टैटू से जोखिम

परमानेंट टैटू को हटाना कठिन होता है और इसे मिटाने वाली कोई भी प्रक्रिया पूरी तरह कामयाब नहीं होती और इसके अपने साइड इफेक्ट्स होते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
टैटू से जोखिम


परमानेंट टैटू को हटाना कठिन होता है और इसे मिटाने वाली कोई भी प्रक्रिया पूरी तरह कामयाब नहीं होती और इसके अपने साइड इफेक्ट्स होते हैं। नीचे वे ट्रीटमेंट दिये गये हैं जो टैटू हटाने के लिये उपलब्ध हैं लेकिन पूरी तरह इसे मिटाना असंभव है और दाग रह जाने का खतरा हमेशा बना रहता है जिसके साथ इंफेक्शन और पिगमेंटेशन की समस्याएं भी रहती हैं।

  • लेज़र ट्रीटमेंट का सहारा लिया जा सकता है क्योंकि इसमें लेज़र बीम द्वारा पिगमेंट या डाई को तोड़ते हुए टैटू को फेड किया जाता है। इसमें प्रभावित हिस्से की त्वचा ट्रीटमेंट के बाद सफेद रंग की हो जाती है। टैटू को मिटाने के लिये अनेक सिटिंग करानी होती हैं और यह ट्रीटमेंट काफी महंगा है। कई बार टैटू पूरी तरह से मिटता नहीं केवल धूमिल (फेड) हो जाता है।
  • टैटू मिटाये जाने पर दाग रह जाने के अलावा किसी एलर्जिक रिएक्शन का होना अन्य जोखिम है क्योंकि लेज़र टैटू पिगमेंट को तोड़ता है और यह पूरे शरीर में फैलता है।
  • डर्माब्रेसनः यह एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें त्वचा की एपिडर्मिस सतह को एब्रेसन या सैंडिंग के ज़रिये हटाना शामिल है। इसके बाद नई त्वचा लेयर आ जाती है लेकिन इसमें दाग रह जा सकता है।
  • बैलून्स का उपयोग करते हुए टैटूज का सर्जिकल रिमूवल जो त्वचा में इन्सर्ट कराये जाते हैं और जिनके फूलने से टिश्यू एक्सपेंसन होता है। टैटू वाली त्वचा हट जाती है और टिश्युओं के फैल जाने के कारण दाग रहने के चांस कम हो जाते हैं।
  • कैमॉफ्लाजिंग टैटूः इस विधि में पुराने टैटू को ढंकने के लिये दूसरा टैटू बनाया जाता है। त्वचा कलर से मिलते जुलते पिगमेंट्स को टैटू पर नेचुरल त्वचा उभारने के लिये इंजेक्ट कराते हैं लेकिन इसमें फर्क साफ देखा जा सकता है क्योंकि इसमें त्वचा की नेचुरल चमक नहीं होती।

 

Read Next

टैटू हटाना

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version