मसालों का भारतीय किचन में बहुत ही बड़ा योगदान है। यह मसाले न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाने में लाभकारी होते हैं, बल्कि इससे स्वास्थ्य को भी कई लाभ होते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर पेट की परेशानियों को दूर करने के लिए हम किचन में रखे मसालों का इस्तेमाल करते हैं। लौंग, कालीमिर्च, दालचीनी, जीरा और अजवाइन जैसे मसालो को इस्तेमाल हम लगभग हर रोज करते हैं। यह मसाले इंडियन फूड्स का एक अहम हिस्सा है। इसके अलावा भारत के कई हिस्सों में कुछ ऐसे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बहुत से लोग अनजान हैं। आज हम इस लेख में आपको उन्हीं मसालों के नाम और इनके कुछ असरकारी फायदों के बारे मे बताने जा रहे हैं। आइए जानते इन मसालों के बारे में-
1. रधुनी (Radhuni)
रधुनी अजवाइन की तरह दिखने वाला एक मसाला है। इसका इस्तेमाल बंगाल और बिहार के कुछ क्षेत्रों में किया जाता है। कुछ लोग इसे जंगली अजवाइन भी कहते हैं। साग और सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए रधुनी का इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर पर तड़का देने के लिए रधुनी का इस्तेमाल होता है।
अजवाइन की तरह की रधुनी (Befefits of Radhuni) के सेवन से पाचन शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही यह ब्लोटिंग, शरीर के क्रैम्प्स, सर्दी-जुकाम, पीरियड्स की समस्या, शरीर में सूजन और दर्द और अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं, बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में भी रधुनी आपकी मदद कर सकता है।
इसे भी पढ़ें - सिंघाड़े के छिलके में छिपे होते हैं कई गुण, स्किन की झुर्रियां मिटाने से लेकर वजन घटाने तक जानें इसके 7 फायदे
2. जखिया (Jakhiya)
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में जखिया का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है। इसमें मिट्टी की तरह सुगंध आती है। देखने में यह रागी या फिर राई की तरह लगता है। यह पहाड़ी मसाला खाने में काफी क्रंची होता है। गढ़वाल के लोग इसका इस्तेमाल सब्जियों और दालों में तड़का लगाने के लिए करते हैं। जखिया का सेवन करने से आप कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
जखिया स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। में एनाल्जेसिक, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीपीयरेटिक और एंटी-डायरियल का गुण मौजूद होता है। इसके अलावा जख्या के बीजों से तैयार तेल में 8 फीसदी तेल फैटी एसिड और अमीनो अम्ल मौजूद होता है। इसके सेवन से आप सर्दी-खांसी, बुखार, एसिडिटी, अल्सर और गठिया जैसी परेशानियों से राहत पा सकते हैं।
3. रतनजोत
यह एक कश्मीरी मसाला और जड़ी-बूटी है। इसका इस्तेमाल फूड कलर के रूप में किया जाता है। खाने का स्वाद और कलर को बेहतर करने में इसका काफी योगदान होता है। इसका उपयोग सूखाकर किया जाता है। जोड़ों के दर्द से लेकर बालों बढ़ाने के लिए रतनजोत का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो रतनजोत को अपने आहार में शामिल करें। इतना ही नहीं, रतनजोत के इस्तेमाल से अनिद्रा, जोड़ों में दर्द और सिरदर्द की परेशानी से राहत पाया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें - कश्मीरी लाल मिर्च, सामान्य लाल मिर्च से कैसे है अलग? जानें इस मिर्च के फायदे और खास बातें
4. कल्पासी (kalpasi)
साउथ इंडिया में कल्पासी मसाले का इस्तेमाल किया जाता है। इसे कई लोग दगड़ फूल या फिर काले पत्थर के फूल के नाम से भी जानते हैं। हैदराबादी, महाष्ट्रीयन और चेट्टीनाड के स्पेशल डिशेज में कल्पासी का इस्तेमाल किया जाता है। खाने में इसका इस्तेमाल करने से न सिर्फ यह स्वाद बढ़ाने का काम करती है, बल्कि इससे खाने का रंग भी अच्छा होता है।
कल्पासी कागज की तरह हल्का होता है। सेहत के लिहाज से भी कल्पासी काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके सेवन से पाचन शक्ति को मजबूत किया जा सकता है। साथ ही यह किडनी स्टोन को भी दूर करने में मददगार होता है। इतना ही नहीं, घाव को जल्दी भरने और स्किन से जुड़ी परेशानियों को ठीक करने के लिए भी कल्पासी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
5. कश्मीरी लहसुन
साधारण लहसुन तो आपने खूब खाया होगा, लेकिन क्या कभी आपने कश्मीरी लहसुन का सेवन किया है। सफेद लहसुन की तुलना में कश्मीरी लहसुन का गंध काफी स्ट्रॉन्ग होता है। साथ ही यह काफी तीखा भी होता है। इसका सेवन कच्चा या फिर खाने में पकाकर किया जाता है। स्वास्थ्य के लिहाज से कश्मीरी लहसुन काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके सेवन से हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार किया जा सकता है। साथ ही यह हड्डियों को मजबूत और डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक माना जाता है। ब्लड शुगर रोगियों के लिए भी कश्मीपी लहसुन फायदेमंद होता है।
अगर आप इन मसालों से अबतक अनजान थे, तो आज से ही इन्हें अपने डाइट में शामिल करेँ। इसके सेवन से आपको काफी फायदा हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी है, तो एक्सपर्ट की सलाह पर ही इन मसालों का सेवन करें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version