कुपोषित बच्चों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा : रिपोर्ट

कुपोषण के कारण हर साल भारत में कई लाख बच्चों की मौत हो जाती है। दूसरे देशों की तुलना में यहां स्थिति इतनी खराब क्यों है, इस लेख में पढ़ें।
  • SHARE
  • FOLLOW
कुपोषित बच्चों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा  : रिपोर्ट


बच्चे के समुचित विकास यानी शारीरिक और मानसिक विकास के पोषण की जरूरत होती है। बच्चे के जन्म के बाद उसका पहला आहार मां का दूध होता है। लेकिन अगर मां का खानपान सही नहीं है तो उसके दूध में बच्चे के विकास के लिए जरूरी पौष्टिकता नहीं मिलेगी। इसलिए प्रसव के बाद मां को स्वस्थ आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अगर बच्चे को सही आहार न मिले तो वह कुपोषण का शिकार हो सकता है।

यूं देखा जाये तो दुनियाभर में कई देश ऐसे हैं जो बहुत पिछड़े हुए हैं। भारत गरीब नहीं विकासशील देशों में शायद सबसे आगे की कतार में है। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में कुपोषित बच्चों की संख्या दुनियाभर से कहीं अधिक है। इस लेख में जानते हैं भारत में कितने बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।

इसे भी पढ़ें, बच्‍चों को पर्यावरण हितैषी बनाने के फायदों के बारे में जानें

भारत में कुपोषण एसीएफ की रिपोर्ट

कुपोषण को लेकर हर साल कई सारे सर्वे किये जाते हैं और उनके परिणाम बहुत ही चिंताजनक होते हैं। भारत में हर साल 5 साल से कम उम्र के करीब 10 लाख बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते हैं। इसलिए भारत दुनियाभर में इस मामले में सबसे आगे है।

राजस्थान के बारन और मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में किये गये एक शोध में यह बात सामने आई कि इन मौतों को रोका जा सकता है। इसके लिए जागरुकता के साथ-साथ बच्चों को सही पोषण की भी जरूरत है। भारत में इतनी खराब स्थिति है कि इसे मेडिकल इमर्जेंसी करार दिया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें, इसलिए शिशु के लिए अमृत है मां का दूध

इस रिपोर्ट की मानें तो कुपोषण की संख्या भारत में दक्षिण एशिया के अन्य देशों से बहुत ज्याथदा है। यह रिपोर्ट भारत में जातिगत आधार पर निकाला गया है, जिसके अनुसार अनुसूचित जनजाति (28 फीसदी), अनुसूचित जाति (21 फीसदी), अन्य पिछड़ा वर्ग (20 फीसदी) और ग्रामीण समुदाय (21 फीसदी) में स्थित बदतर है।

एनएफएचएस के अनुसार

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे यानी एनएफएचएस की तीसरी रिपोर्ट के अनुसार, 40 प्रतिशत बच्चों का विकास ही नहीं हो पाता और 60 प्रतिशत बच्चों का वजन कम है।

डब्यूएचओ के अनुसार

संयुक्त राष्ट्र की मानें तो भारत में हर साल कुपोषण की वजह से मरने वाले 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या 10 लाख से भी अधिक है। दक्षिण एशिया में भारत कुपोषण के मामले में सबसे खराब हालत में है। इसमें राजस्थान और मप्र की स्थिति सबसे अधिक खराब है। संयुक्त राष्ट्र ने भारत में जो आंकड़े पाए हैं, वे अंतरराष्ट्रीय स्तर से कई गुना ज्यादा हैं।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Parenting In Hindi


Read Next

बच्चों की एड़ियों में है कौन-सा हैक, जानें इससे जुड़ी बातें...

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version