
कोरोना वायरस को फरवरी में ही वैश्विक महामारी घोषित कर दिया गया था। क्या आपके दिमाग में ये ख्याल आया कि किसी वायरस को वैश्विक महामारी किस आधार पर कहा जाता है? ज्यादातर लोग कहेंगे कि कई देशों में फैलने के कारण इसे वैश्विक महामारी कहते हैं। मगर ऐसा नहीं है। एक वायरस को वैश्विक महामारी बनाने के लिए 3 बातें महत्वपूर्ण होती हैं- पहली यह कि वायरस के फैलने वाले संक्रमण के खिलाफ पहले से इम्यूनिटी विकसित न हो, दूसरा ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैले और तीसरा व्यक्ति के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में वायरस के किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा पहुंचने के बाद उसे लक्षणों के रूप में इसका पता उसे काफी बाद में चले। इन्हीं तीनों बातों के आधार पर कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया गया है। इस वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड लगभग 5 दिन है। इसका मतलब है कि वायरस की चपेट में आने के बाद आमतौर पर लक्षणों को उभरने में 5 दिन का समय लग जाता है।
कोविड-19 वैश्विक महामारी ने दुनियाभर में बहुत सारे परिवारों को प्रभावित किया है। इस वायरस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों से लेकर सबसे निरीह व्यक्तियों तक को प्रभावित किया है। इसका सीधा अर्थ है कि वायरस इंसानों में भेद नहीं करता है। वायरस के चपेट में आए हुए लोगों में टेस्ट निगेटिव आने और हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद भी कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं।
इस आर्टिकल में डॉ. स्वाती बाथवाल आपको 10 ऐसे तरीके बता रही हैं, जो वायरस की चपेट में आने के बाद या हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद आपके शरीर को पूरी तरह रिकवर होने में मदद करेंगी।
रोज फलों और सब्जियों का सेवन करें
फलों और सब्जियों का सेवन हर रोज करें। इन्हें अच्छी तरह धोकर ही इनका इस्तेमाल करें। मेरा सुझाव है कि अपनी डाइट में रेनबो कलर्स को जोड़ें। हरी सब्जियां जैसे- पालक, परवल, मटर, करेला, पेठे वाला कद्दू, बीन्स, शिमला मिर्च, ब्रोकली, चौलाई, मेथी की पत्तियां, मूली की पत्तियां, सरसों का साग आदि खाएं। इनमें न सिर्फ आयरन और फाइबर होता है, बल्कि ढेर सारे विटामिन्स भी होते हैं। लाल कलर के फलों और सब्जियों में एक खास कंपाउंड होता है, जिसे एंथोस्यानिन (anthocyanin) कहते हैं, जो हार्ट को रोगों से बचाता है और इसके ढेर सारे और भी फायदे हैं।
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फ्राइड फूड्स और बाहर के खाने से बचें
आपको फ्राइड फूड्स से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। न तो बाहर कहीं जाकर कुछ खाएं और न ही बाहर का खाना घर लाकर खाएं। हमारा शरीर 80% ऊर्जा को पाचन में और 20% ऊर्जा को शरीर की गड़बड़ियों से उबरने में खर्च करता है। इसलिए ऐसे फूड्स खाएं, जो आसानी से पच जाएं और शरीर को उनपर ज्यादा एनर्जी न खर्च करनी पड़े। फ्राइड फूड्स को पचाना शरीर के लिए बहुत मुश्किल होता है, इसलिए इसे अवॉइड करें।
थकान से बचने के लिए ऐसे करें मील प्लान
अगर आप ज्यादातर समय थकान और आलस महसूस करते हैं, तो मेरा सुझाव है कि आप छोटे-छोटे मील्स जल्दी-जल्दी लें। इससे आपकी भूख बढ़ेगी। ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक थोड़ा-थोड़ा करके कई बार खाएं।
एनर्जी बढ़ाने वाले फूड्स खाएं
