आयुर्वेद के अनुसार बहुत फायदेमंद मानी जाती है दालचीनी, लेकिन इन 5 तरह के लोगों को नहीं करना चाहिए सेवन

दालचीनी एक पावरफुल मसाले के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधि भी है। लेकिन कुछ खास लोगों को दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके नुकसान भी हो सकते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार बहुत फायदेमंद मानी जाती है दालचीनी, लेकिन इन 5 तरह के लोगों को नहीं करना चाहिए सेवन

दालचीनी का प्रयोग एक सुगंधित मसाले के रूप में तो हमारे यहां किया ही जाता है, साथ ही आयुर्वेद में भी इसे बहुत फायदेमंद माना गया है। दालचीनी में ढेर सारे औषधीय गुण होते हैं, इसलिए आयुर्वेद में कई छोटी-बड़ी बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए दालचीनी के सेवन की सलाह दी जाती है। सामान्य खानपान और आयुर्वेद, दोनों में ही दालचीनी की छाल या इसके पाउडर का इस्तेमाल होता है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, PCOD, कैंसर आदि के मरीजों के लिए दालचीनी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। ज्यादातर लोगों के लिए दालचीनी का सीमित मात्रा में सेवन करना सुरक्षित है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें दालीचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं आयुर्वेद में किन लोगों के लिए प्रतिबंधित किया गया है दालचीनी का सेवन।

cinnamon or dalchini side effects

लिवर की समस्या वाले लोगों को

जिन लोगों को लिवर से जुड़ी कोई भी समस्या है, उन्हें दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। दालचीनी के सेवन से लिवर के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इसके अलावा बहुत अधिक मात्रा में दालचीनी का सेवन करने से भी लिवर प्रभावित हो सकता है। यही कारण है कि लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर, पीलिया आदि के मरीजों को दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए या फिर चिकित्सक/आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही सेवन करना चाहिए।

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गर्भवती महिलाएं

गर्भावस्था बहुत संवेदनशील समय होता है। इस दौरान कई पौष्टिक चीजें भी मां और शिशु की सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। दालचीनी का प्रयोग गर्भावस्था में किया तो जा सकता है, मगर इसके लिए एक्सपर्ट की सलाह लेना बहुत जरूरी है। गर्भवती महिलाओं के लिए दालचीनी का सेवन कई बार नुकसानदायक हो सकता है। इसके सेवन के कारण समय से पूर्व डिलीवरी या गर्भाशय में संकुचन की समस्या हो सकती है।

खून से जुड़ी समस्याओं वाले लोग

दालचीनी में कउमेरिन (coumarin) नामक तत्व होता है, जिसके कारण इस मसाले का स्वाद मीठा होता है। इन तत्व में खून को पतला करने वाला गुण (Blood Thinning Quality) होता है इसलिए खून से जुड़ी समस्याओं (Blood Disorders) वाले लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। संभव है कि ऐसे लोग पहले ही खून पतला करने वाली कोई दवा ले रहे हों, ऐसे में खून ज्यादा पतला होने से समस्या बढ़ सकती है।

cinnamon or dalchini uses

डायबिटीज के रोगियों के लिए

ऊपर बताया जा चुका है कि दालचीनी का प्रयोग ब्लड शुगर कंट्रोल करने में कारगर है इसलिए डायबिटीज रोगियों को इसका सेवन करना चाहिए। मगर यहां यह ध्यान देने की बात है कि अगर आप डायबिटीज का एलोपैथिक इलाज पहले से कर रहे हैं, तो दालचीनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अंग्रेजी दवाओं का सेवन करने के साथ-साथ दालचीनी का सेवन करने से दवाओं का असर कम हो सकता है और आपस में रिएक्शन हो सकता है, जिससे आपको चक्कर आने या बेहोशी की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डायबिटीज की दवाओं के साथ दालचीनी का सेवन न करें।

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मुंह के छाले और एलर्जी की समस्या में

मुंह के छाले बहुत सामान्य समस्या है, जो अक्सर लोगों को परेशान करती है। मुंह के छाले होने पर आपको दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। कई बार मुंह में छाले एलर्जी के कारण होते हैं और कई बार पाचन में गड़बड़ी के कारण। दालचीनी में मौजूद कुछ तत्व एलर्जिक रिएक्शन को बढ़ा सकते हैं, इसलिए मुंह के छालों की समस्या में या फिर किसी तरह की एलर्जी का शिकार होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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