आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों के जरिए ही गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। भारत में कई ऐसे जड़ी-बूटियां हैं, जिसके बारे में हमें भी ज्ञान नहीं होता है। चिरायता भी इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है। शायद हम में से कुछ ही लोग ऐसे होंगे, जो चिरायता के बारे में जानते हैं। चिरायता एक आर्युवेदिक जड़ी बूटी है। इसका वैज्ञानिक नाम स्विर्टिया चिरेटा है। भारत के हर एक कोने में यह जड़ी-बूटी आपको आसानी से मिल जाएगी। कुछ लोग इस जड़ी-बूटी को नेपाली नीम के नाम से भी जानते हैं। आइए आज जानते हैं इस जड़ी बूटी के इस्तेमाल से होने वाले फायदों के बारे में-

घाव और पिंपल्स
स्किन के रोगों के लिए चिरायता बहुत ही फायदेमंह है। अगर आपके स्किन पर किसी भी तरह के चकत्ते, सूजन या फिर अन्य समस्या है, तो चिराता का पेस्ट प्रभावित हिस्से पर लगा लें। इससे आपके स्किन की घाव कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगी। पिंपल्स की समस्याओं के लिए भी चिरायता बहुत ही गुणकारी होता है। इसके लिए थोड़े से पानी में चिरायता को मिक्स करें और इस पानी से अपने स्किन को साफ करें। इससे पिंपल्स की समस्या ठीक हो जाएगी।
कब्ज
कब्ज को दूर करने में भी यह जड़ी-बूटी गुणकारी होता है। अगर आप कब्ज से परेशान हैं, तो इससे तैयार काढ़े का सेवन करें। इससे आपको कुछ ही दिनों में राहत मिलेगी।
वजन को कम
वजन को कम करने में भी चिरायता आपकी मदद कर सकता है। इसके सेवन से पाचनशक्ति मजबूत होती है और यह चयापचय की क्रिया बढ़ाता है। चिरायता में मौजूद मेथनॉल की उपस्थिति आपके शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।

इम्यूनिटी बूस्टर
चिरायता के सेवन से शरीर की इम्यूनिटी पावर बूस्ट होती है। यह शरीर को डिटॉक्स करने में आपकी मदद कर सकता है। ऐसे में शरीर को साफ और ताजा रखने में चिरायता काफी अच्छा माना जाता है। इसका सेवन हर आयु के बच्चे कर सकते हैं।
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बुखार
बुखार को कम करने में भी चिरायता अच्छा माना जाता है। खासतौर पर मलेरिया के बुखार को कम करने में यह असरकारी है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल टॉनिक के रूप में किया जाता है।
आंतों में सूजन
आंत में सूजन, गैस और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी समस्याओं को दूर करने में चिरायता आपकी मदद कर सकता है। इसके सेवन से पेट में एसिड का उत्पादन कम हो जाता है। ऐसे में आपके पेट में गैस नहीं बनती है। इसके अलावा आंतों के सूजन को भी कम करने में यह आपकी मदद कर सकता है। मतली और दस्त से राहत दिलाने में चिरायता आपकी मदद कर सकता है।
सोरायसिस
चिरायता से भी आप सोरायसिस का इलाज कर सकते हैं। इसके लिए 4 ग्राम चिरायता लें, इसमें 4 ग्राम कुटकी मिलाएं। इन सभी चीजों को 125 ग्राम पानी में मिक्स करें और रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह खाली पेट इसका सेवन करें और करीब 3 से 4 घंटे तक कुछ ना खाएं। इसी तरह लगातार 2 सप्ताह तक इसका सेवन करने से सोरायसिस की समस्या दूर हो जाएगी।
ब्लड शुगर
ब्लड शुगर रोगियों के लिए भी चिरायता गुणकारी होता है। यह ब्लड में शर्करा की मात्रा को कम करता है। यह स्वाद में कड़वी होती है, लेकिन शर्करा के विकारों को नष्ट करने में लाभकारी । इससे कोशिकाओं में इंसुलिन का उत्पादन तेजी से होता है। साथ ही यह शर्करा की मात्रा को कम करता है।