रोजाना 14 घंटे तक भूखे रहकर डायबिटीज, मोटापे, हार्ट के रोगों से बचा जा सकता है, शोध में हुआ खुलासा

एक पायलट स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिन में एक दिन में 10 घंटे के भीतर खाने और 14 घंटे उपवास का नियम आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Dec 10, 2019 11:51 IST
रोजाना 14 घंटे तक भूखे रहकर डायबिटीज, मोटापे, हार्ट के रोगों से बचा जा सकता है, शोध में हुआ खुलासा

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हाल में हुई एक क्लीनिकल स्टडी में दावा किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना 14 घंटे का उपवास (Fast) रखे, तो वो मोटापे, डायबिटीज और कई गंभीर रोगों से आसानी से बच सकता है। इसका मतलब है कि दिन में 10 घंटे के अंदर आप जो भी चाहे खा-पी सकते हैं, मगर बाकी बचे 14 घंटों में आपको कुछ भी नहीं खाना है। 12 सप्ताह तक चले इस पायलट अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि लंबे समय तक भूखे रहना शरीर और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

आजकल दुनियाभर में ऐसी डाइट्स पॉपुलर हो रही हैं, जिनमें खानपान पर कुछ सख्ती और पाबंदियों का नियम अपनाया जाता है। इन्हें time-restricted eating (TRE) कहा जाता है। इसमें शरीर की जरूरत के अनुसार आप सभी पोषक तत्व और आहार लेते हैं, मगर तय समय के भीतर ही खाते हैं। इस तरह की डाइट इसलिए भी पॉपुलर हो रही है क्योंकि पूरे दिन भूखे रहना हर किसी के वश की बात नहीं है। जबकि दिन के कुछ घंटों तक लगातार भूखे रहना ज्यादा आसान और सुरक्षित है।

वैज्ञानिक क्यों मान रहे हैं 14 घंटे के उपवास को फायदेमंद

वैज्ञानिकों का मानना है कि जब आप दिन के कुछ निश्चित घंटों तक भूखे रहते हैं, तो इससे आप कम कैलोरीज लेते हैं, जो कि वजन घटाने और स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी चीज है। इसके अलावा आधे दिन के उपवास से आपके पाचनतंत्र और अन्य अंगों को आराम करने का समय मिल जाता है, जिससे ये अंग स्वस्थ रहते हैं और लंबी उम्र तक आपका साथ निभाते हैं। इसके साथ ही उपवास के दौरान आप सिर्फ पानी पीते हैं, जिससे आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स पेशाब के रास्ते से बाहर निकल जाते हैं और आपका शरीर पूरी तरह डिटॉक्सिफाई हो जाता है।

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क्या कहते हैं शोधकर्ता?

इस शोध के प्रमुख लेखक सच्चिदानंद पंडा कहते हैं, "इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर काफी चर्चा होती रही है। इस बात पर भी काफी बहस हो चुकी है कि व्यक्ति को किस समय खाना चाहिए, ताकि उसे डाइटिंग का फायदा मिल सके। चूहों पर किए गए हमारे नए शोध में हमने पाया है कि दिन में खाने के समय को 10 घंटे तय करने से काफी हद तक फायदा मिल सकता है। इस डाइट में यह भी मुश्किल नहीं है कि इसे लंबे समय तक फॉलो करना किसी के लिए भी कठिन हो।" इंटरमिटेंट फास्टिगं ऐसी डाइट है, जिसमें एक तय समय के भीतर खाने और बाकी समय भूखे रहने का नियम है।

कैसे की गई ये स्टडी?

खाने की आदत और सेहत पर इसका असर विषय पर किए गए इस पायलट शोध को साल्क इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (सैन डियागो) की टीमों द्वारा किया गया है। इस शोध में 19 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था, जो मोटापे का शिकार थे और कई तरह की मेटाबॉलिक समस्याओं से जूझ रहे थे। शोध के दौरान सभी लोगों को 24 में से 14 घंटे उपवास रखने को कहा गया। यानी इस दौरान सभी को कुल 10 घंटे के अंदर ही अपनी जरूरत के अनुसार खाना खाने की इजाजत थी।

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स्टडी से क्या रिजल्ट आए सामने

इस अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि सिर्फ 3 महीने के क्लीनिकल ट्रायल के दौरान ही इन सभी लोगों के बीएमआई (Body Mass Index) में 3 से 4 प्रतिशत तक कमी आई थी। इसके साथ ही इन सभी लोगों के नींद में काफी सुधार हुआ था, कोलेस्ट्रॉल में कमी दर्ज की गई और ब्लड प्रेशर भी कम पाया गया। इस तरह वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना 14 घंटे उपवास का ये नियम फॉलो करता है, तो इसमें डायबिटीज, हार्ट की बीमारियों, ब्लड प्रेशर और मोटापे की समस्या खत्म हो सकती है।

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