वे महिलाएं, जो गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल का प्रयोग करती हैं उनके होने वाले बच्चे में व्यवहार संबंधी समस्याओं के होने का खतरा रहता है। शोधकर्ताओं ने गर्भवती महिलाओं और उनके सगे-संबंधियों को इस बात की चेतावनी दी है। जर्नल पीडियाट्रिक एंड पेरियनटल एपिडोमिलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में गर्भावस्था के बीच पैरासिटामोल लेने और छह महीने से लेकर 11 साल की उम्र के बीच बच्चे के बर्ताव के साथ 17 साल की उम्र तक उसकी मेमोरी और आईक्यू टेस्ट पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच की गई।
ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और अध्ययन की मुख्य लेखक जेन गोल्डिंग ने कहा, ''हमारे निष्कर्ष गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल लेने के संभावित प्रतिकूल प्रभाव से संबंधित सबूतों में और इजाफा करते हैं। गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल लेने से बच्चों में अस्थमा और उनके व्यवहार से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं।''
गोल्डिंग ने कहा, ''हमारे निष्कर्ष महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान दवाईयां लेने के प्रति सजग रहने की सलाह पर जोर देते हैं। इसके साथ ही उन्हें जहां डॉक्टर की सलाह की जरूरत हो, वहां उनसे सलाह जरूर करनी चाहिए।''
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शोधकर्ताओं ने ब्रिस्टल चिल्ड्रन से प्राप्त स्कूली जानकारी और सवाल-जवाबों का प्रयोग करते हुए 14,000 बच्चों के व्यवहार की जांच की और उनकी माताओं से कुछ सवाल-जवाब किए।
अध्ययन के मुताबिक, 43 फीसदी बच्चों की माताओं ने बताया कि जब वह सात महीने की गर्भवती थी तो उन्होंने पिछले तीन महीनों के दौरान अक्सर या फिर कभी-कभार पैरासिटामोल की गोलियां खाई थीं।
शोधकर्ताओं ने बच्चों की याददाश्त, आईक्यू, प्री-स्कूल डेवेलपमेंट टेस्ट और उनके व्यवहार के तरीकों के परिणामों की समीक्षा की।
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अध्ययन में पैरासिटामोल लेने और बच्चों में हाइपरएक्टीविटी व ध्यान न देने संबंधी विकार सहित कई अन्य व्यवहार समस्याओं के बीच एक संबंध पाया गया। हालांकि यह अध्ययन प्राइमरी स्कूल के समाप्त होने तक बच्चों पर किया गया था।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, पैरासिटामोल का व्यवहार संबंधी प्रभाव लड़कियों की तुलना में लड़कों पर अधिक हुआ। गोल्डिंग का कहना है कि यह जरूरी है कि हमारे निष्कर्ष अन्य अध्ययनों में भी जांचे जाएं। हम इस स्थिति में नहीं हैं कि दोनों के बीच किसी संबंध को दिखाएं बल्कि हमने दोनों के परिणामों के बीच संबंध को दर्शाया है।
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