दूध ही शिशुओं का मुख्य आहार होता है। आमतौर पर 6 माह की उम्र से पहले शिशुओं को सिर्फ दूध ही पिलाया जाता है। 6 माह के बाद भी शिशु को कुछ ठोस चीजें खाने के लिए दी जाती हैं लेकिन तब भी उन्हें दूध ही ज्यादा पिलाया जाता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कुछ बच्चों में जन्म से ही लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्या पाई जाती है। ये एक ऐसी समस्या है, जिसमें बच्चा लैक्टोज यानी दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स को नहीं पचा पाता है। इन्हें खिलाने-पिलाने से उन्हें एलर्जी हो जाती है। आमतौर पर छोटे बच्चे लैक्टोज इन्टॉलरेंस के कारण समस्या होने पर खुद से नहीं बता सकते हैं, इसलिए माता-पिता को कुछ लक्षणों के द्वारा इसका पता लगाना चाहिए। आइए जानते हैं शिशुओं और बच्चों में लैक्टोज इन्टॉलरेंस के लक्षण।
लूज मोशन
यदि आपके बच्चे को दूध पीते ही पेट खराब जैसे लक्षण दिखें, तो लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्या हो सकती है। बच्चे को ये परेशानी इसलिए होती है क्योंकि दूध में लैक्टोज की मात्रा अधिक होने के बच्चा उसे ठीक से पचा नहीं पाता है। इस कारण उसका पेट खराब होने लगता है।
ब्लोटिंग
बच्चे को अगर दूध पीने के बाद ब्लोटिंग या पेट फूलने जैसी समस्या होने लगे तो समझ लीजिए कि उसे लैक्टोज इन्टॉलरेंस है। इस स्थिति में डॉक्टर से मिलकर उसकी जांच कराएं ताकि सही समय पर इससे होने वाली परेशानियों को रोका जा सके।
स्किन पर चकत्ते
कई बार बच्चों को लैक्टोज इनटॉलरेंस की समस्या होने पर स्किन पर कई तरह की एलर्जी होने लगती है। इस एलर्जी के कारण स्किन पर लाल चकत्ते और रैशेज़ आदि दिख सकते हैं। अगर बच्चे के शरीर पर अचानक से कुछ बदलाव दिखें, तो वह लैक्टोज इन्टॉलरेंस की निशानी हो सकती है। इस पर ध्यान दें।
सर्दी- खांसी
कई बार बच्चे को जल्दी-जल्दी खांसी जुकाम जैसी परेशानी होती है। ऐसे में ज्यादातर लोग ये सोच लेते हैं कि ये मौसम में बदलाव की वजह से हो रही है। लेकिन अगर बच्चे को लगातार ये समस्या हो रही है, तो वह लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्या का शिकार हो सकता है। बच्चे के ये समस्या बार बार होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
उल्टी
बच्चे को कई बार दूध और इससे बनी चीजें देने उल्टी होने लगती है। अगर ऐसा कभी-कभी होता है, तो इसके कुछ और कारण हो सकते हैं, जैसे- बच्चे का पेट भरा होना, बुखार होना या पेट में दर्द आदि होना। लेकिन अगर बच्चा हर बार दूध पिलाने पर उल्टी करता है, तो बच्चे को लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्या हो सकती है। बच्चे को ये समस्या होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। ऐसे बच्चे को कैल्शियम की आपूर्ति के लिए कोई वैकल्पिक फूड अवश्य दें।
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दूध में कैल्शियम के अलावा प्रोटीन, मिनरल्स और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो बच्चे की सेहत के लिए काफी जरूरी होते हैं। ऐसे में बच्चे को दूध से मिलने वाले पोषक तत्वों को पूरा करने के लिए अंडे, सोयाबीन, मूंगफली, ड्राई फ्रूट्स मछली आदि खिला सकते हैं। बच्चे को लैक्टोज इन्टॉलरेंस होने पर डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। बच्चे की डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से अवश्य बात करें।
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