मां बनने के बाद ही एक महिला पूरी मानी जाती है। लेकिन मां बनना बहुत ही मुश्किल काम होता है। खासकर तो गर्भावस्था का इकतालींसवां हफ्ता काफी जरूरी, तकलीफदेह औऱ सावधानी बरतने वाला होता है। गर्भावस्था के दौरान मां का वजन हफ्ते दर हफ्ते बढ़ता जाता है। लेकिन इसमें घबराने या परेशान होने की कोई बात नहीं। गर्भावस्था में उतार-चढ़ाव आना सामान्य लक्षण है। गर्भावस्था का 41 वां हफ्ता वह समय है जब गर्भवती महिला अपने अंतिम चरण में पहुंच जाती है। गर्भावस्था में सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी हो जाती है। 41 वें हफ्तें में शिशु कभी भी गर्भ से बाहर आ सकता हैं। हालांकि ऐसा न होने पर भी गर्भवती महिला को धबराना नहीं चाहिए क्योंकि डॉक्टर नौ महीने के बाद भी कुछ दिन बढ़ा देते है जिससे ओपरेशन की स्थिति न आए। आइए जानें गर्भावस्था के 41 हफ्ते के बारे में।
- गर्भावस्था का कोई भी हफ्ता चल रहा हो लेकिन गर्भावस्था में सावधानियां रखना बहुत आवश्यक है।
- गर्भावस्था के दौरान खासकर अंतिम हफ्तों में मां का वजन अधिक बढ़ जाता है।
- गर्भावस्था के दौरान रहन-सहन,खान-पान का ध्या़न रखते हुए स्वस्थ जीवन शैली का अनुसरण करना चाहिए।
- यदि आप अभी भी काम में व्यस्त है तो 41 वें हफ्ते में पूरी तरह से आराम करें।
- कई बार कुछ महिलाओं को डॉक्टर द्वारा दी गई अंतिम तिथि तक भी लेबर पेन शुरू नहीं होते तो ऐसे में धबराने की जरूरत नहीं है बल्कि डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- डयू डेट के बाद भी शिशु न होने पर तनाव में नहीं आना चाहिए नहीं तो गर्भवती महिला और उसके होने वाले शिशु के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है।
- डयू डेट होना भी लाजमी है क्योंकि गर्भावस्था के शुरूआत में कैलकुलेशन में हुई देरी या गड़बड़ से भी डयू डेट हो सकती है।
- गर्भवती महिला चाहे तो अंतिम हफ्तों या डयू डेट निकलने पर भी भ्रूण स्वस्थ है या नहीं कि जानकारी के लिए टेस्ट करा सकती हैं।
- यदि बच्चा डयू डेट के दौरान भी गर्भ में स्वस्थ है और आराम से मूवमेंट कर रहा है तो गर्भवती महिला को निश्चिंत रहना चाहिए क्योंकि आपकी डॉक्टर लगातार आपका ध्यान रखे हुए है।
- गर्भावस्था 41 हफ्ता तीसरे ट्राइमेस्टर के बाद की स्थिति होती है। आमतौर पर पहले ट्राइमेस्टसर में एक से तीन महीने यानी एक से बारह हफ्तों को शामिल किया जाता है। वहीं दूसरे ट्राइमेस्टर में तीन से छह महीने यानी तेरह से चौबीस हफ्तों को शामिल किया जाता है। और तीसरे ट्राइमेस्टर में पच्चीस से छत्तीस हफ्तों को शामिल किया जाता है।
- 41 वें हफ्ते में सावधानी बरतते हुए रेल याञा और सेक्स इत्यादि करने से बचना चाहिए।
किसी भी तरह की समस्या या शंका होने पर अपने डॉक्टर से निसंकोच बात करने से झिझकना नहीं चाहिए।
Read more articles on Pregnancy in hindi.