एनर्जी बढ़ाने वाले फूड्स जैसे- पानी में भिगोए हुए नट्स, दूध से बनी ड्रिंक्स, खिचड़ी, जौ का पानी, दाल, उबले हुए स्प्राउट्स, उबले हुए अंडे का सफेद हिस्सा, इडली, अप्पम, चावल, दलिया, कांजी आदि खाएं क्योंकि ये पौष्टिक होते हैं। हाइड्रेशन भी बहुत जरूरी है। अगर आपको सॉलिड फूड्स खाने की इच्छा नहीं हो रही है, तो कम से कम लिक्विड डाइट जरूर लेते रहें जैसे- जौ का पानी, नारियल पानी, शिकंजी, घर में निकाला गया फलों और सब्जियों का जूस, हर्बल चाय और अगर जरूरत हो तो ORS का घोल। पीने वाली चीजें एक साथ पीने के बजाय घूंट-घूंट कर पिएं, जिससे हाइड्रेशन बना रहे। प्रोटीन से भरपूर आहार लें जैसे दाल रोटी या खिचड़ी के साथ दही, बेसन और आटे को मिक्स करके बनाई गई रोटी, दूध में अलसी का पाउडर या नट्स डालकर पीना आदि।
काढ़ा पिएं
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन आपको अलग-अलग तरह के काढ़े पीने चाहिए न कि सिर्फ एक तरह का। हल्दी और काली मिर्च से काढ़ा बना सकते हैं या नींबू- शहद या तुलसी और अदरक का काढ़ा बना सकते हैं। आप चाहें तो पानी में नींबू और संतरे के टुकड़ों के साथ हल्दी और काली मिर्च का पाउडर डालकर इसे उबालकर भी काढ़ा बना सकते हैं। इन काढ़ों को घूंट-घूंट कर दिन में कई बार पिएं। और या रखें कि अलग-अलग तरह के काढ़े पीना फायदेमंद है।
खाने को अच्छे से पकाकर ही खाएं
अगर आप खाने को अच्छे से पकाकर खाते हैं, तो ये पूरी तरह सुरक्षित है। आप चिकन, अंडे, मछली आदि कुछ भी खाएं, मगर अच्छे से पकाकर खाएं। इस बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैौ कि नॉन वेजिटेरियन फूड्स खाने से कोविड-19 इंफेक्शन का खतरा होता है। हालांकि फ्राइड फूड्स और मीट या चिकन का फैटी वाला हिस्सा खाने से भले ही इसे पचाने में शरीर को परेशानी हो सकती है। इसलिए चिकन लेग, विंग्स आदि को न खाएं क्योंकि इनमें फैट बहुत होता है। इसके बजाय चिकन ब्रेस्ट और थाई फिलेट्स को खाएं।
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एक्सरसाइज न करें
आपको कम से कम 3-4 सप्ताह तक एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। शरीर को रिकवर होने के लिए थोड़ा टाइम दें। कुछ लोगों को कोविड-19 इंफेक्शन होकर ठीक होने के बाद भी सांस लेने में तकलीफ या सांस उखड़ने जैसी समस्याएं हो रही हैं इसलिए पहले अपने शरीर और फेफड़ों को ठीक से रिकवर होकर मजबूत हो जाने दें, उसके बाद ही एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज के बजाय अगर आप स्ट्रेचिंग करें या लाइट योगासन और प्राणायाम करें, तो आपके फेफड़ों को रिकवर होने में भी मदद मिलेगी।
बालों का झड़ना कैसे रोकें
इंफेक्शन से उबरने के दौरान बालों का झड़ना बहुत आम समस्या है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि वायरस के रिकवरी के दौरान शरीर में विटामिन्स और मिनरल्स की बहुत अधिक कमी हो सकती है। इसके अलावा बहुत बार एंटीबायोटिक दवाओं के असर से गट फ्लोरा में असंतुलन आता है और विटामिन्स, मिनरल्स का अवशोषण धीमा हो जाता है। कई बार उल्टी या पेचिश होने के कारण और खाना कम खाने के कारण भी बालों का झड़ना, नाखूनों का खुरदुरा होना और टूटना, त्वचा का रूखापन आदि समस्याएं होती हैं। बालों का झड़ना रोकने के लिए मेरा सुझाव है कि बायोटिन, जिंक और सेलेनियम लेना अच्छा रहेगा। अपना आयरन लेवल चेक करें। बायोटिन सप्लीमेंट्स के साथ मैं सुझाव दूंगी कि आप एक चम्मच मिक्स सीड्स जैसे- पंपकिन, सनफ्लावर, तिल आदि का भी सेवन हर दिन करें।
पहले से बीमारियों के शिकार लोग कैसे रखें ख्याल?
