बाल केवल सौंदर्य को ही चार चांद नहीं लगाते हैं। इनकी उपयोगिता का एक नया रहस्य खुला है। जरूरत पड़ने पर डाक्टर अपने मरीज की बाईपास सर्जरी के लिए उनके ही सिर के बालों से ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाओं या त्वचा के ऊतकों को निर्माण कर सकते हैं। बहुत जल्द ही यह संभव हो जाएगा। यह दावा है यूनिवर्सिटी ऑफ बफैलो के शोधकर्ताओं का।
शोधकर्ताओं द्वारा अंजाम दिए गए एक अध्ययन से पता चला है कि भेड़ के बालों के फोलिकल्स में मौजूद अति मुलायम मांसपेशियों की कोशिकाओं से शरीर के किसी भी अंग के लिए रुधिर वाहिकाओं का संजाल तैयार किया जा सकता है। फोलिकल्स उस सूक्ष्म थैली को कहते हैं जिनसे बाल उगते हैं और जिनमें सेबालियस ग्लैंड यानी तेल ग्रंथि खुलती है।
प्रमुख शोधकर्ता स्टेलिअस एंड्रिड्स के शब्दों में, हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि बालों के फोलिकल्स से ली गई मांसपेशियों की मूल कोशिकाओं की मदद से रक्त वाहिकाओं का निर्माण किया जा सकता है। फोलिकल्स के उन जटिल तत्वों में विस्तार या संकुचन संभव है जो हृदय की धमनियों के ऊतकों की पुनर्सरचना के लिए आवश्यक होते हैं।
शोधकर्ताओं द्वारा पेश तथ्य दर्शाते हैं कि मनुष्य के बाल के फोलिकल्स की स्टेम कोशिकाओं को संकुचित और नरम मांसपेशी की कोशिकाओं के तौर पर अलग किया जा सकता है।
इस विधा से बाइपास सर्जरी के लिए रक्त वाहिकाओं और त्वचा के नए ऊतकों का निर्माण किया जा सकता है।
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