Vestibular Hypofunction in Hindi: बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन ने खुलासा किया है कि वह वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन (Vestibular Hypofunction) नामक बीमारी से जूझ रहे थे। मीडिया से बातचीत करते हुए एक कार्यक्रम में वरुण धवन ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की वजह से उनकी बॉडी का बैलेंस बिगड़ने लगा था। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में उन्हें इस बीमारी की वजह से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि शरीर का संतुलन बिगड़ने की वजह से उन्हें अपने काम से भी काफी समय के लिए ब्रेक लेना पड़ा था। वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन नामक यह बीमारी कान के अंदर होती है, जिसकी वजह से मरीज को कई गंभीर समस्याएं होती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन क्या है?- What is Vestibular Hypofunction?
हॉपकिन्स मेडिसिन के मुताबिक वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन कान के अंदर होने वाला एक डिसऑर्डर है। जिसकी वजह से मरीज के दिमाग तक किसी भी तरह का संदेश पहुंचने में दिक्कत होती है। शरीर में मौजूद वेस्टिबुलर सिस्टम का काम आंख, नाक और कान के साथ बैलेंस बनाना होता है। इसमें खराबी आने पर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन की समस्या में इंसान के शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है और इसकी वजह से कई अन्य समस्याएं भी होती हैं।
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वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के लक्षण- Vestibular Hypofunction Symptoms in Hindi
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन की समस्या में मरीज को बेचैनी, संतुलन बनाने में दिक्कत और उल्टी या दस्त जैसी समस्याएं होती हैं। इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को खड़े होने में और चलने-फिरने में भी दिक्कतें होती हैं। वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- चक्कर आना
- बेचैनी
- उल्टी और पेट खराब होना
- खाने होने में दिक्कत
- बॉडी बैलेंस बिगड़ना
- हार्ट बीट में बदलाव
- घबराहट
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन का इलाज- Vestibular Hypofunction Treatment in Hindi
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को लक्षण दिखने पर सबसे पहले आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके आलावा इस समस्या में आपको अपने बैठने की पोजीशन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दिन में कम से कम दो से तीन बार एक्सरसाइज करें। इस समस्या में सिर को नीचे की और ले जाएं और उसके बाद ऊपर की तरफ लाएं। इसके अलावा परेशानी बढ़ने पर बैलेंस, विजन, हियरिंग और इमेजिंग टेस्ट जरूर कराएं।
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