अक्सर आपने देखा होगा कि हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग मौजूद होते हैं जो सोते समय बड़बड़ाते हैं या बोलते हैं। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में निद्रालाप (Somniloquy) कहते हैं। यह प्रकार का स्लीप डिसऑर्डर होता है जो आम भी हो सकता है और खतरनाक भी। वैसे तो यह कोई बड़ी समस्या नहीं है लेकिन इसके कारण आसपास मौजूद लोगों को समस्या हो सकती हैं। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि नींद में बोलने की समस्या के पीछे क्या कारण (Sleep talking Causes) होते हैं? इसके लक्षण (Sleep talking symptoms) और उपचार (Sleep talking treatment) भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
नींद में बोलना उनकी स्टेज पर निर्भर करता है। अगर व्यक्ति कि 1 और 2 की स्टेज पर है तो इसमें व्यक्ति जो बोलता है वह लोगों को समझ आ जाता है। इसका मतलब यह है कि वे इतनी गहरी नींद में नहीं है। इस दौरान व्यक्ति की बातें बेमतलब नहीं होती है। उनका अर्थ निकाला जा सकता है। वहीं अगर व्यक्ति 3 या 4 स्टेज पर है तो उसकी बातों को समझना मुश्किल हो जाता है। इसका मतलब व्यक्ति गहरी नींद में है। बता दें अगर कोई व्यक्ति महीने में एक बार बोल रहा है तो यह एक आम समस्या है। अगर व्यक्ति हफ्ते में एक बार बोलता है तो इसे मध्यम स्टेज कहा जाता है और अगर व्यक्ति हर रात बोलता है तो यह स्थिति गंभीर है। ऐसे में तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए।
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नींद में बोलने के कारण (Sleep talking Causes)
1 - नींद की कमी होना या अनिद्रा का शिकार हो जाना।
2 - तनाव महसूस करना।
3 - डिप्रेशन हो जाना।
4 - तेज बुखार होना।
5 - अत्यधिक शराब पीना।
6 - स्लीप एपनिया हो जाना।
7 - किसी दवाई के दुष्प्रभाव के कारण
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नींद में बोलने के लक्षण (Sleep talking Symptoms)
1 - नींद में बड़बड़ाना
2 - किसी मानसिक विकार का शिकार हो जाना
3 - रात में दौरे पर जाना
4 - ह्यूमन बिहेवियर डिसऑर्डर हो जाएगा
5 - अत्यधिक घबराहट
6 - पसीना आना
7 - चेहरे का लाल हो जाना
8 - दिन में थकान महसूस करना
9 - अपने काम पर फोकस न कर पाना
10 - रात में डर लगना
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नींद में बोलने का इलाज (Sleep talking Treatment)
वैसे तो इस समस्या का कोई विशेष उपचार नहीं है। लेकिन डॉक्टर कुछ ऐसी स्थिति पैदा करने की सलाह देते हैं जिससे रात में बोलने की समस्या में सुधार लाया जा सके। जैसे डॉक्टर दूसरे कमरे में सोने की सलाह देते हैं। इसके अलावा जीवन शैली में बदलाव करके भी आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं। जैसे शराब का सेवन करते हैं तो इस आदत को तुरंत बदले। सोने से पहले खाना खाएं। सोने से पहले रोज वॉक करें। तनाव है तो उस तनाव को दूर करें। इसके अलावा सोने का समय निश्चित करना एक अच्छा उपाय है। सोने से पहले अपने फोन को दूर रखना भी एक अच्छा उपाय है।
नोट - बता दें कि ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि नींद में बोलने की समस्या कोई गंभीर समस्या नहीं है। लेकिन अगर यह समस्या बढ़ती जा रही है तो तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करना चाहिए। नींद में बोलने की समस्या से आसपास मौजूद लोगों को भी परेशानी हो सकती है। ऐसे में अपने जीवन में योगा, मेडिटेशन, एक्सरसाइज के माध्यम से भी समस्या को दूर किया जा सकता है।
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