावरणीय कारणों खासकर गर्म या सर्द हवाओं की वजह से होता है। इसके अलावा इस प्रकार की समस्या में व्यक्ति काफी अनकंफर्टेबल महसूस करता है। गले में खराश की समस्या को मुख्यत: तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिसकी स्थिति भी अलग-अलग होती है।
- ग्रसनीशोथ: इसमें मुंह के पीछे का क्षेत्र प्रभावित होता है।
- टोंसिलिटिस: टन्सिल की सूजन और लालिमा है, मुंह के पीछे नरम ऊतक।
- लारेंजाइटिस: वाइस बॉक्स में सूजन और रेडनेस की समस्या।
गले में खराश के लक्षण
गले में खराश के लक्षण आमतौर पर कारणों पर निर्भर होते हैं। हालांकि यहां हम आपको कुछ लक्षण बता रहे हैं। जैसे: खराश, जलन, ड्राइनेस, सॉफ्टनेस, कुपित, दर्द आदि। ऐसी स्थित में जब आप खाना निगलते हैं या बात करते हैं तो इससे घाव बढ़ने लगता है। आपका गला या टॉन्सिल भी लाल दिखने लगता है। कभी-कभी, सफेद पैच के क्षेत्र टन्सिल पर बने होते हैं।
गले में खराश के साथ आप में ये लक्षण भी हो सकते हैं:
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- नाक बंद
- बहती नाक
- छींक आना
- खांसी
- बुखार
- ठंड लगना
- गर्दन में सूजन ग्रंथियां
- कर्कश आवाज
- शरीर मैं दर्द
- सरदर्द
- निगलने में परेशानी
- भूख की कमी
गले में खराश के 5 प्रमुख लक्षण
वायरल इन्फेक्शन
गले में खराश की समस्या अधिकतर वायरल इन्फेक्शन होने के कारण होती है। वायरल इन्फेक्शन के लिए ठंड और फ्लू के वायरस जिम्मेदार होते हैं। गले में खराश होने पर रोगी के गले में दर्द भी होता है।
जुकाम होना
मौसम बदलने पर जुकाम की समस्या भी आम है। कुछ लोगों को पहले गले में खराश का अहसास होता है और इसके कुछ समय बाद उन्हें जुकाम व खंसी की समस्या होती है।
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आंखों में जलन
यदि आपकी आंखों में जलन है, तो यह गले में खराश का कारण भी हो सकता है। ऐसे में आंखें लाल हो जाती है और उनमें खुजली भी होती है।
सिर दर्द व बुखार
कई मामलों में सिर दर्द के साथ तेज बुखार भी गले में खराश का संकेत होता है। यदि किसी व्यक्ति को सिर दर्द और तेज बुखार की समस्या है, तो एक दिन बाद उसके गले में खराश होने की आशंका बनी रहती है।
कफ और नाक से पानी बहना
कफ बनना और नाक से पानी बहना भी गले में खराश का संकेत होता है। ऐसे में रोगी के गले में जकड़न की समस्या भी हो जाती है, जो बहुत तकलीफदेह होती है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति की नाक से पानी बहने की समस्या भी हो सकती है।
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गले में खराश का प्राकृतिक उपचार
- गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। गरारे करने के तुरन्त बाद कुछ ठंडा न लें। गर्म चाय या गुनगुना पानी पिएं जिससे गले को आराम मिलेगा।
- कच्चा सुहागा आधा ग्राम मुंह में रखें और उसका रस चुसते रहें। दो तीन घण्टों मे ही गला बिलकुल साफ हो जाएगा।
- सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर मुंह में रखकर सो जाए। सुबह तक गला साफ हो जायेगा। मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।
- रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता है।
- जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, वह सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होगा।
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