रोजा-उपवास में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज बरतें ये सावधानियां

मई-जून की इस भीषण गर्मी में व्रत और रोजा रखने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन पूजा और इबादत के लिए लोग हर तरह के कष्ट सहते हैं। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों को इस दौरान ध्यान रखनी चाहिए ये बातें।
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रोजा-उपवास में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज बरतें ये सावधानियां

मई-जून की इस भीषण गर्मी में व्रत और रोजा रखने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन पूजा और इबादत के लिए लोग हर तरह के कष्ट सहते हैं। आमतौर पर देखें तो उपवास करना हमारे शरीर के लिए अच्छा है मगर सप्ताह में सिर्फ एक बार। जबकि रमजान में और अन्य कई तरह के उत्सव-त्योहारों में आपको कई-कई दिन तक उपवास रखना पड़ता है। हमारे शरीर के लिए ग्लूकोज जरूरी है और रोजा या उपवास रखने पर ये ग्लूकोज शरीर को ठीक तरह से नहीं मिल पाता है इसलिए इस दौरान डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए खतरा बढ़ जाता है।

व्रत के दौरान आपका शरीर

आमतौर पर जब आप 8 घंटे या उससे ज्यादा समय तक कुछ नहीं खाते हैं, तो शरीर उपवास की अवस्था में चला जाता है। इस अवस्था में शरीर सबसे पहले उस ग्लूकोज का इस्तेमाल करना शुरू करता है जो उसने पहले से स्टोर करके रखा होता है। जब आप लंबे समय तक उपवास या रोजा रखते हैं और शरीर में स्टोर ग्लूकोज भी खत्म हो जाता है तब शरीर बॉडीफैट को तोड़कर एनर्जी बनाना शुरू कर देता है। इसी वजह से लगातार व्रत रहने से आपका बॉडी फैट घट जाता है और आपका वजन कम हो जाता है।

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डायबिटीज के मरीजों को होता है खतरा

हम जैसी जीवनशैली अपनाते हैं हमारा शरीर उसी के अनुसार ढलना शुरू हो जाता है। ऐसे में अगर आप लगातार कई दिन तक रोजा या उपवास रखते हैं, तो आपका शरीर जीवनशैली में अचानक से आए इस बदलाव को कई बार झेल नहीं पाता है। आमतौर पर रोजेदारों को 15 घंटे भूखे-प्यासे रहना पड़ता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए इतना लंबा समय चुनौतियों भरा होता है। दिल के मरीजों के लिए भी इतने लंबे समय तक बिना खाना-पानी के रहना खतरनाक है मगर फिर भी अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप इस दौरान होने वाली परेशानियों को कम कर सकते हैं।

हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा

जब रोगी रोजा या उपवास करते हैं, तो उन्‍हें आम दिनों की तुलना में कई घंटों तक खाली पेट रहना पड़ता है इस वजह से डायबिटीज रोगियों के शरीर में शुगर का लेवल बहुत कम हो जाता है, जिसे हाइपोग्‍लाइसीमिया कहते हैं। यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। अगर आपको डायबिटीज है तो व्रत या रोजे के दौरान हर 2-3 घंटे में अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें। शुगर कम होने के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। आमतौर पर 70 mg/dl या इससे नीचे रक्‍त शर्करा आने पर कुछ लक्षण महसूस होने लगते हैं। जैसे- अचानक पसीना आना, शरीर में कमजोरी या कंपन होना, दिल की धड़कनें तेज होना आदि। ब्लड शुगर लेवल का बहुत ज्यादा घट जाना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है यहां तक कि इसके कारण कोमा की स्थिति भी पैदा हो सकती है।

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डिहाइड्रेशन का भी खतरा

रोजा या निर्जला व्रत रखने के दौरान चूंकि आप पानी भी नहीं पीते हैं इसलिए आपको डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है। तेज गर्मी के मौसम में उपवास रखने पर इसका खतरा और बढ़ जाता है।

ऐसे रखें व्रत या रोजा

डायबिटीज या हाई ब्‍लड प्रेशर वाले मरीज उपवास और रोजे के दौरान इन बातों का ध्यान जरूर रखें।

  • डायबिटीज और हाई ब्‍लड प्रेशर वालों को उपवास से पूर्व डॉक्‍टर की सलाह लेना आवश्‍यक है। डॉक्‍टर आपकी दवाओं की खुराक में परिवर्तन कर सकते हैं। डॉक्‍टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें।
  • डायबिटीज के ऐसे रोगी जो दवा अथवा इंसुलिन थेरेपी पर निर्भर हैं, उनके लिए दिन में तीन से चार बार ब्‍लड शुगर की जांच करना आवश्‍यक है। ग्‍लूकोमीटर के जरिए उपवास के दौरान नियमित रूप से घर पर ही शुगर की जांच की जा सकती है।
  • डायबिटीज और हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को इस दौरान कम कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा ज्यादा वसा और ज्यादा नमक वाले आहारों से भी बचना चाहिए। खाने को तल कर बनाने के बजाय ज्यादातर चीजों को बेक और ग्रिल करके बनाएं। इससे आप ज्यादा वसा खाने से बचेंगे।
  • रोजा और उपवास के दौरान बाजार में मिलने वाली नमकीन और चिप्‍स का सेवन न करें, क्‍योंकि इसमें सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे बेहतर है कि आप घर पर ही इसे बनाएं।
  • जब डायबिटीज के रोगी व्रत रखते हैं तो शुगर बढ़ने के अलावा डिहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए लंबे व्रत के बाद तुरंत कुछ ठोस खाने से पहले आपको नींबू पानी, नींबू शर्बत या ग्लूकोज वाटर पीना चाहिए। रोजा और उपवास के दौरान आपको कैफीन वाले ड्रिंक्स पीने से बचना चाहिए।
  • व्रत या रोजे के दौरान खाने के तुरंत बाद आपको सोना नहीं चाहिए क्योंकि इससे पाचन की क्रिया प्रभावित होती है और आपका खाया हुआ आहार ग्लूकोज में पूरी तरह बदल नहीं पाता है। इसलिए खाने के बाद कम कम से कम 2 घंटे बाद ही सोएं।
  • रोजे के दौरान सहरी में आपको थोड़ा कम खाना खाना चाहिए। इसके अलावा जो भी खाएं उसमें प्रोटीन की मात्रा खूब हो। सहरी में फल, ग्रेन ब्रेड, अंडा, लो शुगर वाले अनाज, बीन्स, दालें और ड्राई फ्रूट्स खाएं। अंडा और दालें आपके शरीर में लंबे समय तक एनर्जी रिलीज करते हैं।
  • डायबिटीज के रोगियों को व्रत या रोजा के दौरान प्रोटीन वाले आहारों का सेवन ज्यादा करना चाहिए जैसे फल, सलाद, सब्जियां, बादाम, अखरोट और भुना हुआ मखाना आदि। इससे आपको लंबे समय तक के लिए ऊर्जा मिलती है।
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