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बच्चों में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का इलाज कैसे किया जाता है? डॉक्टर से जानें

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक जेनेटिक रोग है, डॉक्टर से जानते हैं इसके इलाज का तरीका।   
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बच्चों में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का इलाज कैसे किया जाता है? डॉक्टर से जानें


कुछ आनुवांशिक बीमारियों के कारण लोगों को कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इन बीमारियों में लोगों के रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होती है। साथ ही, कुछ आनुवांशिक रोग इतने गंभीर होते हैं जिनकी वजह से लोगों को किसी न किसी के सहारे पर अपने कार्यों को पूरा करना पड़ता है। हालांकि, कुछ आनुवांशिक रोगों की प्रभाव को सही इलाज के माध्यम से कम किया जा सकता है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी भी इस तरह का एक रोग है। इसमें ब्रेन के नर्व सेल्स और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचता है। इस रोग में बच्चे की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और उसको अपने डेली कार्य के लिए भी दूसरों की मदद लेनी पड़ती है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी शिशु मृत्यु दर को बढ़ाने का एक मुख्य कारण माना जाता है। इस रोग के इलाज के बारे में हमने इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर के चीफ ऑफ स्पाइन सर्विस के डॉ. विकास टंडन से बात की, तो उन्होंने इस रोग के नए इलाज के बारे में विस्तार से बताया। 

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी के कारण - Causes Of Spinal Muscular Atrophy (SMA) In Child In Hindi 

यह रोग क्रोमोसोम 5 एसएमए (sma) "survival of motor neuron" के लिए एसएमएन नामक मोटर न्यूरॉन प्रोटीन की कमी के कारण होता है। यह प्रोटीन सामान्य मोटर न्यूरॉन फंक्शन के लिए आवश्यक होता है। एसएमएन मोटर न्यूरॉन्स में जीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सामान्य भाषा में रीढ़ की हड्डी के पास से जानें वाली नसों में गड़बड़ी के कारण इस तरह की समस्या होती है। यह एक आनुवांशिक रोग है, जो रीढ़ की हड्डी और ब्रेन के कार्य को प्रभावित करता है। वैसे, तो यह एक दुर्लभ बीमारी होती है। लेकिन, इसकी वजह से बच्चों को जान का जोखिम रहता है। इस रोग में बच्चे को कार्य करने में परेशानी होती है। सांस लेने में और खाना निगलने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। 

Spinal muscular atrophy in child

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी का इलाज का नया तरीका - Treatment Of Spinal Muscular Atrophy (SMA) In Child In Hindi

आगे डॉ. विकास टंडन के अनुसार इस रोग का इलाज के बारे में जानते हैं। 

जीन थेरेपी

जीन थेरेपी एसएमए के इलाज का नया तरीका बन सकता है। ज़ोल्गेन्स्मा जैसे नए प्रयासों ने एसएमए के उपचारों में सफलता से कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। ज़ोल्गेन्स्मा में रोगी के सेल्स में एसएमएन1 (सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन 1) जीन की तरह बनाए गए डुप्लीकेट को इंजेक्ट किया जाता है। इससे मोटर न्यूरॉन फ़ंक्शन को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। यह थेरेपी मांसपेशियों की ताकत और कार्य में सुधार कर सकती है।

फार्माकोलॉजिकल इंटरवेंशन

जीन थेरेपी से अगल स्पिनर्जा जैसे फार्माकोलॉजिकल इंटरवेंशन (इलाज की एक तकनीक) सामने आए हैं। इसमें मोटर न्यूरॉन 1 (एसएमएन1) जीन को बदल दिया गया है या हटा दिया गया है। एसएमए वाले लोग पर्याप्त एसएमएन प्रोटीन का उत्पादन करने में असमर्थ होते हैं, यह मोटर न्यूरॉन्स को कार्य करने के लिए आवश्यक होते हैं। लेकिन, उनके पास SMN2 होते हैं। लेकिन, यह मोटर न्यूरॉन्स के जीवित रहने के लिए आवश्यक पर्याप्त प्रोटीन नहीं बनाते हैं। वह स्पिनर्जा सहायता प्रदान कर सकते हैं।

इसके अलावा लाइफ क्वालिटी को इम्प्रूव करने के लिए मस्कुलोस्केलेटल की मुश्किलों को रोकना बहुत जरूरी है। एसएमए रोगियों में होने वाली एक आम समस्या स्पाइनल फ्यूजन जैसे सर्जिकल इलाज से स्कोलियोसिस को रोकने में मदद मिलती है। इसके अलावा ऑर्थोटिक उपकरणों से भी रोगियों की लाइफ स्टाइल को मैनेज किया जाता है। 

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स्पाइन मस्कुलर एट्रोफी को समझना बहुत आवश्यक है। इसके लिए जीन थेरेपी और फार्मास्युटिकल उपचार नई आशा प्रदान करते हैं, जिससे रोगियों और उनके परिवारों को राहत मिल सकती है।

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