शिशुओं में दिखने वाले ये सामान्य लक्षण हो सकते हैं टीबी का संकेत

शिशुओं और बच्चों में टीबी के लक्षण बहुत सामान्य होते हैं। कई बार आप इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं और ये समय के साथ घातक होते जाते हैं। इसलिए बच्चों में टीबी के इन लक्षणों को आपको भी जानना चाहिए।
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शिशुओं में दिखने वाले ये सामान्य लक्षण हो सकते हैं टीबी का संकेत

बहुत से लोग टीबी का नाम सुनकर घबरा जाते हैं क्योंकि कुछ सालों पहले तक इसका इलाज हर जगह उपलब्ध नहीं था और लोग इसकी चपेट में मौत के मुंह में चले जाते थे। टीबी एक खतरनाक बीमारी है लेकिन इसका आसान इलाज संभव है। इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। शिशुओं और बच्चों में टीबी के लक्षण बहुत सामान्य होते हैं। कई बार आप इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं और ये समय के साथ घातक होते जाते हैं। इसलिए बच्चों में टीबी के इन लक्षणों को आपको भी जानना चाहिए ताकि समय रहते इस खतरनाक रोग को पहचाना जा सके।

बच्चों में टीबी के प्रकार

बच्चों में तपेदिक कई प्रकार से हो सकता है। प्रायमरी कॉम्प्लेक्स, बाल टीबी, प्रोग्रेसिव प्राइमरी टीबी, मिलियरी टीबी (गंभीर किस्म), दिमाग की टीबी, हड्डी की टीबी।

बच्चों में टीबी के सामान्य लक्षण

खांसी आना 

बच्चे में दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय से लगातार खांसी आना, खांसी का निरंतर बने रहना। शुरूआत में सूखी खांसी आना बाद में खांसी के साथ कफ में खून भी निकलने लगता है, जो कि बच्चे में तपेदिक का प्रमुख लक्षण है।

बुखार आना

ट्यूबरकुलोसिस के कीटाणु बच्चे के फेफडे से शरीर के अन्य अंगों में बहुत जल्दी पहुंच जाते हैं। प्रोग्रेसिव प्रायमरी टीबी में बच्चा ज्यादा बीमार रहता है। इसके कारण बच्चे में लो-ग्रेड बुखार निरंतर बना रहता है। रात को सोते वक्त बच्चे को पसीना होने लगता है।

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सांस लेने में परेशानी

क्षय रोग फेफडे़ की बीमारी है। इस बीमारी में बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। क्षय रोग में खांसी के दौरान सांस लेते वक्त बच्चे की सांस फूलने लगती है और ऑक्सीजन की कमी से बच्चा बेहोश भी हो सकता है।

वजन घटना

बच्चे में टीबी होने पर वजन घटने लगता है। क्षय रोग होने से बच्चे को भूख नहीं लगती है और वह खाने से मना करता है जिसकी वजह से उसका वजन निरंतर कम होने लगता है।

सुस्त रहना

खांसी और बुखार की वजह से बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम हो जाती है। इस कारण से बच्चे की एनर्जी कम हो जाती है और वह सुस्त रहने लगता है। थोडी देर चलने पर या खेलने से बच्चे को थकान होने लगती है। किसी भी प्रकार के खेल में उसकी रूचि नहीं होती है।

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त्वचा में परिवर्तन 

बच्चे की त्वचा बहुत ही नाजुक होती है इसलिए टीबी होने पर उसकी त्वचा पीली या लाल होने लगती है। इसके अलावा बच्चे को त्वचा का इन्फेक्शन भी होने लगता है।

बच्चे के क्षय रोग की जांच

बच्चे में क्षय रोग होने पर उसके थूक और बलगम की जांच कराएं। इसके अलावा सीने का एक्स-रे, खून और स्किन की जांच कराएं।

जिस घर में छोटा बच्चा हो वहां पर और तंबाकू और धूम्रपान नहीं करना चाहिए। क्योंकि अप्रत्यक्ष रूप से धूम्रपान बच्चों में टीबी संभावना 2-3 गुना बढा देती है। घर में या पडो़स में अगर कोई टीबी का मरीज है तो बच्चे को उसके संपर्क में बिलकुल न आने दें। टीबी से ग्रस्त बच्चे में प्राय: कुपोषण और एनीमिया पाया जाता है। बच्चे को पौष्टिक और संतुलित आहार देने से टीबी का इलाज आसान हो जाता है।

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