गर्भवती महिला की थोड़ी सी भी लापरवाही होने वाले शिशु के लिए बहुत बड़ी समस्या बन सकती है। ऐसे में हर महिला को अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखना चाहिए ज़्यादातर महिलायें घर के कामकाज या अन्य कामों में उलझकर अपनी सेहत का भी ध्यान नहीं रख पाती। कुछ महिलाएं पुरानें रीति रिवाजों को मानकर चिकित्सक को दिखाना और दवार्इयां लेना भी ज़रूरी नहीं समझती। अपना थोड़ा ख्याल रखकर हर महिला एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती है।
समय पर पौष्टिक भोजन
दिन में 5 से 6 बार पूरा आहार लें। ज्यादा देर तक भूखी न रहें। स्वस्थ व संतुलित आहार का सेवन करें। आहार में सभी प्रकार के फल, सब्जियों और अनाज को शामिल करें। ज्यादा से ज्यादा रेशे वाली सब्जियां खाएं। बच्चों की हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के निर्माण के लिए कैल्शियम की जरूरत होती हैं। और यह ज़रूरत माँ से पूरी होती हैं । यदि मां गर्भावस्था में भरपूर मात्रा में कैल्शियम युक्त आहार न लें तो बाद में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना होती हैं। इसलिए कैल्शियम युक्त आहार जैसे – दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां, ब्रोकोली आदि लेना ज़रूरी हैं।
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गर्भावस्था की दवार्इयां
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सामान्य से अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। इसलिए उन्हें चिकित्सक द्वारा दी गयी दवाओं को समय पर लेना चाहिए। बिना चिकित्सकीय सलाह के कोर्इ भी दवार्इ ना लें, इससे गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। समय समय पर अपना चेकअप करवाते रहें।
बचें इनसे
गर्भवती महिला अगर धूम्रपान और शराब का सेवन करती है, तो इसका असर उसके होने वाले बच्चे पर भी पड़ता है। इसलिए धूम्रपान और धूम्रपान करने वालों से दूरी बनाएं। गर्भावस्था के दौरान हल्का फुल्का व्यायाम करें, लेकिन भारी सामान उठाने से बचें।

पूरी नींद लें
कम से कम आठ घंटे की नींद लें। बहुत अधिक थकाने वाले काम ना करें। अगर आप रात को नहीं सो पा रही हैं तो दिन में अपनी नींद पूरी करें। नींद पूरी लेने से मेटाबॉलिज्म सिस्टम तो ठीक से काम करेगा ही, इस अवस्था में होने वाली थकान भी दूर हो जाएगी।
प्रदूषण है नुकसानदायक
एक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण महिलाएं प्राक्गर्भाक्षेपक का शिकार हो सकती हैं या बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है। इन कारणों की वजह से आप वायु प्रदूषण से बचें।
इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान रोज़ सुबह-शाम सैर करना सबसे आसान एक्सरसाइज़ है। इससे आपके पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनी रहेंगी। इससे डिलीवरी में आपको आसानी होगी। अगर आप कोई नया एक्सरसाइज शुरू करना चाहती हैं तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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