सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल युवाओं में बढ़ रहा है ईटिंग डिसऑर्डर : स्टडी

ये ईटिंग डिसऑर्डर उन बच्चों में ज्यादा है, जो स्नैपचैट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ज्यादा समय बिताते हैं। 
  • SHARE
  • FOLLOW
सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल युवाओं में बढ़ रहा है ईटिंग डिसऑर्डर : स्टडी


सोशल मीडिया के अधिक इस्तेमाल के कई नुकसान है, पर हाल ही में आया एक शोध इसमें एक नए नुकसान को जोड़ता है। दरअसल एक शोध की मानें, तो सोशल मीडिया के अधिक इस्तेमाल के कारण युवा किशोरों में ईटिंग डिसऑर्डर बढ़ रहे हैं। ये बात उन माता-पिता के लिए और चिंताजनक है, जिनके बच्चों में वे लगातार खाने-पीने से जुड़ी कोई न कोई परेशानियां होते देख रहे हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, विशेष रूप से किसी सोशल प्लेटफॉर्म पर तस्वीर पोस्ट करने, जैसे कि स्नैपचैट और इंस्टाग्राम पर लगातार ज्यादा वक्त देने से युवा किशोरों में ईटिंग्स डिसऑर्डर पैदा हो रहे हैं।

Inside_social media eating disorder

क्या कहता है शोध-

अध्ययन के लिए, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ईटिंग डिसऑर्डर में प्रकाशित, शोधकर्ताओं ने 996 ग्रेड 7 और 8 किशोरों पर डेटा की जांच की। इस अध्ययन की एक श्रृंखला में शरीर पर सोशल मीडिया के प्रभाव का गहन अध्ययन किया गया। इसमें विशिष्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अव्यवस्थित खाने के व्यवहार और विचारों के बीच संबंधों की भी जांच की गई। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख लेखक साइमन विल्श ने कहा कि युवाओं पर इसके लगातार इस्तेमाल का मानसिक ही नहीं शारीरिक नुकसान भी पाए गए।

इसे भी पढ़ें : तैमूर को मिला है फिटनेस चैलेंज, सोशल मीडिया पर वीडियो हो रही है वायरल

इसके अलावा, अधिकांश अन्य अध्ययनों ने पुराने किशोरों या युवा-वयस्क महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। विल्क्स ने कहा कि युवा किशोर लड़कियों और लड़कों के बीच अव्यवस्थित भोजन और सोशल मीडिया के उपयोग के बीच संबंध पर अध्ययन ने सुझाव दिया कि सोशल मीडिया के दबावों से प्रभावित होने के लिए युवा लोगों में खाने को लेकर लचीलापन बढ़ाने के लिए और सोशल मीडिया के इस्तेमाल को कम करने के लिए अधिक प्रयास किए जाने की जरूरत है।

Inside__EATING DISORDER

अध्ययन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर इमेज पोस्टिंग और इसे देखने के लिए एक मजबूत फोकस के साथ समय का सबसे अधिक इस्तेमाल करते हुए युवाओं में कई लाइफस्टाइल डिजीज से पीड़ित होने की भी संभावनाएं जताई गई। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स और विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इंस्टाग्राम, फेसबुक, टम्बलर और स्नैपचैट के उपयोग कर रहे 996 किशोरों, खासकर जिनकी उम्र 7 और 8 वर्ष की थी उन्हें   सर्वेक्षण में शामिल किया गया।

इसे भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर अपने 'लव पार्टनर' से जुड़ी ये 5 बातें न करें शेयर, खराब होता है इम्प्रेशन

अव्यवस्थित खाने से संबंधित व्यवहारों में 51.7 प्रतिशत लड़कियों और 45 प्रतिशत लड़कों द्वारा सख्त व्यायाम और भोजन छोड़ने के साथ वजन कम करने या वजन बढ़ने को सबसे आम पाया गया। कुल 75.4 प्रतिशत लड़कियों और 69.9 प्रतिशत लड़कों के पास कम से कम एक सोशल मीडिया अकाउंट था, जिसमें इंस्टाग्राम सबसे आम था। यह 13 साल से कम उम्र के आधे बच्चों में इन प्लेटफार्मों के इस्तेमाल में भी बढ़ोतरी हुई है। ईटिंग डिसऑर्डर को रोकने का एक प्रमुख उपाय ये हो सकता है कि मां-बाप अपने बच्चों के आत्म-योग्यता, क्षमताओं, मूल्यों और रिश्तों के मिश्रण का इस्तेमाल करके उन्हें खुद से जोड़े न कि फोन से।

Read more articles on Health-News in Hindi

Read Next

दुनियाभर में आखिर क्‍यों मंडरा रहा है मलेरिया का खतरा?

Disclaimer