अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी होता है, नींद की कमी से शरीर में कई अन्य दिक्कतें हो सकती है। कुछ लोगों में सोते समय खर्राटे लेने की समस्या होती है जिसकी वजह से नींद में कमी हो सकती है। नींद से जुड़ी समस्या में कई तरह के उपचार किये जाते हैं, खर्राटे की समस्या से जूझ रहे लोगों को सोमनोप्लास्टी सर्जरी की सलाह चिकित्सक द्वारा दी जाती है। नींद से जुड़ी समस्या अक्सर 40 साल के बाद ज्यादा देखने को मिलती है, 40 साल से अधिक उम्र वाले लोगों में खर्राटे लेने की समस्या आम मानी जाती है। खर्राटे लेने वाले लोगों में नींद से जुड़ी समस्या जन्म ले सकती है और खर्राटों की आदत से घर में रहने वाले दूसरे लोगों की नींद पर भी असर पड़ सकता है। खर्राटों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए सोमनोप्लास्टी काफी कारगर मानी जाती है।
खर्राटे और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के लक्षण (Obstructive Sleep Apnea)
सोते वक़्त खर्राटे लेना सामान्य माना जाता है कभी-कभी गले में कोई दिक्कत या सांस लेने में कठिनाई की वजह से भी सोते समय खर्राटे की समस्या होती है। लेकिन अक्सर जोर से या तेज आवाज में खर्राटे की समस्या नींद से जुड़ी बीमारी मानी जाती है। खर्राटों की गंभीर स्थिति को स्लीप एपनिया या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या माना जाता है। नींद से जुड़े विकार ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) की समस्या के ये लक्षण हो सकते हैं।
टॉप स्टोरीज़
- सोते समय घुटन की समस्या
- नींद में जोर से खर्राटे की समस्या
- सोते वक़्त सांस रुक जाना
- दिन में अधिक नींद
- ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल
- सिरदर्द का लगातार बने रहना
- उच्च रक्तचाप
- रात को सीने में दर्द
- चिड़चिड़ापन या अवसाद की समस्या
खर्राटों के कारण (Snoring Causes)
कुछ लोगों में नींद के दौरान खर्राटे मारने की समस्या आम होती है लेकिन इसके और भी कारण हो सकते हैं। एलर्जी, ठंढ आदि की वजह से भी कुछ समय के लिए सोते वक़्त खर्राटों की समस्या होती है लेकिन लंबे वक़्त तक इस समस्या के बने रहने से नींद संबंधी समस्याएं जन्म लेती हैं। सोते वक़्त खर्राटे लेने के कुछ प्रमुख कारण ये हो सकते हैं।
- अधिक वजन या मोटापा
- शराब का अधिक सेवन
- गले में दिक्कत
- सांस लेने से जुड़ी समस्या
- नाक से जुड़ी समस्या
- पर्याप्त नींद न लेना
- पीठ के बल सोने से
- धूम्रपान
- आनुवांशिक
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क्या होती है सोमनोप्लास्टी सर्जरी? (What is Somnoplasty Surgery)
वैसे तो खर्राटों की समस्या में कई तरह के उपचार किये जाते हैं लेकिन इस समस्या के गंभीर रूप लेने पर सोनामोप्लास्टी की जरुरत पड़ती है। स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) और खर्राटों की समस्या में सोनामोप्लास्टी सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इस सर्जरी से खर्राटे की गंभीर स्थिति का निदान किया जाता है लेकिन चिकित्सक उन लोगों को ही इस सर्जरी की सलाह देते हैं जिनमें पहले से सांस से जुड़ी कोई समस्या न हो। इस सर्जरी में रेडियोएक्टिव तरंगो का प्रयोग किया जाता है। रेडियो फ्रीक्वेंसी एनर्जी की सहायता से खर्राटों की समस्या को दूर करते हैं और इस प्रक्रिया में सॉफ्ट पेलेट (Soft Palate) जिसे म्यूकोसा भी कहा जाता है के टिश्यू को हटाया भी जाता है। आमतौर पर 30 मिनट में होने वाली इस सर्जरी में रेडियो फ्रीक्वेंसी एनर्जी का प्रयोग किया जाता है लेकिन दूसरी लेजर तकनीकों से अलग इसमें कम तापमान वाले तरंगों का इस्तेमाल होता है। एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 80 प्रतिशत लोगों में यह सर्जरी बेहद कारगर साबित होती है। इस सर्जरी की सहायता से खर्राटों के अलावा ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, नींद के समय सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्या का भी इलाज किया जाता है। सर्जरी होने के पहले 1-2 हफ्तों के तक सामान्य दिक्कतों का सामना मरीज को करना पड़ सकता है, लेकिन इसके बाद मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और सोते वक़्त स्लीप एपनिया या खर्राटों की समस्या से छुटकारा मिलता है।
सोमनोप्लास्टी सर्जरी के फायदे (Benefits of Somnoplasty Surgery)
जो लोग खर्राटों की समस्या से पीड़ित हैं या सोते वक़्त सांस से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं उनके लिए चिकित्सक इस सर्जरी की सलाह देते हैं। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से जूझ रहे लोगों के लिए यह सर्जरी बेहतर विकल्प साबित होती है। हालांकि इस समस्या के कई इलाज होते हैं लेकिन अत्यंत गंभीर स्थिति वाले रोगियों को सोनामोप्लास्टी करानी पड़ती है और ऐसी स्थिति में यह सर्जरी बेहद कामगार मानी जाती है। इस सर्जरी के प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं।
- बीमारी का जल्दी ठीक होना
- जोखिम कम होता है
- खर्राटों की समस्या से छुटकारा
- स्लीप एपनिया में कारगर
- दर्द रहित और कम समय में होने वाली सर्जरी
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सोमनोप्लास्टी सर्जरी के नुकसान (Side Effects of Somnoplasty Surgery)
सोनामोप्लास्टी सर्जरी के बाद कुछ लोगों में दिक्कत भी देखी गयी है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि सभी लोगों में इसके साइड इफेक्ट्स देखे जाए लेकिन स्वास्थ्य की स्थिति के हिसाब से लोगों में इस सर्जरी के बाद दिक्कत होती है। ज्यादातर एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि यह सर्जरी स्लीप एपनिया और खर्राटों की समस्या में 80 प्रतिशत लोगों पर कारगर होती है, इस प्रकार से अगर देखा जाए तो 20 प्रतिशत लोगों पर इसका असर नहीं होता। सोमनोप्लास्टी सर्जरी के नुकसान कुछ इस प्रकार से हैं।
- आवाज में बदलाव
- नाक के आकार में परिवर्तन
- लंबे समय तक दर्द या संक्रमण
- खर्राटों की समस्या का बने रहना
- सांस लेने में दिक्कत
- गले में दर्द
खर्राटों और नींद की समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई अन्य तरीके भी होते हैं। आप अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर भी नींद और खर्राटों से जुड़ी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। वजन कम करने, शराब का सेवन कम करने या न करने से खर्राटों (Snoring) की समस्या से निजात पाया जा सकता है। इसके अलावा धूम्रपान का भी असर नींद पर होता है ऐसे में धूम्रपान से बचकर आप स्लीप एपनिया जैसी समस्या से भी निजात पा सकते हैं। इस समस्या के हावी होने पर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की समस्या और खर्राटों में चिकित्सक सोनामोप्लास्टी सर्जरी की सलाह देते हैं।
सर्जरी के बाद कई चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, मरीजों को विशेषज्ञों की सलाह का पालन जरूर करना चाहिए।
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