ऐसे लोग पहले से ही कई बीमारियों के शिकार हैं, उनके लिए कोविड-19 से खतरा ज्यादा है। जैसे- हाई ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए संक्रमण के दौरान स्थिति गंभीर होने का खतरा दोगुना, हार्ट के मरीजों के लिए 3 गुना, फेफड़ों के रोग जैसे सीओपीडी और अस्थमा रोगियो के लिए लगभग 6 गुना ज्यादा खतरा है और जो लोग पहले से ही किसी गंभीर बीमारी के कारण आईसीयू में हैं, उनके लिए तो ये खतरा 18 गुना से भी ज्यादा है। इसलिए ऐसे लोगों को विशेष सावधानी की जरूरत है।
इसके अलावा उन लोगों के लिए खतरा है, जिनका वजन ज्यादा है और जो वायु प्रदूषण वाले इलाकों में रहते हैं। भारी वजन या मोटापा इसलिए खतरनाक है क्योंकि बॉडी फैट ज्यादा होने के कारण सांस लेने में बाधा आती है। इसके अलावा मोटे लोगों के शरीर के ऊपरी हिस्से में फैटी टिशूज ज्यादा होते हैं। ऐसे लोगों के लिए मुख्य सावधानियां यही हैं कि ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और दूसरे सुरक्षात्मक उपायों को भी अपनाएं। इसके अलावा इम्यूनिटी बढ़ाना, शरीर में विटामिन सी, विटामिन डी के लेवल को मेनटेन रखना और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना तथा सबसे जरूरी तनाव मुक्त रहना आवश्यक है।
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पाचन ठीक रखने के लिए उपाय
एंटीबायोटिक्स के बहुत ज्यादा प्रयोग के कारण गट माइक्रोफ्लोरा में गड़बड़ी आती है। इसलिए हेल्दी पाचन के लिए इन्हें बैलेंस करना बहुत जरूरी है। इसके लिए कड़ी पत्तों के साथ छाछ पिएं और फर्मेंटेड फूड्स खाएं, जैसे- इडली, डोसा, अप्पम, ढोकला, खांडवी, फर्मेंटेड चावल, फर्मेंटेड चावल का पानी, मिसो सूप, किमची आदि। इन फर्मेंटेड फूड्स में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो गट बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और पाचन को तेज करने में मदद करते हैं। इसके लिए कुछ प्री बायोटिक फूड्स जैसे- ओट्स, केला, लहसुन आदि का सेवन भी करना चाहिए।
मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स का प्रयोग
एक महीने के लिए मल्टीविटामिन्स का प्रयोग करने में कोई बुराई नहीं है। आपके शरीर में जिंक और विटामिन सी की कमी नहीं होनी चाहिए इसलिए या तो डाइट से इसे पूरा करें या फिर डॉक्टर से सलाह लेकर मल्टीविटामिन गोलियों का सेवन करें। अगर आपकी डाइट बैलेंस है, तो आमतौर पर जिंक और विटामिन सी की कमी शरीर में नहीं होती है।
इन सब बातों के अलावा आयुष मंत्रालय, WHO और दूसरी स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा बताई गई बातों और प्रोटोकॉल्स को भी फॉलो करें। फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही प्रयोग करें। हाथ सैनिटाइज करते रहें, मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि कोविड-19 से संक्रमित होकर ठीक होने के बाद बनने वाली एंटीबॉडीज दोबारा आपको संक्रमण से बचा सकती हैं। इसलिए ठीक हो जाने के बाद भी लापरवाही न करें।
ऊपर बताई गई सभी बातें अभी तक हुई रिसर्च और आम लोगों के लिए जारी की गई प्रामाणिक जानकारियों के अनुसार बताई गई हैं। इसलिए जहां जरूरत हो, अपने डॉक्टर से संपर्क करके उनकी मदद लेना भी बहुत जरूरी है।
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