गर्भावस्था में वेजिटेबल ऑयल और पोटैटो चिप्स का अधिक सेवन बन सकता है परेशानी की वजह, जानें क्यों

द जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अत्याधिक वेजिटेबल ऑयल और पोटैटो चिप्स खाने के परिणामस्वरूप गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का जोखिम बढ़ता है और शिशु का विकास धीमा हो सकता है।  
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गर्भावस्था में वेजिटेबल ऑयल और पोटैटो चिप्स का अधिक सेवन बन सकता है परेशानी की वजह, जानें क्यों

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अत्याधिक वेजिटेबल ऑयल और पोटैटो चिप्स खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए हानिकारक हो सकते हैं। द जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, इस तरह की डाइट के परिणामस्वरूप गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का जोखिम बढ़ता है और शिशु का विकास धीमा हो सकता है।

वेजिटेबल ऑयल और पोटैटो चिप्स जैसे खाद्य पदार्थों में ओमेगा-6 फैट, विशेषकर लिनोलिक एसिड होता है और शोधकर्ताओं ने बताया है कि इन न्यूट्रिएंट का अत्याधिक सेवन सूजन व जलन को बढ़ाता है और साथ ही यह ह्रदय रोगों के बढ़े खतरे के साथ भी जुड़ा हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया में ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक डीन स्केली का कहना है कि गर्भवती महिलाओं द्वारा अपनी डाइट पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है और हमारा शोध एक निश्चित प्रकार के पोषक तत्वों का अत्याधिक सेवन करने से बढ़ते बच्चे पर संभावित रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ने का एक और उदाहरण है।

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द जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में  प्रकाशित निष्कर्षों में पाया गया कि रोजाना सिफारिश की गई लिनोलिक एसिड की मात्रा का तीन गुना अधिक सेवन गर्भावस्था के दौरान हानिकारक  साबित हो सकता है।

अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने चूहों पर परीक्षण किया और पाया कि जिन चूह मादाओं ने उच्च लिनोलिक एसिड वाली खाई उनमें तीन बदलाव देखे गए। पहला उनके लिवर में प्रोटीनों की सांद्रता में परिवर्तन पाया गया। दूसरा गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के संकुचन का कारण बनने वाली प्रोटीन की संकेंद्रित सांद्रता बढ़ गई और तीसरा वह हार्मोन, जो उनमें विकास को नियंत्रित और बढ़ा सकता था वह कम हो गया।

अगर उच्च लिनोलिक एसिड का प्रभाव चूहों व मनुष्यों पर समान पाया जाता है तो यह अध्ययन इस बात का संकेत देगा कि बच्चों को जन्म देनी वाली माताओं को अपनी डाइट में लिनोलिक एसिड की मात्रा को कम करने पर ध्यान देना चाहिए।

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अध्ययन के दौरान शोधकर्ता टीम ने 10 सप्ताह तक चूहों को उच्च लिनोलिक एसिड वाली डाइट खिलाई, उनके संबंध बनवाए और उनकी गर्भावस्था व बच्चों के विकास पर डाइट के पड़ने वाले प्रभावों को जांचा।

चूहें आमतौर पर प्रत्येक प्रसव में बहुत से बच्चों को जन्म देते हैं। अध्ययन के मुताबिक, जिन चूहा मादाओं ने उच्च लिनोलिक एसिड वाली डाइट खाई उनके नर बच्चे की संख्या में कमी दर्ज की गई।

इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि जब मनुष्य उच्च लिनोलिक एसिड वाली डाइट खाता है तो उस डाइट में फैट, शुगर और नमक अधिक होता है। अध्ययन में हालांकि यह बदलाव केवल उच्च लिनोलिक एसिड वाली डाइट में ही देखा गया लेकिन फैट, शुगर और सॉल्ट में किसी प्रकार का बदलाव नहीं देखा गया है।

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