बैक्टीरियल इंफेक्शन से छुटकारा दिलाते हैं ये खास एसेंशियल ऑयल्स, जानें इनके इस्तेमाल का तरीका

कुछ एसेंशियल ऑयल्स में खास एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं इसलिए ये बैक्टीरिया, फंगी से होने वाली समस्याओं में फायदेमंद हो सकते हैं।

Monika Agarwal
Written by: Monika AgarwalUpdated at: Apr 11, 2021 12:00 IST
बैक्टीरियल इंफेक्शन से छुटकारा दिलाते हैं ये खास एसेंशियल ऑयल्स, जानें इनके इस्तेमाल का तरीका

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यह महामारी का दौर है और इस दौर में कोविड-19 के संक्रमण से सभी डरे हुए हैं। ऐसे में सभी को मास्क और हैंड सेनीटाइजर के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है। हम में से कुछ लोग इन वायरस और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचने के लिए कोई नया तरीका भी ढूंढ रहे होंगे। माना कि यह एसेंशियल ऑयल (Essential oils) कोरोना वायरस को मारने में सफल नहीं हैं, लेकिन आप इसकी मदद से बहुत से अन्य हानिकारक बैक्टीरिया को मात दे सकते है। वैसे भी एसेंशियल ऑयल (Essential oils) का प्रयोग अब से नहीं काफी पुराने समय से होता आ रहा है, चाहे वह दवा के रूप में हो या खुशबू के लिए या फिर स्किन के प्रयोग के लिए। बस जरूरी है उसके सही तरह से प्रयोग का तरीका जानने की। एसेंशियल ऑयल (Essential oils) आपके माइंड और बॉडी को रिलैक्स करने में बेहद सहायक सिद्ध होते हैं। यह आपको स्ट्रेस, चिंता और इन्फ्लेमेशन से राहत दिलाते है। इसके साथ साथ ही कुछ एसेंशियल ऑयल (Essential oils) में एंटी माइक्रोबियल गुण होते है जो बैक्टेरिया और फंगी आदि को मारने के काम आते हैं। 

tea tree oil benefits

एसेंशियल ऑयल बैक्टीरिया को किस प्रकार मारते हैं ( Oils Can kill Bacteria)

आप सोच रहे होंगे कि एसेंशियल ऑयल किस प्रकार बैक्टीरिया को मार सकते हैं? तो इनका उत्तर साधारण सा है। एसेंशियल ऑयल में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो इन्हें जर्म्स को मारने में सहायक बनाते हैं। वैसे तो यह कंपाउंड हर ऑयल में अलग अलग होते हैं लेकिन मुख्य तत्त्व एल्डिहाइड और फेनोल होते हैं। एल्डिहाइड एक डिसइन्फेक्टेंट होता है जो वायरस, फंगी और बैक्टीरिया को मारता है। फेनॉल एक ऐसा कंपाउंड है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ साथ एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। इन कंपाउंड्स के प्रभाव को देख कर बहुत से रिसर्चर्स ने यह माना है कि एसेंशियल ऑयल सच में ही बैक्टीरिया मारने में सहायक साबित हो सकते हैं।

1. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)

यह एक एसेंशियल ऑयल है जो टी ट्री के पत्तों द्वारा बनाया जाता है। इसमें एंटी फंगल और एंटी सेप्टिक जैसे कुछ एंटी वायरल गुण होते हैं। इसी गुण के कारण टी ट्री ऑयल का प्रयोग एक्ने, नेल फंगस और डैंड्रफ जैसी समस्याओं के लिए किया जाता है। यह ऑयल ई कोली, एस ऑरियस, एस एपिडरमिडीस, एच इन्फ्लूएंजा आदि पैथोजेंस को मारने में सहायक माना जाता है।

टी ट्री ऑयल का प्रयोग कैसे करें?

आपको हर रोज टी ट्री ऑयल एक या दो बार अप्लाई करना  है और ध्यान रखें कि रोजाना का डोज लगभग 15% टॉपिकल ऑयल हो। आप गर्म पानी में यह ऑयल मिला कर नहा भी सकते हैं और इसे इनहेल करने के लिए डिफ्यूजर का प्रयोग भी कर सकते हैं।

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2. लेमनग्रास ऑयल (Lemongrass Oil)

lemon grass oil

लेमनग्रास ऑयल में भी एंटी बैक्टीरियल गुण होने का दावा किया जाता है। एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि यह ऑयल वैक्यूल्स सबटिलिस और वैक्यूल्स सीरियस को मारने में लाभदायक होता है। यह बैक्टीरियल इंफेक्शन को ठीक करने में भी लाभदायक माना जाता है क्योंकि इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं।

लेमन ग्रास ऑयल का प्रयोग कैसे करें?

आप इसे एक प्राकृतिक फ्रेशनर की तरह प्रयोग करने के लिए उसे डिफ्यूज कर सकते हैं या रिलैक्सेशन के लिए इसे इनहेल भी कर सकते हैं। आप क्लीनर में इसकी कुछ बूंदें भी मिला सकते है। करियर ऑयल में मिला कर आप इसका प्रयोग अपनी स्किन पर भी कर सकते हैं। इससे आपकी स्किन एंटी बैक्टीरियल रहेगी। पहले एक चम्मच करियर ऑयल में 12 बूंदें लेमन ग्रास ऑयल की मिलाएं और इसे स्किन पर मसाज करें। आप इसे नहाने वाले पानी में भी एड कर सकते हैं।

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3. यूकेलिप्टस ऑयल (Eucalyptus oil)

Eucalyptus oil benefits

यह ऑयल ऑस्ट्रेलिया के नेटिव यूकेलिप्टस पेड़ के द्वारा बनता है। इस ऑयल के बहुत से स्वास्थ्य लाभ हैं जिसमें इन्फ्लेमेशन कम करना, अस्थमा से संबंधित समस्याएं कम करना, डैंड्रफ कम करना, स्ट्रेस लेवल कम करना आदि शामिल हैं। हाल ही में की गई स्टडी के अनुसार यह ऑयल निम्न बैक्टीरिया को मारने में सहायक है।

  • एस ऑरेयस
  • एस प्योगेंस
  • एस टायफी
  • ई कोली आदि।

कैसे प्रयोग करें?

ध्यान रखें कि यह ऑयल कम मात्रा में भी बहुत टॉक्सिक होता है इसलिए आपको अधिक इसका प्रयोग नहीं करना है। केवल इसे इनहेल करें या नहाने वाले पानी में इसको मिला कर नहाएं।

माना कि एसेंशियल ऑयल नेचुरल है, लेकिन इनका प्रयोग यह सोचकर ना करें कि यह नुकसान नहीं पहुंचा सकते। इनके अधिकतम प्रयोग से एलर्जी, सांस लेने में तकलीफ, खुजली आदि समस्याएं हो सकती हैं। गले में खराश आदि परेशानियों के लिए, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर यह एक अल्टरनेटिव दवा का तो काम करती है लेकिन यह कितनी प्रभावी है यह बताना संभव नहीं। इसलिए समस्या बढ़ने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

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