
जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में यह कहा गया है कि डाइटिंग के साथ-साथ एक्सरसाइज करना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित नहीं होगा क्योंकि यह आपके हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। <
अगर आप उन लोगों में से हैं, जो डाइटिंग के साथ-साथ एक्सरसाइज कर रहे हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित नहीं होगा क्योंकि यह आपके हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन की मुख्य लेखक माया स्टेनेर का कहना है कि यह बात महिलाओं के लिए जानना बेहद जरूरी है कि हमारी उम्र बढ़ने पर हमारी हड्डियों का स्वास्थ्य गिरना शुरू हो जाता है। आप जितनी कैलोरी ले रही हैं और आपका एक्सरसाइज रूटीन आपकी हड्डियों की मजबूती को प्रभावित कर सकता है और आपमें फ्रेक्चर का जोखिम बढ़ा देता है।
जर्नल ऑफ बोन एंड मिनरल रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि जब हम कैलोरी पर नियंत्रण लगा देते हैं तो हमारे बोन मैरो फैट और संपूर्ण हड्डी स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने चार समूहों में अध्ययन किया हालांकि इस अध्ययन में चूहों को शामिल किया गया था। इन चार समूहों में से एक समूह को रेगुलर डाइट (आरडी) दी गई, वहीं दूसरे समूह को कैलोरी रिस्ट्रिक्टड (सीआर) डाइट दी गई, तीसरे समूह को एक्सरसाइज के साथ रेगुलर डाइट दी गई और चौथे समूह को एक्सरसाइज के साथ कैलोरी रिस्ट्रिक्टड डाइट दी गई।
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कैलोरी रिस्ट्रिक्टड समूह के चूहों ने रेगुलर डाइट के चूहों की तुलना में 30 फीसदी कम खाया। वहीं इंसानों के संदर्भ में अमेरिका के कृषि विभाग के मुताबिक, 30 की उम्र के करीब की सामान्य रूप से सक्रिय महिला को दिन में दो हजार कैलोरी लेनी चाहिए।
डाइट में 30 फीसदी की कमी दिन में 1,400 कैलोरी के समान है, जो विशेषकर उन महिलाओं को दो जाती है, जिन्हें सप्ताह में 500 ग्राम तक वजन कम करना होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कैलोरी रिस्ट्रिक्टड समूह के चूहों का वजन तो कम हो गया लेकिन उनका बोन मैरो फैट बढ़ गया।
स्टेनेर ने कहा, ''इनकी डाइट में हल्का नियंत्रण लगाया गया और हमने बोन मैरो में फैट की मात्रा अधिक बढ़ी हुई पाई।'' उन्होंने कहा, ''इस समूह की हड्डियों की गुणवत्ता में भी गिरावट दर्ज की गई। इनमें कैलोरी कम होने के कारण हड्डियां कमजोर होना शुरू हो गई।''
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हालांकि हड्डी में फैट को खराब तरीके से समझा जाता है और अभी तक मनुष्यों सहित जानवरों की हड्डियों के लिए फैट को हानिकारक माना जाता है, क्योंकि इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। कम फैट आमतौर पर बेहतर हड्डियों के स्वास्थ्य का एक संकेत है।
अध्ययन की मुख्य शोधकर्ता ने कहा, '' अगर इसे मनुष्यों के लिहाज से देखा जाए तो कम कैलोरी वाली डाइट हड्डियों के स्वास्थ्य पर नकरात्मक प्रभाव डालती है भले ही पोषण से भरी दिखाई देती हो। खासकर जब आप एक्सरसाइज के साथ ऐसा कर रहे हों तो।''
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