Heart Diseases In Children : आज के दौर में कुछ गंभीर बीमारियां बच्चों को होने लगी हैं। कुछ सालों पहले हार्ट संबंधी रोग मुख्य रूप से बुजुर्गों और अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलते थे। लेकिन आज के समय में हमें नौजवानों के हार्ट अटैक व हार्ट संबंधी अन्य रोग होने की खबरें लगातार सुनने को मिल रही है। हार्ट संबंधी रोग अब बच्चों को भी परेशान करने लगा है। यदि किसी के परिवार में मां-पिता या अन्य सदस्य को हार्ट संबंधी रोग है तो ऐसे में बच्चों को भी हार्ट रोग होने की संभावना हो सकती है। जबकि कुछ बच्चों को जन्म से ही हार्ट संबंधी रोग होते हैं। ऐसे बच्चे मां के पेट से हृदय संबंधी दोष के साथ ही पैदा होते हैं। जिन बच्चों को जन्म से ही हृदय रोग होता है, उस स्थिति को ठीक किया जा सकता है। लेकिन हमारी कुछ गलत आदतों और प्रदूषित वातावरण की वजह से हृदय संबंधी रोगों के होने के संभावना बढ़ने लगती है।
बच्चों में हार्ट संबंधी रोग के कई प्रकार होते हैं। लेकिन सही समय पर इलाज शुरू करने से इन रोगों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस लेख में एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट मुंबई के कंसलटेंट बाल रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ. सारंग गायकवाड़ से जानें बच्चों को कितने प्रकार के हृदय रोग होते हैं?
बच्चों में हृदय रोग के प्रकार - Types of Heart Disease In Children In Hindi
कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज (Congenital heart disease)
जब बच्चे को जन्म से ही हृदय में गड़बड़ी होती है तो इसे कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज कहा जाता है। इस गड़बड़ी की वजह से बच्चे की हार्ट वाल्व व नसे प्रभावित होते हैं। इस रोग में बच्चे के शरीर में होने वाला रक्त प्रवाह बाधित होने लगता है। लेकिन इस समस्या का इलाज किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें : सर्दियों में बच्चों को निमोनिया का होता है अधिक खतरा, इन घरेलू उपाय से बच्चों का करें बचाव
एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)
एथेरोस्क्लेरोसिस होने पर बच्चों के हार्ट की नसे सिकुड़ने लगती है। इसके साथ ही नसे सख्त होने लगती हैं। इस बीमारी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। हार्ट संबंधी ये समस्या बच्चे के मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाती है।
दिल की धड़कने अनियमित होना (Arrhythmias)
इस स्थिति में बच्चों का दिल सामान्य से अधिक तेजी से धड़कने लगता है। ऐसे में रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और हार्ट को जाने वाला रक्त प्रवाह बाधित होने लगता है। इस समस्या में बच्चे को थकान, कमजोरी और चक्कर आ सकते हैं। इस रोग में बच्चे के दिल की धड़कने अभी तेज को कभी धीमी हो जाती है।
कावासाकी रोग (Kawasaki disease)
कावासाकी रोग को एक दुर्लभ बीमारी की लिस्ट में शामिल किया जाता है। ये समस्या मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है। इस रोग में बच्चे हाथ, पैर, होंठ, मुंह और गले की नसों में सूजन आ सकती है। ऐसे में बच्चों को बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है।
हार्ट मूरमूर्स (Heart Murmurs)
इस समस्या में बच्चे का हार्ट पंप करते समय सामान्य की अपेक्षा अधिक आवाज करता है। हालांकि इसकी वजह से कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन ये कई अन्य हृदय संबंधी रोग होने की संभावना को बढ़ा देता है।
इसे भी पढ़ें : बच्चों में लिवर इंफेक्शन होने पर दिखाई देते हैं ये 5 लक्षण, जानें कैसे किया जाता है इसका इलाज
रुमैटिक हार्ट डिजीज (Rheumatic heart disease)
स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया गले में दर्द और स्कार्लेट बुखार की वजह हो सकता हैं। साथ ही ये रुमैटिक हार्ट डिजीज के होने का कारण बन सकते हैं। ये रोग बच्चे के हार्ट वाल्व और हार्ट मसल्स को स्थाई रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
बच्चे को किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बच्चे के रोगों की अनदेखी करने से कई अन्य गंभीर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
Read Next
बच्चे को कई स्वास्थ्य समस्याओं की तरफ धकेल सकती हैं लाड़-प्यार में की गई पेरेंट्स की ये 5 गलतियां
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version