
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है। आमतौर पर माना जाता रहा है कि डायबिटीज 40 की उम्र के बाद होती है मगर आजकल किसी भी उम्र के लोग इसका शिकार हो रहे हैं। महिलाओं में डायबिटीज के लक्षण पुरुषों से कुछ अलग हो सकते हैं। डायबिटीज का मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन हार्मोन का असंतुलन है। समय के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा तेज और ज्यादा जल्दी बदलाव होते हैं इसलिए डायबिटीज का खतरा महिलाओं को ज्यादा होता है, खासकर उन महिलाओं को जिनका वजन ज्यादा होता है। आइये देखते हैं महिलाओं में डायबिटीज के क्या हैं लक्षण।
प्यास लगना और बार-बार पेशाब
महिलाओं में डायबिटीज के खतरों के संकेत में से अधिक पेशाब आना है। महिलाओं में पेशाब रोकने की क्षमता पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है मगर डायबिटीज के दौरान बार-बार पेशाब लगना लेकिन बहुत कम मात्रा में पेशाब होना एक सामान्य लक्षण है। डायबिटीज़ 1 में प्यास भी बहुत लगती है। दरअसल, रक्त में अत्यधिक शुगर के जमा होने से पेशाब के माध्यम से शुगर बाहर निकलती है। बार-बार पेशाब जाने से व्यक्ति को बार-बार प्यास भी लगने लगती है।
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वजाइनल इंफेक्शन
कई बार महिलाओं में डायबिटीज के कारण वजाइनल इंफेक्शन या गुप्तांगों के पास छालों की समस्या हो जाती है। इसके कारण योनि के आसपास खुजली, लालिमा, अनियमित योनि स्राव, दुर्गंध या यूरीन के समय दर्द या जलन का एहसास होता है। ऐसा कई अन्य कारणों से भी हो सकता है जिनमें से मुख्य है तंग कपड़े, किसी प्रकार की क्रीम, सफाई की कमी या सेक्सुअल गतिविधि।
सिरदर्द होना
इंसुलिन बनना बंद होने से शरीर में ऊर्जा की कमी के कारण सिर दर्द होने लगता है जिससे दिमाग संबंधी बीमारियां होने का भी खतरा बढ़ जाता है। सिर में होने वाला सामान्य दर्द बहुत जल्दी-जल्दी नहीं होता है जबकि डायबिटीज या किसी अन्य रोग के कारण होने वाला दर्द सप्ताह भर के अंतराल में अक्सर ही होता रहता है। इंसुलिन की कमी से हर समय थकान की शिकायत होने लगती है।
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धुंधला दिखाई देना
डायबिटीज़ अपने साथ कई अन्य समस्याएं भी लेकर आता है। टाइप 1 डायबिटीज में महिलाओं को कई बार कम दिखने लगता है और कभी घुंधला दिखाई भी पड़ता है। आपको बता दें कि डायबिटीज का प्रभाव आपकी आंखों पर भी पड़ता है। डायबिटीज के रोगियों को डायबिटिक रेटिनोपैथी नाम की बीमारी हो सकती है, जिसके कारण कई बार अंधापन भी हो सकता है। कई बार कुछ संक्रमित बीमारियां जैसे स्किन प्रॉब्लम्स इत्यादि भी होने लगती है।
शारीरिक क्षमता में कमी
मांसपेशियों की शक्ति में अनापेक्षित कमी आना शुगर स्तर के बढ़ने और डायबिटीज का लक्षण होता है। अगर रक्त में शर्करा की मात्रा दिन में लंबे समय तक अधिक बनी रहे, तो शरीर ऊर्जा के लिए वसा और का इस्तेमाल करने लगता है। वजन कम होने की यह प्रक्रिया टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों में अधिक देखी जाती है। हालांकि, अगर लंबे समय तक टाइप 2 डायबिटीज का इलाज न करवाया जाए, तो उन्हें भी वजन घटने की शिकायत से दो-चार होना पड़ सकता है।
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