बिना किसी दवा या इलाज के HIV से ठीक होने वाली पहली इंसान हो सकती है ये महिला, डॉक्टर्स कर रहे हैं जांच

दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी HIV को बिना दवा-इलाज के हराने वाली पहली महिला का मामला आया सामने। वैज्ञानिकों ने माना महिला के इम्यून सिस्टम में है खास बात।
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बिना किसी दवा या इलाज के HIV से ठीक होने वाली पहली इंसान हो सकती है ये महिला, डॉक्टर्स कर रहे हैं जांच


एचआईवी (HIV) एक ऐसी बीमारी है, जिसे अब तक ज्ञात सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक माना जाता है क्योंकि इसका पूर्ण रूप से इलाज संभव नहीं है और ऐसा माना जाता है कि एचआईव होने के बाद व्यक्ति की मौत निश्चित है। अब तक दुनिया में सिर्फ 2 लोग ही एचआईवी से ठीक हुए हैं और दोनों का ही कैंसर का बोन-मैरो ट्रांसप्लांट किया गया था। लेकिन मेडिकल साइंस में अक्सर चमत्कार होते रहे हैं और ऐसा ही एक मामला ऑस्ट्रेलिया में सामने आया है, जहां 66 साल की एक महिला बिना किसी दवा या इलाज के HIV से संभावित रूप से ठीक हो चुकी है।

hiv treatment

28 साल से HIV पॉजिटिव थी महिला

Loreen Willenberg नाम की इस महिला को 1992 में HIV संक्रमण हुआ था। तब से ही ये महिला एचआईवी पॉजिटिव है। पिछले लगभग 28 सालों से इस महिला के शरीर ने एचआईवी के वायरस को दबाकर रखा है। ऐसे में वैज्ञानिक लगातार महिला की जांच कर इस बात का पता लगाने की कोशिश करते रहे कि महिला पर इस वायरस का खास असर क्यों नहीं हुआ। पिछले दिनों जब वैज्ञानिकों ने महिला का ब्लड सैंपल लिया और लगभग 1.5 बिलियन ब्लड सेल्स की जांच की, तो वैज्ञानिक हैरान थे क्योंकि उन्हें महिला के खून में एचआईवी वायरस नहीं मिला, यानी संभवतः ये महिला एचआईवी से पूरी तरह ठीक हो गई है, वो भी बिना किसी दवा या इलाज के। ये दुनिया का पहला ऐसा मामला है।

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first women HIV treatment

दुनिया में 64 लोग हैं जिनके शरीर पर हावी नहीं हुआ HIV वायरस

वैज्ञानिकों के अनुसार Loreen की इम्यून बायोलॉजी सामान्य लोगों से अलग है और यही कारण है कि उनके शरीर ने इस वायरस को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया है। लेकिन इस महिला के अलावा दुनिया भर में कुल 63 और ज्ञात मरीज हैं, जिनके शरीर ने HIV के संक्रमण को बिना किसी दवा या इलाज के दबा कर रखा है। वैज्ञानिकों ने ऐसे लोगों को एलीट कंट्रोलर्स (Elite Controllers) नाम दिया है। एलीट कंट्रोलर्स वो लोग हैं, जिनका शरीर बिना ARVs के ही वायरस को शरीर पर हावी होने से रोक सकता है। इन्हीं 64 के समूह से ये पहली महिला है, जिसने संभवतयः एचआईवी जैसी गंभीर और खतरनाक बीमारी पर विजय पाई है।

वैज्ञानिकों में जगी उम्मीद, हो सकता है एचआईवी का इलाज

28 सालों से एचआईवी पॉजिटिव रहने के बाद अब जब इस महिला का एचआईवी टेस्ट निगेटिव आया है, तो वैज्ञानिकों को उम्मीद जगी है कि एचआईवी का इलाज संभव है। आपको बता दें कि एचआईवी मरीजों का इलाज फिलहाल एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी के द्वारा किया जाता है, जिसके तहत मरीज को 3 या ज्यादा दवाएं रोजाना लेनी पड़ती हैं।

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दुनिया में 3.8 करोड़ लोग जी रहे हैं एचआईवी के साथ

दुनियाभर में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग 3.8 करोड़ है। यूएसए में युवाओं में होने वाली मृत्यु का एक बड़ा कारण एड्स है, जहां हर साल लगभग 50,000 लोगों की इस बीमारी से मौत हो जाती है।

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