दस्त या डायरिया, आम आंत की समस्याओं में से एक है, जो न केवल बच्चों, बल्कि बड़ों को भी परेशान कर सकती है। यह समस्या तब होती है, जब गेस्ट्रोइन्टिस्टनल सिस्टम में खराबी होती है और यह पाचन कार्यों को ठीक से ले करने में असमर्थ होता है। बार-बार शौच, पेट में हल्का दर्द और पेट फूलना दस्त के सामान्य लक्षण हैं और वे कुछ घंटों या दिनों के बाद दिखाई देने लगते हैं। कुछ मामलों में ऐसा लंबे समय तक शामिल हो सकता है। दस्त का सिर्फ एक कारण नहीं है, बल्कि कई ऐसे कारण हैं जो आपको दस्त का शिकार बना सकते हैं। आइए इलाज से पहले आप इसके कारणों पर नजर डालें।
दस्त के सामान्य कारण क्या हैं?
वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, फूड पॉइजनिंग, हाल ही में एंटी-बायोटिक का सेवन और गंदा पानी पीने आदि से भी व्यक्ति को दस्त हो सकते हैं। ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और अस्वास्थ्यकर खाने से बचने से आपको इस समस्या से आसानी से छुटकारा मिल सकता है। आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि जब भी आपको दस्त हों, तो अपने आप खुद को हाइड्रेटेड रखें। डिहाइड्रेशन बच्चों और बुजुर्गों में भी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। इसके अलावा, दस्त के मामले में, आपको यहां दी गई कुछ चीजों से बचना चाहिए, जैसे :
- दूध
- सोडा
- कार्बोनेटेड ड्रिंक
- शराब
- कैफीन युक्त पेय पदार्थ
इन चीजों का सेवन करने से दस्त के कारण होने वाली बेचैनी बढ़ सकती है और स्वास्थ्य की स्थिति और अधिक गंभीर व जटिल हो सकती है। इस प्रकार, आप यहां दी गई उपरोक्त चीजों से बचें और दस्त के लिए निम्नलिखित आयुर्वेदिक घरेलू उपचार अपनाएं।
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आयुर्वेद में कई ऐसे नुस्खे हैं, जो दस्त की समस्या से निपटने के लिए तत्काल राहत के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं। कुछ जड़ी बूटियों को दस्त के लक्षणों से राहत देने में प्रभावी पाया गया है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दस्त जैसी समस्या से निपटने और राहत प्रदान करने में आपकी मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, आप चाहें, तो दस्त या बदहजमी के लिए कुछ हेल्दी-टेस्टी जूूूस भी ट्राई कर सकते हैं।
दस्त के लिए आयुर्वेदिक हर्ब्स
यहां हमने आपको दस्त से राहत पाने के लिए 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों बताई हैं, जो आपको दस्त की समस्या से राहत पाने में मदद कर सकती हैं।
बर्बेरीन
बर्बेरीन में एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इसके अलावा, बर्बेरिन में एंटी- प्रोटोजोइक गुण भी होते हैं। प्रोटोजोइक डिजीज जैसे कि गियार्डियासिस, पेचिश, कैंडिडा औरविब्रियो कॉलरे के कारण दस्त हो सकता है।
इसबगोल या साइलीयम हस्क
इसबगोल या साइलीयम हस्क Isabagol(Psyllium Husk) एक आयुर्वेदिक बूटी है, जो हाई फाइबर से भरपूर है। यही वजह है कि ये आपको दस्त और कब्ज से राहत के सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचारों में से एक है। इसके बीजों की भूसी पानी को सोख लेती है, जिससे मल भारी हो जाता है और शौच करने में आसानी होती है। केवल दस्त के लिए ही नहीं, इसबगोल में सेहत के लिए और भी कई राज छिपे हैं।
गोल्डनसील
गोल्डनसील (Goldenseal) एक ऐसी जड़ी बूटी है, जिसमें हाई बर्बेरीन पाया जाता है, जो मैक्रोफेज की गतिविधि को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। मैक्रोफेज बैक्टीरिया और वायरस को पचाता है। इतना ही नहीं, बल्कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
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आयुर्वेद और डायरिया
कैरब पाउडर
कैरब में प्रचुर मात्रा में टैनिन (पेड़ की छाल से प्राप्त क्षार) होता है, जो हमारे आंत के श्लेष्म झिल्ली पर बाध्यकारी प्रभाव डालता है। कैरब शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है और दस्त को रोकने का काम करता है।
एकिनेसिया
एकिनेसिया (Echinacea) भी एक आपको दस्त से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। एकिनेसिया में पॉलीसेकेराइड और एल्केमाइड्स, जैसे सक्रिय तत्व मौजूद हैं। इसके अलावा, इसमें पॉलीसैटेलेन भी होता है, जिसमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी होते हैं। यह आपको दस्त से राहत दिलाने में एक असरदार नुस्खा हो सकता है।
यदि आप अक्सर दस्त से पीड़ित हैं, तो तत्काल राहत पाने के लिए आप इन सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को आज़माएँ।
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