Haircare In Pregnancy: प्रेग्नेंट होने पर किस तरह रखें बालों का ख्याल, जानें गर्भावस्था में कलर करना कितना सही

गर्भावस्था के दौरान बालों और त्वचा की देखभाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। जानें बालों पर कलर कितना सही और कितना गलत।  
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Haircare In Pregnancy: प्रेग्नेंट होने पर किस तरह रखें बालों का ख्याल, जानें गर्भावस्था में कलर करना कितना सही


गर्भावस्था के दौरान बालों और त्वचा की देखभाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। मुंहासे और बालों की बदलता टेक्सचर जैसी समस्याएं अक्सर महिलाओं को परेशान करती हैं लेकिन गर्भावस्था के दौरान ये हेयर और स्किनकेयर रूटीन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। जब बात बालों की आती है तो महिलाएं बालों के रुखेपन, तनाव से बालों का झड़ना या बालों के कमजोर हो जाने की शिकायत करती हैं। बहुत सी महिलाएं दवा की दुकानों से शैम्पू, कंडीशनर और तरह-तरह के उत्पाद खरीदती है लेकिन इस वक्त ये सभी चीजें ज्यादा कुछ फर्क पैदा नहीं करतीं। लेकिन आप कुछ आसान तरीकों से गर्भावस्था के दौरान अपने बालों की देखभाल कर सकती हैं। इस लेख में जानिए कैसे आप अपने बालों का ख्याल रख सकती हैं।

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गर्भावस्था के दौरान कैसे बदलते हैं आपके बाल

कई गर्भवती महिलाओं को एक सामान्य सकारात्मक प्रभाव का अनुभव होता है और वह है उनके अच्छे बाल। रक्त की मात्रा और शरीर में एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन के स्तर में वृद्धि का मतलब है कि इस चरण के दौरान कई महिलाओं के बाल चमकदार और अधिक चमकीले होते हैं। आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान हार्मोन बालों के विकास में मदद करते हैं। जिसका अर्थ ये है कि गर्भावस्था के दौरान बाल घने और लंबे होते हैं, जो कि सकारात्मक है। कुछ महिलाओं को बालों में  प्रोटीन की कमी के कारण बालों के कमजोर होने की शिकायत हो सकती है (ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर पोषण बेबी के पास चला जाता है।), जिसके कारण बाल रुखे-रुखे से दिखाई देते हैं और बाल दो मुंहे हो जाते हैं।

वहीं दूसरी ओर गर्भावस्था में चिंता और तनाव से बालों का झड़ना शुरू हो जाता है। हार्मोन में180 डिग्री के शिफ्ट के कारण बालों का आकार वास्तव में बदल सकता है जैसे अगर आपके बाल सीधे हैं तो बाल घुंघराले हो सकते हैं या फिर घुंघराले हैं तो उनका आकार किंकी में बदल सकता है।

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कैसे चुने अपने हेयरकेयर और हेयरस्टाइलिंग प्रोडक्ट

आपको शैम्पू और कंडीशनर यूज करने में बहुत सहज लग सकते हैं लेकिन ये पैराबेन, सुगंध और प्रीजरवेटिव से भरे होते हैं। दरअसल ये शॉवर में भाप के साथ घुलमिल जाता है और आमतौर पर सांस लेने के सहारे आपके शरीर के अंदर चला जाता है और यह आप अपनी जड़ों पर भी लगाती हैं। डॉक्टर ऐसे उत्पादों की तलाश करने का सुझाव देते हैं, जिनमें संभवत कुछ तत्व न हो जैसे हार्श क्लींजर और ऑयल। अगर आप डॉक्टर के बताए शैम्पू का इस्तेमाल कर रही हैं तो उसे जारी रखने से पहले एक बार फिर से डॉक्टर से बात करं क्योंकि इनमें सैलिसिलिक एसिड हो सकता है।

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अगर आप प्रयोग करना पसंद करती हैं और नियमित रूप से केमिकल स्ट्रेटनिंग या पर्मिंग ट्रीटमेंट का विकल्प चुनती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान इनसे दूर रहना सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि इनमें फॉर्मेल्डिहाइड (नेल पॉलिश में समान घटक) मौजूद होता है, जो भारी धुआं छोड़ता है। गर्भावस्था के दौरान इनका प्रयोग सुरक्षित नहीं माना जाता है और उनसे बचना सबसे अच्छा रहता है।

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गर्भावस्था में बालों को कलर करना कितना सही

गर्भावस्था में बालों को कलर करने के प्रभाव काफी सीमित है। कई शोध से पता चला है कि सेमी-परमनेंट और परमनेंट रंगों में पाए जाने वाले रसायन अत्यधिक विषाक्त नहीं होते हैं और गर्भावस्था के दौरान उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं। जबकि स्तनपान कराने वाली अधिकांश माताओं को भी रासायनिक उत्पादों से दूर रहना चाहिए हैं। हालांकि इस प्रकार का कोई शोध नहीं है कि हेयर कलरिंग या पर्मिंग आपके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।  हालांकि, कुछ ऐसे तत्व हैं जो आमतौर पर बालों के रंगों में पाए जाते हैं, जिनसे किसी को भी दूर रहना चाहिए।

Paraphenylenediamine (PPD) गर्भावस्था के दौरान सबसे अधिक समस्याग्रस्त घटक है। इससे बच्चे को कैंसर होने का खतरा हो सकता है। किसी भी हेयर कलर में अमोनिया, पेराबेंस, पेरोक्साइड, रेसोरेसिनॉल और पैराफेनिलेंडीमाइन शामिल नहीं होता है, जो गर्भावस्था के दौरान उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। आपकी त्वचा के साथ इसकी संगतता के लिए डाई का परीक्षण करें, भले ही आप एक सुरक्षित उत्पाद खरीद रहे हों। आप चाहें तो प्राकृतिक मेंहदी आधारित रंग का विकल्प चुन सकती हैं लेकिन इन्हें लगाने से पहले एलर्जी की जांच करनी चाहिए।

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