
कोरोनावायरस महामार थमने का नाम नहीं ले रही, जिसके बढ़ते प्रकोप के कारण भारत में दूसरी बार लॉकडाउन को बढ़ाया गया है। लॉकडाउन 3.0, में लोगों को घर के अंदर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। है। ऐसे में कुछ हो सकता है कि आप तनाव महसूस करें। तनाव आपके शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। तनाव के कारण इंसान सोचने समझने में असमर्थ महसूस करता है। यह आपको हर समय थका महसूस कराता है और न जाने कितनी अन्य समस्याओं को पैदा कर सकता है। आइए यहां विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तनाव के कुछ शारीरिक लक्षण और इससे निपटने के लिए नई गाइड लाइन जारी की है।
तनाव के शाररिक लक्षण
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यहां WHO ने तनाव के कुछ शारीरिक लक्षण बताए हैं, जिससे आप पहचान सकें कि कहीं आप भी तो तनाव में नहीं हैं। क्योंकि तनाव को समय पर निपटना जरूरी है, अन्यथा स्थिति बदतर हो सकती है और यह डिप्रेशन की स्थिति पैदा कर सकता है। यहां तनाव के कुछ शारीरिक लक्षण हैं:
- सिरदर्द
- भूख न लगना
- भारी छाती
- तंग मांसपेशियां
- पेट खराब होना
- पीठ दर्द
- गर्दन में दर्द
- कंधे में दर्द
- गले में गांठ
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तनाव से निपटने के तरीके
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में स्ट्रेस मैनेजमेंट यानि तनाव से निपटने में मदद करने के लिए दिशानिर्देशों का एक नया सेट जारी किया।
अपने विचारों और भावनाओं को कंट्रोल करना सीखें।
जब आप किसी गतिविधि पर ध्यान देते हैं, तो पूरा ध्यान वहीं दें। इससे आप इसे बेहतर करेंगे और इसे अधिक रिलैक्स फील करेंगे। यह उन चीजों के लिए काम करता है, जो आपकी रुचि के नहीं हैं और जो आपको उबाऊ लगते हैं।
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ग्राउंडिंग का अभ्यास करना
ग्राउंडिंग एक तकनीक है, जो हमें वर्तमान समय में बनाए रखने में मदद करती है। यह हमें खोए विचारों या याद को भुलाकर आज में वापस लाने में मदद करता है। यह इमोशनल ट्रॉमा से निकलने के लिए ज्यादा विशेष रूप से उपयोगी है। यह आपको कठिन परिस्थितियों के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है। WHO द्वारा सुझाई गई ग्राउंडिंग तकनीक को आप इस आधार पर आजमा सकते हैं:
1. एक ध्यान मुद्रा में बैठकर अपनी पीठ को सीधा रखते हुए मौन में बैठें।
2. आप या तो अपनी आँखें बंद कर सकते हैं या उन्हें खोल कर रख सकते हैं। धीरे- धीरे आप अपनी आंखों को और ध्यान को केंद्रित करें।
3. एक पल के लिए सोचें कि आप क्या सोच रहे हैं और आप अभी कैसा महसूस कर रहे हैं।
4. अब इसे कम करने या भुलाने का तरीका खोजें। धीरे और लंबी सांस लें, जिसमें अपनी नाक के माध्यम से एक सांस में सांस लें।
5. धीरे-धीरे अपने पैरों को फर्श में दबाएं।
6. अपने हाथों को मजबूती से दबाएं या अपनी बाहों को स्ट्रेच करें।
7. अपने आप को धीमा करने की भावना पाने की कोशिश करें। यहां क्लिक करके आप इसे विस्तार में जान सकते हैं, WHO ने इसके लिए ऑडियो क्लिप भी शेयर की है।

8. देखें कि आप कहां हैं और अपने चारों ओर की हलचल को महसूस करें। जिसमें आप 5 चीजें देखिए, जिन्हें आप देख सकते हैं, 3-4 आवाजों को सुनें, जो आप सुन सकते हैं।
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9. अब देखें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं: गर्म, ठंडा, ताजा, सूखा या नम। ध्यान दें कि आप हवा में क्या सूंघ सकते हैं।
10. ध्यान दें कि आप कहां हैं और आप क्या कर रहे हैं।
11. कुछ चीज को स्पर्श करें और ध्यान दें कि यह आपकी उंगलियों के नीचे क्या महसूस होता है।
12. अपने शरीर को किसी तरह से स्ट्रेच करें। अपनी बाहों, पैरों, पीठ और गर्दन को स्ट्रेच करें।
13. ध्यान दें कि जहाँ कठिन विचार या भावनाएँ प्रकट हो सकती हैं, वहीं आपके आस-पास एक ऐसी दुनिया भी है जिसे आप देख सकते हैं, सुन सकते हैं, सूँघ सकते हैं और छू सकते हैं।
14. आप अपने मन से कुछ भी शब्दों को चुनें और उन्हें कितना धीरे-धीरे या फिर जोर से कहें।
15. अब एक पल को महसूस करें कि आप कैसा महसूस करते हैं। "उम्मीद है कि आप हल्का महसूस करेंगे।
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