
कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए एक खास स्प्रे बनाया गया है, जिसे नाक में छिड़कने से 48 घंटे तक कोविड वायरस से सुरक्षा मिल सकेगी।
दुनियाभर में कोरोनावायरस की तीसरी लहर लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। इस बीच ब्रिटेन से अच्छी खबर सामने आई है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने एक एंटी-कोविड स्प्रे तैयार किया है, जो 48 घंटे तक कोविड-19 से आपकी सुरक्षा करेगा। खास बात ये है कि इस स्प्रे को बनाने में सभी ऐसे केमिकल्स और मैटीरियल्स का इस्तेमाल किया गया है, जो पहले से ही इंसानों पर मेडिकल यूज के लिए अप्रूव हो चुके हैं। यही कारण है कि स्प्रे बनाने वाले वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जल्द ही इस स्प्रे को अप्रूवल मिल जाएगा और ये मार्केट में लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा। ये स्प्रे बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। इस स्प्रे की खास बात यह है कि इसकी मदद से लोगों में कोविड-19 को फेफड़ों तक पहुंचने से रोका जा सकता है।
बताया जा रहा है कि इस स्प्रे में इस तरह का केमिकल यूज किया गया है, जो कोरोनावायरस को इंसान की कोशिकाओं से जुड़ने नहीं देता है। ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का कहना है कि इस एंटी कोविड-स्प्रे का इस्तेमाल सबसे पहले हाई रिस्क में रहने वाले लोगों ( (जैसे- स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, सफाईकर्मी) ) पर किया जाएगा। उनका कहना है कि स्प्रे में इस्तेमाल की जाने वाले केमिकल्स पहले से ही रेगुलेट्री बॉडीज बिट्रेन, यूरोप और अमेरिका से अप्रूव हैं। जिसका इस्तेमाल आमतौर पर दवाइयों, मेडिकल डिवाइस और फूड प्रोडक्ट्स में किया जाता है।
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किस तरह एंटी स्प्रे करेगा काम
स्प्रे दो पॉलीसेकेराइड पॉलिमर (polysaccharide polymers) से तैयार किया गया है। पहला, एंटीवायरल एजेंट जिसे कैरेजेनन (carrageenan) कहा जाता है, आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थों को गाढ़ा करने के लिए क्या जाता है। जबकि एक पॉलिमर गैलेन है, जिसका इसमें नाक के अंदर कोशिकाओं से चिपके रहने की क्षमता होती है। इस शोध में शामिल हुए डॉ. रिसचर्ड मोएक्स का कहना है कि स्प्रे में मौजूद ऐसे केमिकल हैं, जो फूड और दवाइयों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं।
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गैलेन नाक के अंदर पहुंचकर एक लेयर बना देती है। ऐसे में जब नाम में लेयर बन जाता है, तो कोरोनावायरस नाक के जरिए शरीर के अंदर पहुंच नहीं सकता है। क्योंकि लेयर पर वायरस चढ़ जाता है और जब इंसान छींकता है, जो छींक के झटके में वायरस नाक से बाहर निकल जाता है। अगर छींकने पर लेयर नाक के अंदर भी चला जाए, तो इससे इंसान के शरीर को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा।
स्प्रे मार्केट में इस्तेमाल के बाद भी फॉलो करने होंगे गाइडलाइन
बाजार में स्प्रे आने के बाद भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करनी पड़ेगी। क्योंकि मुंह और आंखों के जरिए कोरोनावायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसके साथ ही लोगों को मास्क और हैंड वॉश जैसे कोविड-19 के अन्य कई गाइडलाइंस का पालन करना होगा। इस शोध में शामिल एक अन्य वैज्ञानिक डॉ. सिमोन क्लार्क का कहना है कि कोरोना के लक्षण तभी सामने आते हैं, जब कोविड-19 हमारे फेफड़ों में पहुंचता है। इस स्प्रे की मदद से कोविड-19 हमारे फेफड़ों तक नहीं पहुंच सकेगा। इससे इंसान को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
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